छत्तीसगढ़: सार्वजनिक स्थानों में मास्क पहनना अनिवार्य

रायपुर. कोविड महामारी के मद्देनजर छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सार्वजनिक स्थानों, भीड़-भाड़ वाले बाजारों, अस्पतालों, कार्यालयों में मास्क पहनाना एवं कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है. इस संबंध में सभी संभागीय आयुक्तों, जिला कलेक्टरों को आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार सार्वजनिक स्थानों, कार्यालयों, अस्पतालों, बाजारों एवं भीड़-भाड़ वाले स्थानों, कार्य स्थलों एवं फैक्ट्री आदि में कार्य करने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मास्क, फेस कवर करना होगा. इसी प्रकार सार्वजनिक स्थलों पर थूकना प्रतिबंधित किया गया है. होम क्वारेन्टाईन में रहने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा समय-समय पर जारी होम क्वारेन्टाईन संबंधी समस्त दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना होगा. दुकानों, व्यावसायिक संस्थानों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग, फिजिकल डिस्टेंसिंग संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन कराया जाना अनिवार्य होगा.

सार्वजनिक आयोजनों के लिए अनिवार्य रूप से लेनी होगी जिला प्रशासन की अनुमति

जिले में कानून-व्यवस्था तथा शांति बनाए रखने के लिए सार्वजनिक कार्यक्रमों और आयोजनों के लिए जिला प्रशासन की अनुमति अनिवार्य रूप से प्राप्त करनी होगी. इसके लिए गृह विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने परिपत्र जारी किया है. कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा ने उक्त पत्र के हवाला से निर्देशित किया है कि विभिन्न संस्थाओं अथवा संगठनों द्वारा बिना पूर्वानुमति आयोजन/प्रदर्शन किए जाने से आम नागरिकों के रोजमर्रा के कार्यों में बाधा पहुंचने और व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित होने से उत्पन्न कठिनाइयों को दृष्टिगत रखते हुए, अनुमति पश्चात ही ऐसे आयोजन किए जाने के निर्देश प्रदान किए गए हैं.

कलेक्टर ने जारी परिपत्र में दिए गए निर्देशानुसार बताया है कि धरना, जुलूस, सभा, रैली या अन्य आयोजन की अनुमति के लिए जिला दण्डाधिकारी को निर्धारित आवेदन प्रपत्र भरकर प्रस्तुत करना होगा, जिसमें आयोजक व्यक्ति या संस्था का नाम, आयोजन अथवा प्रदर्शन का स्वरूप (धरना, रैली, धरना पश्चात ज्ञापन, धरना पश्चात रैली पश्चात ज्ञापन और अन्य विवरण), प्रदर्शन का दिनांक व समय सीमा, आयोजन-प्रदर्शन का स्थल, यदि रैली आयोजित हो रही है तो कहां से कहां तक (रूट चार्ट सहित), आयोजन का उद्देश्य, आयोजन-प्रदर्शन में शामिल होने वाले व्यक्तियों की अनुमानित संख्या, इस दौरान उपयोग होने वाले ध्वनि विस्तारक यंत्रों की जानकारी, आयोजन-प्रदर्शन में शामिल होने वाले लोगों की संख्या तथा वाहनों की अनुमानित संख्या आदि की विस्तृत जानकारी का प्रपत्र मंे उल्लेख करना अनिवार्य होगा.

इसके अलावा जारी प्रपत्र में आयोजन में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को अनुमति पत्र की समस्त शर्तों के पालन करने के निर्देश हैं. आयोजन में शामिल होने वाला व्यक्ति जिला प्रशासन और पुलिस बल का पूरा सहयोग करेगा. आयोजन के मार्ग और स्थल पर कानून-व्यवस्था और शांति पूरी तरह से बनाए रखी जाएगी. निर्धारित स्थल पर ही वाहनों की पार्किंग की जाएगी. आयोजन के दौरान आम जनता की सुविधा के लिए यातायात और सुरक्षा नियमों का पालन किया जाएगा. पूरे आयोजन की वीडियोग्राफी की जाएगी और रिकार्डिंग की एक प्रति, जुलूस-सभा के बाद दो दिनों की अवधि के भीतर संबंधित एसडीएम को प्रस्तुत करनी होगी.

इसी तरह आयोजन में लाउडस्पीकर आदि का प्रयोग जुलूस-सम्मेलन समय के दौरान प्रतिबंधित डेसिबल सीमा में किया जाएगा. ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग के संबंध में उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं ग्रीन ट्रिब्यूनल के द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन आयोजकों के द्वारा आवश्यक रूप से किया जाएगा. यह स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया है कि अनुमति नहीं मिलने पर आयोजनकर्ता उक्त आयोजन नहीं सकेंगे और यदि किया जाता है तो संबंधित के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.

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