केंद्र ‘माचिस’ से लोगों के जीवन में उजाला लायी, बंगाल में हुई आगजनी हुई: वित्तमंत्री का पलटवार

नयी दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की केंद्र सरकार के खिलाफ की गई टिप्पणियों पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सवाल यह नहीं है कि ‘माचिस’ किसके हाथ में है बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि यह कैसे उपयोग में आती है . उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ‘माचिस’ का उपयोग लोगों के जीवन में उजाला लाने के लिये किया जबकि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद आगजनी हुई.

वित्त मंत्री लोकसभा में 2022-23 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच और 2019-20 के लिए अनुदान की अतिरिक्त मांगों पर हुई चर्चा का जवाब दे रही थीं. चर्चा में मंगलवार को भाग लेते हुए महुआ मोइत्रा ने अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘‘मैं इस सरकार और वित्त मंत्री से अनुरोध करती हूं कि अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करें. मेरा देश की जनता से आग्रह है कि जिन्हें इस देश की कमान सौंपी है, उन पर नियंत्रण करें.’’

उन्होंने इस दौरान यह पंक्ति भी पढ़ी, ‘‘सवाल यह नहीं है कि बस्तियां किसने जलाईं, सवाल यह है कि पागल के हाथ में माचिस किसने दी?’’ वित्त मंत्री सीतारमण ने पलटवार करते हुए कहा कि तृणमूल सदस्य महुआ मोइत्रा ने अपने भाषण में कहा कि ‘‘माचिस किसके हाथ में है.’’ उन्होंने कहा कि सदस्य का यह कहना ंिचता की बात है. वित्त मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में जनता जनादेश देती है और इस सरकार को भी जनता ने मौका दिया है तथा हमें जनता को नजरंदाज करने की जरूरत नहीं है.

सीतारमण ने कहा, ‘‘ मचिस किसके हाथ में कैसे उपयोग में आती है, यह महत्वपूर्ण है. माचिस किसके हाथ में कैसे उपयोग में आया, यह समझना चाहिए .’’ उन्होंने कहा कि हाल में भाजपा ने गुजरात विधानसभा चुनाव में शानदार विजय प्राप्त की और चुनाव के बाद नयी सरकार ने शांतिपूर्ण तरीके से शपथ ग्रहण की.

उन्होंने कहा कि लेकिन पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद क्या हुआ था? उन्होंने कहा, ‘‘हमारे हाथ में जब माचिस थी तो हमने उज्ज्वला योजना दी, उजाला दिया, पीएम किसान दिया, स्वच्छ भारत अभियान चलाया. आपके (तृणमूल कांग्रेस) हाथ में माचिस आई थी तो आगजनी की गयी, लूट हुई, दुष्कर्म हुए और भाजपा कार्यकर्ताओं के घर जलाये गये.’’ सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मुरलीधन तक सुरक्षित नहीं थे और बंगाल में चुनाव के बाद उन पर हमले हुए.

मंगलवार को चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस सदस्य महुआ मोइत्रा ने आर्थिक संकेतकों और अर्थव्यवस्था को संभालने के सरकार के तौर-तरीकों को लेकर निशाना साधते हुए यह सवाल भी किया था कि ‘असली पप्पू’ कौन है. उन्होंने कहा, ‘‘किसी को नीचा दिखाने के लिए ‘पप्पू’ शब्दावली का इस्तेमाल किया गया. आंकड़ों के जरिये पता चलता है कि ‘असली पप्पू’ कौन है?’’ इस पर वित्त मंत्री सीतारमण ने बुधवार को कहा कि कल सदस्य ने पूछा था कि ‘पप्पू कौन है और कहां मिलेगा?’’

उन्होंने कहा कि दरअसल हम पश्चिम बंगाल पर विचार करें और वे (महुआ) अपने आस-पास देखें तो उन्हें इसका जवाब मिल जाएगा.
उन्होंने कहा कि जिस राज्य में लोगों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं को दबा दिया गया है, वहां यह पूछने की जरूरत नहीं है.

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