पेट्रोल पंपों पर नकद बिक्री बढ़ी, ग्राहक दे रहे हैं 2,000 रुपये के नोट

नयी दिल्ली. पेट्रोल पंपों पर नकद देकर ईंधन खरीदने में 2,000 रुपये के नोटों का इस्तेमाल 90 प्रतिशत तक बढ़ गया है. बड़ी संख्या में ग्राहक 2,000 रुपये के नोट चलाने के लिए पेट्रोल पंपों पर जा रहे हैं. पेट्रोल पंप डीलरों ने कहा कि 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने की शुक्रवार को अचानक हुई घोषणा से पहले नकद बिक्री केवल 10 प्रतिशत थी, लेकिन अब ग्राहक 100-200 रुपये की छोटी खरीदारी करने के लिए भी 2,000 रुपये के नोट का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस वजह से पेट्रोल पंपों पर 100 रुपये और 500 रुपये के नोटों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने अब रिजर्व बैंक से अनुरोध किया है कि वह छोटे मूल्यवर्ग के पर्याप्त नोट उपलब्ध कराने के लिए बैंकों को निर्देश दे. ग्राहकों को सुचारू रूप से सेवाएं देने के लिए ऐसा करना जरूरी है. ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने एक बयान में कहा, ”ज्यादातर ग्राहक 100-200 रुपये की छोटी खरीदारी के लिए भी 2,000 रुपये के नोटों का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि पेट्रोल पंपों पर ये नोट चल जाएंगे.” बयान के मुताबिक पेट्रोल पंप डीलर ग्राहकों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे ईंधन की खरीद के लिए कार्ड या डिजिटल भुगतान का उपयोग करें.

उन्होंने कहा, ”पहले कुल नकद बिक्री में 2,000 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत थी, लेकिन अब ये आंकड़ा बढ़कर 90 प्रतिशत हो गया है. हम चाहते हैं कि बैंक दैनिक आधार पर इन नोटों को जमा करें.” इस बीच, पश्चिम बंगाल पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रसेनजीत सेन ने भी कहा कि घोषणा के बाद से 2,000 रुपये के नोटों की संख्या 10 गुना बढ़ गई है. उन्होंने का कि पहले एक पंप पर एक दिन में 10-15 नोट मिलते थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 130-140 हो गई है. कन्फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील पोद्दार ने कहा कि सामान्य व्यापार में 2,000 रुपये के नोटों का चलन जरूर बढ़ा है, लेकिन यह बढ़ोतरी असाधारण नहीं है और कोई घबराहट वाली बात नहीं है.

दिल्ली के बाजारों में 2,000 रुपये के नोट से खरीदारी बढ़ी

राष्ट्रीय राजधानी के बाजारों में खरीदार बड़ी संख्या में 2,000 रुपये के नोट लेकर आने लगे हैं जबकि यूपीआई से होने वाले भुगतान में गिरावट दर्ज की जा रही है. कारोबारियों ने सोमवार को कहा कि 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के रिजर्व बैंक के ऐलान के बाद भी खरीदारी के लिए इन नोट को स्वीकार किया जा रहा है. पहले से रखे इन नोट को लेकर कुछ खरीदार तो बहुत कम कीमत के सामान खरीदने के लिए भी आ रहे हैं.

सरोजनी नगर मार्केट के एक कारोबारी ने कहा कि पिछले कई महीनों से 2,000 रुपये के नोट देखने को भी नहीं मिले थे लेकिन रिजर्व बैंक के ऐलान के बाद हर दूसरा शख्स इसी नोट को लेकर आ रहा है. ऐसा लगता है कि लोग अपने पास मौजूद 2,000 रुपये के नोट को किसी तरह खपाना चाहते हैं. हालांकि रिजर्व बैंक ने कहा है कि 30 सितंबर तक बैंकों में जाकर इन नोट का जमा या बदला जा सकता है.

सरोजनी नगर मिनी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने कहा, “लोग हमसे 100-200 रुपये के सामान खरीद रहे हैं और 2,000 रुपये के नोट थमा रहे हैं. हमें कल कारोबारियों से यह शिकायत मिली कि नकदी से होने वाली खरीदारी अचानक बढ़ गई है. एक दिन पहले तक हर कोई यूपीआई से भुगतान करना चाहता था लेकिन अब अचानक ही नकद खरीद होने लगी है.”

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कारोबारियों को यथासंभव 2,000 रुपये के नोट स्वीकार करने के लिए कहा गया है. रंधावा ने कहा, “लोग अपने पास रखे 2,000 रुपये के नोट से छुटकारा पाने के लिए दुकान आ रहे हैं. ऐसे में उन्हें यूपीआई से भुगतान करने के लिए कहने को कोई मतलब नहीं है.” हालांकि उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से 2,000 रुपये का नोट बदलने के लिए किसी भी तरह की पर्ची भरने की जरूरत न होने संबंधी स्पष्टीकरण से राहत मिली है.

दिल्ली में गांधीनगर स्थित थोक रेडीमेड कपड़ा डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष के के बल्ली ने भी कहा कि बाजार में 2,000 रुपये का नोट लेकर आने वाले खरीदारों की तादाद बढ़ गई है. उन्होंने कहा, “हम 2,000 रुपये का नोट स्वीकार कर रहे हैं लेकिन खरीदारों से कम-से-कम 1,000 रुपये का सामान खरीदने के लिए कह रहे हैं.”

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