पूर्वी लद्दाख : सैनिकों की वापसी हुई, जल्द शुरू होगी गश्त

नयी दिल्ली/कोलकाता/बीजिंग. भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो स्थानों-डेमचोक और देपसांग में सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और जल्द ही इन जगहों पर गश्त शुरू कर दी जाएगी. भारतीय सेना के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार को दिवाली के मौके पर दोनों पक्षों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान होगा.

भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान सैनिकों की वापसी से जुड़े सवाल पर कहा, “मुझे उम्मीद है कि इस सहमति के तहत भविष्य में संबंध सुचारू रूप से आगे बढ़ेंगे और दोनों पक्षों के बीच विशिष्ट असहमति से प्रतिबंधित या बाधित नहीं होंगे. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मतभेदों से कैसे निपटा जाए.” पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने पर दोनों देशों के बीच बनी सहमति को चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है.

जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध बरकरार था और भारत-चीन संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे. सेना के सूत्रों ने बताया कि सैनिकों के पीछे हटने के बाद सत्यापन का काम प्रगति पर है और स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के जरिये गश्त के तौर-तरीके तय किए जाएंगे. उन्होंने कहा, “स्थानीय कमांडर स्तर पर बातचीत जारी रहेगी.” सूत्रों ने 25 अक्टूबर को बताया था कि सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है.

दिवाली पर दोनों पक्षों के बीच मिठाइयों के आदान-प्रदान की योजना के बारे में पूछे जाने पर एक सूत्र ने कहा कि यह सैन्य और कूटनीतिक दोनों लिहाज से एक ‘बड़ी जीत’ है. हालांकि, फिलहाल यह पता नहीं चला है कि मिठाइयों का आदान-प्रदान कहां किया जाएगा. भारतीय और चीनी सैनिकों ने अतीत में त्योहारों और अन्य महत्वपूर्ण मौकों पर पारंपरिक रूप से पूर्वी लद्दाख सहित एलएसी पर कई सीमा चौकियों पर मिठाइयों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया है.

सूत्रों ने पहले कहा था कि सैनिकों की तैनाती और गश्त अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति के अनुसार किए जाने की संभावना है.
उन्होंने कहा था कि पिछले हफ्ते शुरू हुई सैनिकों की वापसी पूरी होने के बाद इन बिंदुओं पर गश्त शुरू कर दी जाएगी और दोनों पक्ष अपने-अपने सैनिकों को हटाने के साथ ही अस्थायी संरचनाओं को नष्ट कर देंगे. सूत्रों के मुताबिक, समझौते की रूपरेखा पर पहले राजनयिक स्तर पर हस्ताक्षर किए गए और फिर सैन्य स्तर की बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि समझौते की बारीकियों पर कोर कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान काम किया गया था.

दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते का पालन करते हुए इन क्षेत्रों में तैनात भारतीय सैनिकों ने अपने उपकरण हटाने शुरू कर दिए.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 23 अक्टूबर को रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर हुई मुलाकात में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध वाले शेष बिंदुओं से सैनिकों की वापसी और गश्त पर भारत-चीन में बनी सहमति का स्वागत किया था. दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्र को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए थे, जिसे 2020 में हुई सैन्य झड़प के बाद प्रभावित हुए संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.

राष्ट्रपति चिनफिंग और प्रधानमंत्री मोदी की बैठक ‘बहुत अहम’ : चीनी राजदूत

भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने बुधवार को कहा कि रूस के कजान में हाल में संपन्न ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ हुई बैठक ‘बहुत ही अहम’ है. चीनी राजनयिक ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में दोनों नेताओं के बीच यह पहली औपचारिक वार्ता थी, जिसमें महत्वपूर्ण सहमति बनी तथा दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों के आगे बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश तय किए गए.

‘मर्चेंट चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ द्वारा यहां आयोजित एक सत्र को संबोधित करते हुए चीनी राजनयिक ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच भारत-चीन संबंधों को सुधारने और विकसित करने पर महत्वपूर्ण आम सहमति बनी और उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को पटरी पर वापस लाने की रूपरेखा तय की. मोदी और चिनफिंग की 23 अक्टूबर को रूस के कजान में बैठक हुई थी.

पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर पूरी तरह से सैनिकों की वापसी को लेकर पूछे गए एक सवाल पर चीनी राजदूत ने कहा, ”मुझे उम्मीद है कि इस आम सहमति के आलोक में भविष्य में संबंध सुचारू रूप से आगे बढ़ेंगे और दोनों पक्षों के बीच संबंध विशिष्ट असहमतियों के कारण सीमित या बाधित नहीं होंगे. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मतभेदों को कैसे दूर किया जाए.” चीन और भारत के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू होने के संदर्भ में उन्होंने कहा, ”एक राजदूत के तौर पर मैं इसका इंतजार कर रहा हूं क्योंकि इससे समय की बचत होगी. मैं न केवल राजनीति में बल्कि व्यापार में भी सुचारू सहयोग की उम्मीद कर रहा हूं.”

पूर्वी लद्दाख में भारतीय, चीनी सैनिकों को ‘व्यवस्थित’ तरीके से पीछे किया जा रहा: चीनी विदेश मंत्रालय
चीन ने बुधवार को कहा कि चीनी और भारतीय सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने के संबंध में लिए गये निर्णय को व्यवस्थित तरीके से कार्यान्वित कर रही है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने सैनिकों को पीछे हटाने में हुई प्रगति को लेकर यहां प्रेस वार्ता में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि चीन और भारत के बीच सीमा से जुड़े मुद्दों पर एक सहमति बनी है. उन्होंने कोई विवरण देने से इनकार करते हुए कहा, ”इस वक्त, चीनी और भारतीय सैनिक समझौतों को व्यवस्थित तरीके से लागू कर रहे हैं.”

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