द्रौपदी मुर्मू को केरल से मिले एक वोट को लेकर बहस शुरू, भाजपा गदगद

तिरुवनंतपुरम/पणजी/भोपाल. केरल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कोई निर्वाचित विधायक या सांसद नहीं है, लेकिन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस नीत गुटों के दबदबे वाले राज्य से राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को मिले एक संभावित वोट को लेकर प्रदेश भाजपा गदगद है मुर्मू ने बृहस्पतिवार को विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हरा दिया और राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित जनजातीय समुदाय की पहली महिला बनीं. हालांकि, केरल से मिले एक वोट के कारण राज्य की राजनीति में खलबली मच गई.

केरल की 140 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा का कोई विधायक नहीं है, ऐसे में माना जा रहा था कि सभी वोट विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को मिलेंगे. मुर्मू को केरल से एक वोट मिला जबकि 139 वोट सिन्हा को मिला. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश से भाजपा के सांसद नील रतन ंिसह पटेल को यहां मतदान करने की अनुमति दी गई थी, क्योंकि वह पलक्कड़ जिले में एक अस्पताल में आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार करा रहे हैं.

पूर्व में, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने सिन्हा को समर्थन देने की घोषणा की थी. भाजपा की प्रदेश इकाई ने मुर्मू को मिले वोट पर प्रसन्नता जाहिर की. नतीजे घोषित होने के तुरंत बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने फेसबुक पर एक पोस्ट में दोनों उम्मीदवारों को मिले वोट को लेकर एक सारणी साझा की. सुरेंद्रन ने कहा, ‘‘द्रौपदी मुर्मू को जो एक वोट केरल से मिला है, उसका अन्य 139 मतों से अधिक महत्व है.’’ उन्होंने कहा कि यह ‘नकारात्मकता’ के खिलाए एक ‘‘सकारात्मक वोट’’ है.

सुरेंद्रन ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राजग उम्मीदवार मुर्मू को मिला वोट ‘‘आकस्मिक’’ नहीं था जैसा कि कई लोगों का मानना है. भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने राज्य के सभी 140 विधायकों और राज्य के सांसदों को पत्र भेजकर मुर्मू को वोट देने का अनुरोध किया था. सुरेंद्रन ने दावा किया कि कई सांसदों, विधायकों से निजी मुलाकात में भी उन्होंने यह अनुरोध किया था. उन्होंने कहा कि राज्य के कई सांसदों, विधायकों ने निजी बातचीत में कहा था कि वे मुर्मू को वोट देना चाहेंगे.

संवाददाताओं ने जब यह सवाल पूछा कि किसने राजग उम्मीदवार को वोट दिया होगा तो सुरेंद्रन ने कहा कि इस बारे में मीडिया को पता लगाना चाहिए. मामले में कांग्रेस नेता वी डी सतीसन ने कहा कि दरअसल किसी को भी नहीं पता कि राष्ट्रपति चुनाव में क्या हुआ. सतीसन ने कोझिकोड में संवाददाताओं से कहा, ‘‘चीजों को सही से जाने बिना किसी का नाम घसीटना ठीक नहीं होगा.’’ क्या माकपा इस बारे में कोई जांच कराएगी कि किसी विधायक ने ‘क्रॉस वोंिटग’ की, यह पूछे जाने पर माकपा के प्रदेश सचिव बालकृष्णन ने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है. उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘अगर आपको पता है तो हमें बताएं.’’ क्या पार्टी को किसी विधायक द्वारा ‘क्रॉस वोंिटग’ करने को लेकर आशंका है? इस सवाल पर बालकृष्णन ने कहा कि बिना किसी प्रमाण के किसी पर दोष मढ़ना ठीक नहीं होगा.

राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों के तीन विधायकों ने क्रॉस वोंिटग की : गोवा के मुख्यमंत्री सावंत

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने दावा किया है कि राज्य में विपक्षी दलों के तीन विधायकों ने राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में ‘क्रॉस वोंिटग’ की. मुर्मू (64) ने विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर आदिवासी समुदाय से पहली राष्ट्रपति बनकर बृहस्पतिवार को इतिहास रच दिया. मुर्मू ने मतगणना में 64 प्रतिशत से अधिक वैध मत प्राप्त कर सिन्हा के खिलाफ भारी अंतर से जीत हासिल की.

सावंत ने बृहस्पतिवार रात पत्रकारों से कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगियों को 25 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, लेकिन मुर्मू को गोवा से 28 वोट मिले. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह स्पष्ट है कि विपक्ष से तीन वोट आए हैं. मुझे नहीं पता कि किन विधायकों ने मुर्मू का समर्थन किया, लेकिन मैं समर्थन के लिए उनका आभारी हूं.’’ मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि मुर्मू शीर्ष संवैधानिक पद पर निर्वाचित हुई हैं.

‘क्रॉस वोंिटग’ के आरोप को लेकर विपक्षी खेमे में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है. कांग्रेस ने दावा किया कि उसके विधायक इसमें शामिल नहीं थे. कांग्रेस विधायक कार्लोस अल्वारेस फरेरा ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसा मान लेना उचित नहीं है कि ‘क्रॉस वोंिटग’ उनकी पार्टी की ओर से हुई. उन्होंने कहा, ‘‘क्रॉस वोंिटग किसी अन्य विपक्षी दल से भी हो सकती है. कांग्रेस एक एकजुट ताकत है.’’ हालांकि, विपक्षी दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के विधायक विजय सरदेसाई ने फरेरा की टिप्पणी पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के एकजुट होने का बयान मेरे लिए खबर है.’’ उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि पार्टी में क्या हो रहा है और किसने ‘क्रॉस वोंिटग’ की होगी.

मध्य प्रदेश में 19 गैर भाजपा विधायकों ने मुर्मू को दिया वोट : भाजपा

मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को दावा किया कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दल के 19 विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया. मुर्मू (64) ने बृहस्पतिवार को विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को एक तरफा मुकाबले में हराकर भाजपा के पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनकर एक इतिहास रचा. उन्होंने मतगणना में 64 प्रतिशत से अधिक वैध मत हासिल कर सिन्हा के खिलाफ भारी अंतर से जीत हासिल की. राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान हुआ था.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ आज मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मध्य प्रदेश में 19 विधायकों (गैर भाजपा विधायकों) ने अपनी अंतरात्मा की आवाज के अनुसार बहन द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया. इसने पूर्व मुख्यमंत्रियों –कमलनाथ और दिग्विजय ंिसह (कांग्रेस के) के आदिवासी विरोधी चेहरे का पर्दाफाश किया है.’’

शर्मा ने कहा, ‘‘ मैं उन सभी 19 विधायकों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने द्रौपदी मुर्मू जी को चुनने में अपनी भागीदारी दिखाने के लिए इस ऐतिहासिक फैसले में क्रॉस वोंिटग की.’’ मध्य प्रदेश के 230 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 127 और कांग्रेस के 96 विधायक हैं. इसके अलावा बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं.

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