भाजपा की राजनीति के कारण पूरा क्रिकेट मुंबई से अहमदाबाद ले जाया गया : राउत का आरोप

निर्वाचन आयोग 'पिंजरे में बंद तोता' बन गया है: राउत

मुंबई. शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि क्रिकेट को मुंबई से गुजरात के अहमदाबाद में स्थानांतरित कर दिया गया क्योंकि सत्तारूढ. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक “राजनीतिक कार्यक्रम” आयोजित करना चाहती थी. पूर्व में मुंबई को क्रिकेट में देश का पारंपरिक केंद्र कहा जाता था. अहमदाबाद का नरेन्द्र मोदी स्टेडियम रविवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विश्व कप के फाइनल की मेजबानी कर रहा है. यह 1.32 लाख की क्षमता वाला दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है.

राउत ने दावा किया, “विश्व कप (फाइनल) अहमदाबाद में हो रहा है. पहले मुंबई क्रिकेट का ‘मक्का’ था. ऐसे सभी कार्यक्रम दिल्ली, मुंबई या कोलकाता के ईडन गार्डन में आयोजित किए जाते थे. संपूर्ण क्रिकेट को मुंबई से अहमदाबाद स्थानांतरित कर दिया गया क्योंकि वे (भाजपा) एक राजनीतिक कार्यक्रम करना चाहते थे.” राउत ने आरोप लगाया कि राजनीतिक लाभ के लिए भाजपा क्रिकेट को भी नहीं बख्शेगी.

निर्वाचन आयोग ‘पिंजरे में बंद तोता’ बन गया है: राउत

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ‘पिंजरे में बंद तोता’ व एक दिखावा बनकर रह गया है और उस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यों पर ‘आंख मूंदने’ का आरोप लगाया. शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में, राउत ने भाजपा पर पांच राज्यों में जहां (नवंबर में) विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, वहां आधार खोने के बाद मतदाताओं को ह्लरिश्वतह्व देने के लिए धार्मिक प्रचार का सहारा लेने का भी आरोप लगाया.

राउत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पिछले सप्ताह मध्य प्रदेश में दिए गए उस बयान की आलोचना की जिसमें उन्होंने लोगों से वादा किया था कि यदि भाजपा सत्ता में बनी रहती है तो वह अयोध्या में राम मंदिर के लिए सरकार द्वारा आयोजित यात्राएं कराएगी. राउत ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से धार्मिक आधार पर प्रचार था.

शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य ने आरोप लगाया कि अगर ऐसा बयान किसी कांग्रेस नेता ने दिया होता तो प्रवर्तन निदेशालय की तरह निर्वाचन आयोग भी ह्लवारंटह्व के साथ दरवाजे पर खड़ा होता. राउत ने कहा कि मतदाताओं को ह्लरिश्वतह्व देकर वोट हासिल करना चौंकाने वाला है और निर्वाचन आयोग ने अपनी आंखें बंद कर ली हैं, जो लोकतंत्र के लिए हानिकारक है. अयोध्या में राम मंदिर में प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है.

राउत ने कहा, ह्ल(पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त) टी.एन. शेषन ने अपने कार्यकाल के दौरान दिखाया कि निर्वाचन आयोग को दहाड़ना भी नहीं है, उसे बस अपनी पूंछ हिलानी है और इससे सभी राजनीतिक दलों में डर पैदा हो जाएगा. निर्वाचन आयोग एक दिखावा बन गया है.ह्व राउत ने आरोप लगाया, ह्लजो कुछ भी हुआ (पांच राज्यों, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव प्रचार के दौरान) ने साबित कर दिया है कि निर्वाचन आयोग पिंजरे में बंद तोता बन गया है.ह्व राउत ने बताया कि जब 1987 के विले पार्ले उपचुनाव में शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे ने हिंदुत्व के मुद्दे पर पार्टी उम्मीदवार रमेश प्रभु के लिए वोट मांगा, तो उनका मतदान का अधिकार छह साल के लिए रद्द कर दिया गया था. उपचुनाव जीतने वाले शिवसेना के विधायक सूर्यकांत महादिक, रमाकांत मयकर और प्रभु को अयोग्य ठहरा दिया गया था.

राउत ने आरोप लगाया, ह्लउन्होंने (भाजपा ने) निर्वाचन आयोग और अन्य संवैधानिक निकायों को साध लिया और हिंदुत्व की लड़ाई लड़ी.ह्व उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने बृहस्पतिवार को शाह के राम मंदिर दौरे के वादे पर निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा और व्यंग्यात्मक ढंग से पूछा कि क्या आयोग ने आदर्श आचार संहिता में ढील दी है. पत्र में, शिवसेना (यूबीटी) ने आयोग पर भाजपा के पक्ष में ह्लदोहरे मानदंडह्व अपनाने का आरोप लगाया.

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