मनरेगा को खत्म करने पर तुली हुई है केंद्र सरकार: कांग्रेस
नयी दिल्ली. कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए आवंटन में कटौती कर रही है और सामाजिक न्याय की इस योजना को खत्म करने पर तुली हुई है. पार्टी के प्रकोष्ठ ‘अखिल भारतीय असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस’ के प्रमुख उदित राज ने यह भी कहा कि मनरेगा में उपस्थिति के लिए “नेशनल मोबाइल मॉनिटंिरग सिस्टम” ऐप का उपयोग बंद किया जाए तथा ‘सोशल आॅडिट’ के माध्यम से इस योजना में पारर्दिशता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘(कोरोना वायरस) महामारी के दौरान मनरेगा के तहत कार्यों के लिए 1,11,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए (संशोधित बजट अनुमान 2020-21), जिससे काफी संख्या में कामगारों राहत मिली. हालांकि, यह आवंटन भी देश में उपलब्ध कार्यबल को 100 दिन का रोजगार प्रदान करने के लिए पर्याप्त नहीं था. प्रत्येक वर्ष के बजट में इसे घटाया गया है – इस साल, इसे घटाकर 60,000 करोड़ रुपये, लगभग आधा कर दिया गया.’’
उन्होंने कहा, ‘‘बजट में कटौती के कारण राज्य सरकारों को मनरेगा के कार्यों को जारी रखने में काफी मुश्किल हो रही है. बकाया राशि के लिए कई राज्य बार-बार (नरेंद्र) मोदी सरकार से संपर्क कर रहे हैं लेकिन उसे अनसुना कर दिया जा रहा है.’’ उदित राज ने आरोप लगाया, ‘‘इस तरह, इस योजना को खत्म करने की सरकार की यह अघोषित चाल है. वह सामाजिक न्याय की इस योजना को खत्म करने पर तुली हुई है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कार्य की मांगों को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया जा रहा और बहुत कम पारिश्रमिक आदि के द्वारा इस योजना को हतोत्साहित किया जा रहा है. इसके अलावा, कुछ राज्य सरकारें भी इसे लागू करने को अनिच्छुक हैं.’’