पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने पर “दोगला रवैया” अपना रही कांग्रेस : वित्त मंत्री सीतारमण
राजस्थान में दलित महिलाओं पर 'भयंकर अत्याचार' हो रहा, दूसरे राज्यों में व्याख्यान दे रहीं प्रियंका: सीतारमण
इंदौर. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पेट्रोल-डीजल को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाना चाहती है, लेकिन कांग्रेस इस विषय पर “दोगला रवैया” अपना रही है. सीतारमण ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा और उसकी अगुवाई वाली केंद्र सरकार शुरुआत से ही पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के पक्ष में है क्योंकि इस कदम से जनता को फायदा होगा, लेकिन इस विषय में फैसले का अधिकार जीएसटी परिषद को है.
उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा पर निशाना साधते हुए कहा, “पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाए जाने से रोकने वाले कौन लोग हैं? अगर प्रियंका पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए जाने के पक्ष में हैं, तो उन्हें कांग्रेस की हर राज्य सरकार से कहना चाहिए कि वे जीएसटी परिषद में इसकी सहमति दें.” सीतारमण ने कहा कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के मामले में “दोगला रवैया” रखने वाली कांग्रेस से मीडिया को इस बारे में सवाल करना चाहिए.
इजराइल-हमास युद्ध के भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा, ”जब से रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ, तब से कच्चे तेल के दामों को लेकर लगातार अटकलबाजी चल रही है और हम इससे निपटते आ रहे हैं. आपको जानकारी होगी ही कि हमने रूस से सस्ता कच्चा तेल आयात किया है.” उन्होंने कहा, ”चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध हो या इजराइल-हमास युद्ध, दुनिया में जब भी कोई जंग होती है, तो कच्चे तेल के दामों पर असर की संभावना होती है. हम हालात पर पहले से बारीक नजर रखते आ रहे हैं.”
सीतारमण ने कहा कि सरकार टमाटर, आटा, दालों और आम जरूरत की अन्य चीजों की महंगाई पर नियंत्रण के लिए काफी पहले से कदम उठा रही है, लेकिन कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार में खाद्य मुद्रास्फीति की दर 22 महीने तक 10 फीसद से ज्यादा रही थी. उन्होंने दावा किया कि तब कांग्रेस सरकार इस महंगाई पर काबू पाने की दिशा में कुछ भी नहीं कर सकी थी.
राजस्थान में दलित महिलाओं पर ‘भयंकर अत्याचार’ हो रहा, दूसरे राज्यों में व्याख्यान दे रहीं प्रियंका: सीतारमण
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा पर हमला बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यहां कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान में दलित महिलाओं पर ‘भयंकर अत्याचार’ हो रहे हैं, लेकिन वह (प्रियंका) दूसरे राज्यों में जाकर व्याख्यान दे रही हैं. प्रियंका ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी की रैलियों में आरोप लगाया है कि सूबे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 18 साल के राज में महिलाओं से बलात्कार की घटनाएं बढ़ी हैं.
सीतारमण ने पलटवार करते हुए इंदौर में संवाददाताओं से कहा, “राजस्थान में, खासकर दलित महिलाओं पर इतने भयंकर अत्याचार हो रहे हैं कि टीवी और अखबारों में इसकी खबरें देखकर डर लगता है. इस बारे में राजस्थान सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.” उन्होंने कहा,”…लेकिन प्रियंका इस विषय में कुछ नहीं बोलतीं. वह राजस्थान जाकर मुख्यमंत्री (अशोक गहलोत) से सवाल नहीं करतीं, लेकिन दूसरे राज्यों में जाकर व्याख्यान देती हैं.” सीतारमण ने एक सवाल के जवाब में कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद कांग्रेस की ओर से माफी किसी और ने नहीं, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मांगी थी जो खुद एक सिख हैं.
भाजपा की वरिष्ठ नेता ने कहा कि सिख विरोधी दंगों के मुकदमों को कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था और केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद ये मामले दोबारा खुले और अदालतों ने इनमें फैसला सुनाया. सीतारमण ने कहा कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी सिख विरोधी दंगों के मामले में सिखों की ”चीख-पुकार” सुननी चाहिए.
केंद्रीय मंत्री ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि राज्य की “लाड़ली बहना योजना” को ”मुफ्त की रेवड़ी” बताया जाना सही नहीं है क्योंकि इसका बजटीय प्रावधान किया गया है और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये इसकी सहायता राशि महिला हितग्राहियों के बैंक खातों में भेजी जा रही है.
वित्त मंत्री ने कहा,”भाजपा उन योजनाओं का चुनावी वादे किये जाने के खिलाफ है, जिनका न तो बजट में प्रावधान किया जाता है, न ही विधानसभा में उन पर चर्चा की जाती है.” सूबे की भाजपा सरकार ने 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से करीब पांच महीने पहले 10 जून से “लाड़ली बहना योजना” की शुरूआत की थी. इसके तहत राज्य की 1.32 करोड़ महिलाओं को सरकारी खजाने से हर महीने 1,250 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है.