मध्यम वर्ग के लाभ के लिये व्यक्तिगत आयकर में बदलाव, 7 लाख रुपये की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं

नई कर व्यवस्था में बदलाव से आयकरदाताओं को होगा फायदा

नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सरकार ने नई कर व्यवस्था को करदाताओं के लिए और आकर्षक बनाया है और मध्यम वर्ग के लाभ के लिए इसके ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में वैकल्पिक कर प्रणाली में बदलाव का प्रस्ताव किया गया है. यह कर प्रणाली 2020-21 में पेश की गई थी. बजट पेश करने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए सीतारमण ने कहा कि देश अनुपालन में सरल और आसान प्रत्यक्ष कर प्रणाली का इंतजार करता रहा है.

वित्त मंत्री ने कहा, ”बजट में व्यक्तिगत आयकर में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है, जिससे मध्यम वर्ग लाभान्वित होगा. नई कर प्रणाली को अब अधिक आकर्षक बनाया गया है, जिससे लोग पुरानी प्रणाली से नई प्रणाली में बिना संकोच के आ सकें.” बजट में प्रस्तावित बदलाव के अनुसार, नई कर प्रणाली के तहत सात लाख रुपये की वार्षिक आय वाले व्यक्ति पर कोई कर नहीं लगाया जाएगा. लेकिन इसमें पुरानी कर प्रणाली में ही रहने वाले व्यक्ति के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया है. पुरानी कर प्रणाली किराया भत्ता (एचआरए) जैसे निवेश और व्यय पर कर छूट और कटौती प्रदान करती है.

सरकार के इस फैसले को वेतनर्किमयों को नई प्रणाली अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए उठाया गया कदम माना जा रहा है. इस प्रणाली में निवेश पर कोई छूट प्रदान नहीं की गई है. हालांकि इसमें 50,000 रुपये की मानक कटौती की अनुमति दे दी गई है.
पुरानी कर प्रणाली में समान कटौती और पांच लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं है.

सीतारमण ने कहा कि सरकार नई कर प्रणाली को इतना आकर्षक और सहज बनाना चाहती है कि करदाताओं को इसका अनुपालन बोझ नहीं लगना चाहिए. हालांकि अगर किसी को पुरानी प्रणाली ज्यादा लाभदायक लगती है तो वह उसी के तहत जारी रह सकता है.
उन्होंने कहा, ”हमारा अंतिम लक्ष्य पहले से सरल (नई) प्रणाली को और आकर्षक बनाना है.” राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि ज्यादातर करदाता नई प्रणाली को ज्यादा आकर्षक महसूस करेंगे. मल्होत्रा ने हालांकि यह जानकारी नहीं दी कि 2020-21 के बाद से नई कर प्रणाली कितने करदाताओं ने अपनाई है.

नई कर व्यवस्था में बदलाव से आयकरदाताओं को होगा फायदा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में नई कर व्यवस्था में बदलाव से करदाताओं को लाभ होगा. अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय नौ लाख रुपये है तो उन्हें अब 45,000 रुपये की ही कर देने होंगे, जो पहले 60,000 रुपये बनता था. इसी प्रकार, किसी व्यक्ति की आय अगर 15 लाख रुपये सालाना है, उसे केवल 1.5 लाख रुपये या अपनी आय का केवल 10 प्रतिशत ही कर देना होगा. यह नयी कर व्यवस्था के मौजूदा स्वरूप के तहत बनने वाले 1,87,500 रुपये से करीब 20 प्रतिशत कम है. वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यह नई कर व्यवस्था सभी करदाताओं को बड़ी राहत देगा.’’ नई कर व्यवस्था में जिस बदलाव का प्रस्ताव किया गया है, उसके तहत सात लाख रुपये तक की आय पर अब कोई कर नहीं लगेगा. हालांकि, निवेश और आवास भत्ता जैसी छूट वाली पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

साथ ही पुरानी कर व्यवस्था में मानक कटौती के रूप में 50,000 रुपये का लाभ अब नई कर व्यवस्था में भी मिलेगा. इसके अलावा, बजट में गैर-सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के समय अर्जित अवकाश के एवज में किये जाने वाले भुगतान पर कर छूट की सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है.

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