कांग्रेस सांसदों ने सोनिया के समर्थन में धरना दिया, प्रधानमंत्री से माफी की मांग की
नयी दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच लोकसभा में हुई नोकझोंक के विषय को लेकर मुख्य विपक्षी दल के सांसदों ने शुक्रवार को संसद परिसर में धरना दिया और कहा कि सत्तापक्ष के सदस्यों की ओर से सोनिया के साथ ‘अमर्यादित’ व्यवहार किए जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार को माफी मांगनी चाहिए.
पार्टी के लोकसभा सदस्यों और राज्यसभा सदस्यों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया. कांग्रेस के लोकसभा सांसदों के धरने में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सांसद भी शामिल हुए. पार्टी प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन ने आरोप लगाया कि उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने नहीं दिया गया क्योंकि सरकार विपक्ष और जनता की आवाज को नहीं सुनना चाहती.
उन्होंने कहा, ‘‘सोनिया जी के साथ जो अपमानजनक व्यवहार किया गया है, उस पर सरकार को र्शिमंदा होना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए. लेकिन सत्तापक्ष सदन में विपक्ष को बोलने नही दे रहा है.’’ हुसैन ने दावा किया कि सरकार सदन की कार्यवाही नहीं चलने देना चाहती है ताकि विपक्ष उससे महंगाई, बेरोजगारी, जीएसटी और अग्निपथ पर सवाल नहीं पूछ सके. धरने के दौरान कांग्रेस सांसदों ने ‘सोनिया गांधी जिंदाबाद’, ‘प्रधानमंत्री सदन में आएं और माफी मांगें’ के नारे लगाए.
कांग्रेस का आरोप है कि लोकसभा में बृहस्पतिवार को स्मृति ईरानी समेत भाजपा के कई सांसदों एवं मंत्रियों ने सोनिया गांधी के साथ अमर्यादित और अपमानजनक व्यवहार किया तथा ऐसी स्थिति पैदा कर दी गई थी कि उन्हें (सोनिया को) चोट भी लग सकती थी.
उधर, भाजपा का दावा है कि सोनिया गांधी ने स्मृति ईरानी के साथ सख्त लहजे में बात की और कहा कि ‘आप मुझसे बात मत करिये.’’
खड़गे ने सोनिया के बारे में सत्तापक्ष की टिप्पणियों को रिकार्ड से निकालने की मांग की
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जु्न खड़गे ने शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से आग्रह किया कि उच्च सदन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बारे में सत्तापक्ष की ओर से की गयी टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से हटाया जाए क्योंकि केंद्रीय मंत्रियों ने संसदीय प्रक्रियाओं एवं परिपाटी का उल्लंघन किया है.
खड़गे का कहना है कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहकर संबोधित किए जाने से जुड़ा विषय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उच्च सदन के नेता पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को उठाया था और इस दौरान दोनों ने सोनिया गांधी का उल्लेख किया जो राज्यसभा की सदस्य नहीं हैं.
उन्होंने नायडू को पत्र लिखकर कहा, ‘‘आप (नायडू) स्वयं संसदीय प्रक्रियाओं और परंपराओं से अच्छी तरह अवगत हैं. यह परिपाटी रही है कि इस सदन में दूसरे सदन या उसके सदस्यों के बारे में उल्लेख अथवा आलोचनात्मक टिप्पणी नहीं की जाती.’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने सीतारमण और गोयल टिप्पणियों के कुछ अंश का भी पत्र में उल्लेख किया और कहा कि दूसरे सदन के सदस्य के विशेषाधिकार से जुड़ा सवाल इस सदन में नहीं उठाया जा सकता.
खड़गे ने कहा, ‘‘मैं आपसे आग्रह करता हूं कि निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल द्वारा 28 जुलाई को सोनिया गांधी के संदर्भ में की गई टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटाया जाए. मैं यह भी आग्रह करता हूं कि दोनों मंत्री माफी मांगें क्योंकि उन्होंने संसदीय प्रक्रियाओं और परिपाटी का उल्लंघन किया है.’’ अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणी को लेकर वित्त मंत्री ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा था, ‘‘यह राष्ट्रपति का अपमान है. यह अस्वीकार्य है. कांग्रेस और उसकी अध्यक्ष इसके लिए माफी मांगें.’’ सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी इस विषय पर राज्यसभा में कांग्रेस को घेरा था. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से इस विषय पर माफी मांगने की मांग की थी और सवाल किया था, ‘‘ क्या कांग्रेस राष्ट्रपति पद को जाति-पांति के दायरे में बांधना चाहती है.’’