दलाई लामा के खिलाफ ‘‘चीन समर्थकों’’ ने साजिश रची : सीटीए के नेता

नयी दिल्ली. भारत में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के एक शीर्ष राजनेता पेनपा सेरिंग ने कहा कि दलाई लामा और एक लड़के से जुड़े हालिया वीडियो को लेकर किए गए आक्षेपों से तिब्बती लोग आहत हैं. उन्होंने इन आक्षेपों को आध्यात्मिक नेता की छवि को खराब करने की ‘‘चीन समर्थकों’’ की साजिश करार दिया.

‘फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब आॅफ साउथ एशिया’ की एक बैठक को बृहस्पतिवार को संबोधित करते हुए केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (निर्वासित सरकार) के सिक्योंग (राजनीतिक नेता) पेनपा सेरिंग ने आरोप लगाया कि चीन जबरन तिब्बत पर शासन कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वैधता हासिल करने की कोशिश कर रहा है. सेरिंग ने दलाई लामा और एक लड़के से जुड़े हालिया वीडियो सहित कई मुद्दों पर लोगों के सवालों के जवाब दिए.

तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने 10 अप्रैल को इस मामले पर माफी मांगी थी. उन्होंने कहा था कि ‘‘अगर उनके शब्दों से भावनाएं आहत हुई हैं’’, तो वह एक बच्चे, उसके परिवार और दोस्तों से माफी मांगते हैं. गौरतलब है कि वीडियो में तिब्बती आध्यात्मिक नेता बच्चे से कथित तौर पर अपनी जीभ ‘‘चूसने’’ के लिए कह रहे हैं. वीडियो के सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद इसे लेकर विवाड़ खड़ा हो गया था. सेरिंग ने इसे घर के किसी बड़े का प्यार भरा आचरण बताया और कहा कि ऐसा कहने के बाद दलाई लामा ने खेल-खेल में जीभ के साथ एक ‘‘शरारत’’ भी की.

उन्होंने कहा, ‘‘यह दूसरों के मनोरंजन के लिए था. अब, पीड़ित कौन है? लड़का शिकायत नहीं कर रहा है, उसकी मां शिकायत नहीं कर रही है. यहां पीड़ित परम पावन दलाई लामा है.’’ सेरिंग ने कहा कि जो क्लिप प्रसारित की जा रही है, उसके संदर्भ को समझने के लिए पूरे वीडियो को देखा जाना चाहिए. यह कथित घटना 28 फरवरी को मैक्लोडगंज के मुख्य तिब्बती मंदिर सुगलगखांग में हुई थी.

सेरिंग ने कहा, ‘‘हमारी जांच में हमने पाया कि आक्षेपों की शुरुआत चीन समर्थकों ने की, जो इस वीडियो क्लिप को प्रसारित करने की उनकी मंशा को स्पष्ट करता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसे स्पष्ट करने की जरूरत नहीं है कि दलाई लामा की छवि, प्रतिष्ठा और विरासत खराब करने से किसे फायदा होगा. साजिश के तहत छवि खराब करने के इस अभियान की व्यापकता को देखते हुए इस घटना के राजनीतिक पहलू को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.’’ सेरिंग ने जोर देकर कहा, ‘‘दलाई लामा ने एक ‘‘बेदाग जीवन’’ जिया है. वह अपने पूरे जीवन में करुणा, अहिंसा और मानवता की राह पर चले हैं.’’

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