छत्तीसगढ़ कोयला उगाही मामला: ईडी ने आईपीएस अधिकारी और अन्य के खिलाफ नये सिरे से छापेमारी की

रायपुर/नयी दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और छत्तीसगढ़ एवं आंध्र प्रदेश में राजनीतिक संपर्क रखने वाले कुछ लोगों के खिलाफ अवैध कोयला उगाही मामले में चल रही धनशोधन जांच के तहत नये सिरे से छापेमारी की. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

एजेंसी ने इससे पहले कहा था कि जांच ‘‘एक बड़े घोटाले से संबंधित है जिसमें छत्तीसगढ़ में प्रति टन कोयले के परिवहन पर 25 रुपये की वसूली की जाती थी और इसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों की मिलीभगत थी’’. ईडी ने दावा किया है कि पिछले दो साल में इसके जरिये कम से कम 540 करोड़ रुपये की उगाही की गई.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल और गिरफ्तार कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल, आईपीएस अधिकारी और परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा के अलावा राज्य के रायपुर, भिलाई और महासमुंद तथा आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में लगभग दो दर्जन परिसरों पर छापे मारे गये. भारतीय पुलिस सेवा के 1997 बैच के अधिकारी, काबरा एक अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) रैंक के अधिकारी हैं और छत्तीसगढ़ सरकार के जनसंपर्क आयुक्त का प्रभार भी संभाल रहे हैं.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्रवाई की ंिनदा की और ईडी पर भाजपा नेताओं के इशारे पर कार्रवाई करने का आरोप भी लगाया.
धनशोधन का मामला जून 2022 में कर अधिकारियों द्वारा छापे के बाद दर्ज की गई आयकर विभाग की शिकायत से उत्पन्न हुआ है.
इस संबंध में ईडी द्वारा मामला दर्ज करने के बाद से राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और छत्तीसगढ़ काडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी समीर विश्नोई सहित नौ लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है.

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