अदालत कक्ष हुआ कागज रहित, प्रधान न्यायाधीश ने न्यायालय में नि:शुल्क वाईफाई सुविधा की घोषणा की
नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय के पहले पांच अदालत कक्ष अब वाई-फाई से लैस हो गए हैं. प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को देश की शीर्ष अदालत में डिजिटलीकरण की दिशा में इस अहम कदम की घोषणा की. न्यायालय ने सभी वकीलों, वादियों और मीडियार्किमयों के साथ परिसर में आने वाले अन्य लोगों के लिए निशुल्क वाईफाई की सुविधा उपलब्ध करायी है.
यह कदम ई-पहल के तहत उठाया गया है और ”एससीआई वाईफाई” पर लॉगइन कर इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है.
सीजेआई ने नवीनीकृत अदालत कक्ष में दिन की कार्यवाही की शुरुआत में कहा, ”हमने पहले से पांचवें अदालत कक्ष को वाईफाई से लैस कर दिया है. बार के कमरे वाईफाई से लैस हैं. अदालत के सभी कक्ष ऐसे ही होंगे, कोई किताब और कागजात नहीं होंगे – इसका यह मतलब नहीं है कि हमें किताबों और कागजात की जरूरत नहीं पड़ेगी.”
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ”कृपया मुझे फीडबैक दीजिए कि क्या सब कुछ अच्छी तरह काम कर रहा है.” शीर्ष अदालत ने छह सप्ताह के ग्रीष्मावकाश के बाद सोमवार को फिर से काम शुरू किया. उच्चतम न्यायालय के एक अधिकारी ने बताया कि वाई-फाई की सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए उपयोगकर्ताओं को अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा, जिस पर उन्हें ‘वन-टाइम पासवर्ड’ (ओटीपी) आएगा और वे इस ओटीपी को सत्यापन के लिए इस्तेमाल करेंगे.
न्यायालय ने एक परिपत्र में कहा, ”भारत के उच्चतम न्यायालय में ई-पहल के तहत वकीलों, वादियों, मीडियार्किमयों और शीर्ष अदालत आने वाले अन्य लोगों के लिए नि:शुल्क वाईफाई की सुविधा उपलब्ध है.” परिपत्र में कहा गया है, ”फिलहाल यह सुविधा प्रधान न्यायाधीश की अदालत, गलियारों और प्लाजा तथा प्रेस लाउंज समेत अदालत संख्या दो से पांच में उपलब्ध होगी.” बाद में शीर्ष अदालत ने एक बयान में कहा कि उसने न्याय प्रदान करने की प्रणाली में प्रौद्योगिकी के अधिक से अधिक इस्तेमाल के लिए हरित पहल के तहत इस ”भविष्योन्मुखी उन्नयन” की शुरुआत की है.
बयान में कहा गया है, ”न्याय प्रणाली में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ाने के माननीय प्रधान न्यायाधीश डॉ. धनंजय वाई. चंद्रचूड़ के प्रगतिशील दृष्टिकोण के तहत उच्चतम न्यायालय में अदालत संख्या एक से तीन में कई भविष्योन्मुखी उन्नयन किए गए हैं.
अदालत कक्ष में जो सुविधाएं बढ़ाई गई हैं उनमें प्रभावी संचार एवं सहयोग के लिए अत्याधुनिक डिजिटल वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) सिस्टम लगाए गए हैं.
बयान के अनुसार, ”इस सिस्टम के माध्यम से ऑनलाइन भागीदारी और बैठकें संभव हो सकेंगी और अदालत कक्ष तक पहुंच और संपर्क बढ़ेगा.” बयान में कहा गया है कि अदालत कक्ष में भविष्य के अनुरूप एलईडी वीडियो वॉल की भी स्थापना की गई है, जिसमें कैमरा फीड और मल्टीमीडिया सामग्री के लिए हाई रिजॉल्यूशन डिस्प्ले होगा.
बयान के मुताबिक, अधिवक्ताओं को मामले से संबंधित संदर्भ सामग्री और उद्धरण अपलोड करने की सुविधा प्रदान करने के लिए उच्चतम न्यायालय ने एक सॉफ्टवेयर भी विकसित किया है. बयान में कहा गया है कि पिछले साल सितंबर में संविधान पीठ की सुनवाई में कागज रहित कामकाज की दिशा में काम करने की शीर्ष अदालत की मंशा और प्रतिबद्धता देखी गई थी.
इसमें कहा गया है कि शीर्ष अदालत अधिवक्ताओं और वादकारों को अदालत कक्ष तक पहुंचने के लिए ई-पास सुविधा प्रदान करने के वास्ते एक सॉफ्टवेयर पर भी काम कर रही है. इससे पहले भी, शीर्ष अदालत ने विभिन्न न्यायिक प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण की दिशा में कई कदम उठाए थे, उनमें ”ई-एससीआर (ऑनलाइन फ्री केस रिकॉर्ड) का आरंभ, वकील उपस्थिति पोर्टल, ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल, रजिस्ट्री में ई ऑफिस मॉड्यूल का कार्यान्वयन शामिल है.”