ED ने की सोनिया गांधी से दो घंटे पूछताछ, कांग्रेस ने किया शक्ति प्रदर्शन, दूसरे दौर की पूछताछ 25 जुलाई को

नयी दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड धनशोधन मामले में बृहस्पतिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दो घंटे तक पूछताछ की. दूसरी ओर, गांधी से पूछताछ के विरोध में पूरे देश में कांग्रेस पार्टी ने शक्ति प्रदर्शन किया और नेताओं ने गिरफ्तारियां दीं. अधिकारियों ने बताया कि कोविड संक्रमण से उबर रहीं सोनिया गांधी (75) से पूछताछ करीब दो घंटे चली और उनके अनुरोध पर पूछताछ सत्र समाप्त कर दिया गया. हालांकि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि ईडी ने सोनिया गांधी से कहा कि उनके पास अब कोई सवाल नहीं है और वह जा सकती हैं.

रमेश ने ट्विटर पर लिखा कि सोनिया गांधी ने जवाब में ईडी से कहा कि वह उनके किसी भी अन्य प्रश्न का उत्तर देने के लिए तैयार हैं और यदि आवश्यक हो तो वह रात 8 या 9 बजे तक रह सकती हैं. कांग्रेस महासचिव रमेश ने बताया कि सोनिया ने यह भी कहा कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित थीं और उन्हें अपनी दवाएं लेने की जरूरत है, इसलिए उन्हें सूचित किया जाना चाहिए कि उन्हें अगली बार कब पेश होना है.

रमेश के अनुसार ईडी ने कहा कि उसके पास बृहस्पतिवार या शुक्रवार को पूछने के लिए कुछ नहीं है, जिसके बाद सोनिया गांधी ने कहा कि वह सोमवार को पेश होने की इच्छुक हैं. सोनिया गांधी से कोविड-19 नियमों को ध्यान में रखते हुए पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान मौजूद सभी लोगों के पास कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं होने का प्रमाण पत्र था.

सोनिया गांधी से भी उसी सहायक निदेशक-स्तर के जांच अधिकारी ने पूछताछ की, जिसने इस मामले में राहुल गांधी से पूछताछ की थी. यह जांच कांग्रेस से जुड़ी ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है. ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी के पास नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र का मालिकाना हक है. पूछताछ टीम में महिला अधिकारी भी शामिल थी.
संसद में भी कांग्रेस अध्यक्ष को तलब किए जाने के मामले की गूंज सुनाई दी. विपक्षी नेताओं ने यह मामला उठाया और दूसरी तरफ सड़कों पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया.

गांधी ‘जेड प्लस’ सुरक्षा घेरे के बीच दोपहर के समय मध्य दिल्ली में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम रोड पर विद्युत लेन में स्थित संघीय जांच एजेंसी के मुख्यालय पहुंची थीं. सोनिया के साथ उनके बेटे राहुल गांधी व बेटी प्रियंका गांधी भी थे. प्रियंका गांधी को ‘प्रवर्तन भवन’ मुख्यालय में ठहरने की अनुमति दी गई ताकि स्वास्थ्य समस्या होने की स्थिति में वह अपनी मां के साथ रहें और उन्हें दवाएं दे सकें. उन्हें पूछताछ कक्ष से दूर रखा गया. राहुल बाद में वहां से चले गए.

सोनिया गांधी की पेशी से पहले दिल्ली पुलिस ने गांधी के जनपथ स्थित आवास और ईडी कार्यालय के बीच एक किलोमीटर के रास्ते पर भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया था. इलाके के आसपास यातायात पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था. पार्टी ने शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ एजेंसी की कार्रवाई की आलोचना की है और इसे ”राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘विषगुरु के राजनीतिक प्रतिशोध का सामना कर रहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए सभी कांग्रेस सांसदों एवं सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने पार्टी मुख्यालय के बाहर सामूहिक गिरफ्Þतारी दी. हमें ंिकग्सवे कैंप पुलिस थाने में जाया गया.’’ रमेश की पार्टी के उनके साथी पी. चिदंबरम ने कहा कि ईडी उच्चतम न्यायालय से ऊपर नहीं है.

चिदंबरम ने कहा, ”ईडी ऐसी कौन सी ‘जांच’ करना चाहता है, जो उच्चतम न्यायालय नहीं कर सकता?” अन्य विपक्ष नेताओं ने भी कांग्रेस के प्रदर्शन का समर्थन किया. द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), शिवसेना, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), और वाम दलों समेत 13 पार्टियों के नेताओं ने एक बयान जारी किया, जिसमें सरकार पर “जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके राजनीतिक विरोधियों व आलोचकों के खिलाफ प्रतिशोध का अभियान” चलाने का आरोप लगाया गया. राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा कि वह राजनीतिक नेताओं को अपमानित करने के ईडी के व्यवहार की कड़ी ंिनदा करते हैं.

शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘भाजपा का ‘एक्सटेंडेड डिपार्टमेंट’ (ईडी) महंगाई, बेरोजगारी को लेकर लोगों में उपजे गुस्से से पार्टी को फिर बचा रहा है. बिना किसी सबूत के विपक्षी नेताओं को बार-बार बुलाया जाना राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई है.’’ इस मुद्दे की गूंज संसद में भी सुनाई दी, जहां कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मामले को उठाया. इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने रोष प्रकट करते हुए पूछा कि विपक्षी दल क्या इस बात को मानता है या नहीं कि कानून की नजर में सभी एक हैं .

उन्होंने पूछा, ”वह कांग्रेस अध्यक्ष हैं तो क्या ‘सुपर ह्यूमन’ है?” कांग्रेस प्रमुख को इससे पहले आठ जून और 23 जून को ईडी के सामने पेश होना था, लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित होने के चलते वह पेश नहीं हो पाई थीं. एजेंसी धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत उनका बयान दर्ज करेगी. उनके बयान को आॅडियो-वीडियो माध्यम से रिकॉर्ड किया जाएगा.

यह जांच कांग्रेस से जुड़ी ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है. ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी के पास नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र का मालिकाना हक है. एजेंसी ने सोनिया गांधी के बेटे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से पिछले महीने पांच दिन के दौरान 50 घंटे से अधिक समय तक इस मामले में पूछताछ की थी.

सोनिया, राहुल से पूछताछ की कार्रवाई पिछले साल के आखिर में ईडी द्वारा धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत एक नया मामला दर्ज करने के बाद शुरू की गई. इससे पहले, एक निचली अदालत ने 2013 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा दायर एक निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर यंग इंडियन के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिया था.

सोनिया और राहुल गांधी यंग इंडियन के प्रवर्तकों और बहुलांश शेयरधारकों में से हैं. अपने बेटे की तरह कांग्रेस अध्यक्ष की भी कंपनी में 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है. स्वामी ने सोनिया, राहुल और अन्य पर धोखाधड़ी और धन का गबन करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था और कहा था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त करने के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जो एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) पर कांग्रेस का बकाया था.

पिछले साल फरवरी में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्वामी की याचिका पर प्रतिक्रिया के लिए गांधी परिवार को नोटिस जारी किया था. ईडी ने अप्रैल में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से इस मामले में पूछताछ की थी. कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि कोई गलत काम नहीं हुआ है और ‘यंग इंडियन’ कंपनी अधिनियम की धारा 25 के तहत स्थापित एक “गैर-लाभकारी” कंपनी है और इसलिए धनशोधन का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता.

बताया जाता है कि ईडी के समक्ष अपने बयान के दौरान राहुल गांधी इस बात पर अड़े रहे थे कि उन्होंने खुद या उनके परिवार ने संपत्ति का कोई निजी अधिग्रहण नहीं किया था. ईडी के अनुसार, लगभग 800 करोड़ रुपये की संपत्ति एजेएल के पास है. ईडी गांधी परिवार से जानना चाहता है कि ‘यंग इंडियन’ जैसी गैर-लाभकारी कंपनी अपनी जमीन और भवन संपत्ति को किराए पर देने की व्यावसायिक गतिविधियों को कैसे अंजाम दे रही थी.

ईडी ने सोनिया गांधी से 25 जुलाई को दूसरे दौर की पूछताछ के लिए जारी किया समन

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समन जारी कर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को नेशनल हेराल्ड समाचारपत्र से जुड़े धन शोधन मामले में 25 जुलाई को दूसरे दौर की पूछताछ के लिए बुलाया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. कोविड-19 से उबर रहीं कांग्रेस नेता से बृहस्पतिवार को करीब दो घंटे पूछताछ की गई. अधिकारियों ने कहा कि सोनिया गांधी (75 वर्ष) से पूछताछ उनके अनुरोध पर रोक दी गई. हालांकि, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ईडी ने सोनिया गांधी से कहा कि उनसे अब और पूछताछ नहीं की जाएगी और अब वह जा सकती हैं.

रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘ईडी ने कहा हमारे पास कोई सवाल नहीं, आप जा सकती हैं, मगर सोनिया जी ने कहा कि आपके जितने सवाल हैं, पूछिए, मैं रात 8-9 बजे तक रुकने को तैयार हूं. मैं साफ कर दूं कि सोनिया जी ने पूछताछ खत्म करने का कोई निवेदन नहीं किया . ” रमेश के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें कोविड-19 संक्रमण हुआ था और दवा लेने की जरूरत है, इसलिए उन्हें पहले ही बता दिया जाए कि अगली बार किस समय उपस्थित होना है.

रमेश ने कहा कि ईडी ने कहा कि बृहस्पतिवार या शुक्रवार को उनसे पूछताछ के लिए उसके पास कुछ नहीं था, इसके बाद सोनिया गांधी ने कहा कि वह सोमवार को उपस्थित होने को तैयार हैं. ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि शुरू में सोनिया गांधी से 26 जुलाई को पूछताछ के लिए समन जारी किया गया था, बाद में उनके अनुरोध पर यह तिथि 25 जुलाई कर दी गई.

अधिकारियों के कहने के बाद ईडी कार्यालय से निकलीं सोनिया, आगे कभी भी पूछताछ के लिए तैयार

कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार से जुड़े कथित धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुईं सोनिया गांधी जांच एजेंसी के अधिकारियों के कहने के बाद ईडी कार्यालय से लौटीं और आगे जब भी बुलाया जाएगा, वह पूछताछ के लिए तैयार हैं. इससे पहले, ईडी के सूत्रों ने कहा था कि सोनिया गांधी ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्हें जाने देने का अनुरोध किया, जिसे मान लिया गया.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘‘यह बात बिल्कुल गलत है कि सोनिया जी ने आग्रह किया कि वह जाना चाहती हैं. सोनिया जी ने कहा कि वह रात में आठ-नौ बजे तक बैठने के लिए तैयार हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सोनिया जी कानून के अनुसार पेश हुईं और वहां दो-ढाई घंटें रहीं. उसके बाद ईडी ने कहा कि हमें आपसे अब कुछ नहीं पूछना है, अब आप जा सकती हैं. सोनिया जी ने कहा कि आपके जो भी सवाल हैं वो पूछिए, मैं यहां आठ बजे, नौ बजे रात तक बैठने के लिए तैयार हूं. मैं कल भी आ सकती हूं, हालांकि मुझे दवाई लेना है, मुझे बता दीजिए कि आप एक-दो दिन मुझसे सवाल करेंगे. ईडी ने कहा कि अभी जरूरत नहीं है, कल भी जरूरत नहीं है.’’ रमेश के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अगर कुछ पूछना है तो वह सोमवार को ईडी के समक्ष पेश होने के लिए तैयार हैं. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सोनिया गांधी किसी भी समय सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं.’’

जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विरोधी नेताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है: विपक्षी दल
देश के कई प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार से जुड़े धनशोधन के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया जा रहा है तथा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि वे मोदी सरकार की ‘जनविरोधी, किसान विरोधी और संविधान विरोधी नीतियों’ के खिलाफ अपनी सामूहिक लड़ाई जारी रखेंगे.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार समेत कई विपक्षी नेताओं ने एक साझा बयान में कहा, ‘‘मोदी सरकार ने जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करते हुए अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रतिशोध की कार्रवाई की मुहिम छेड़ रखी है. कई राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाया गया है और उनका अप्रत्याशित तरीके से उत्पीड़न किया है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम इसकी ंिनदा करते हैं. मोदी सरकार की जनविरोधी, किसान विरोधी, संविधान विरोधी नीतियों के खिलाफ हम अपनी सामूहिक लड़ाई को जारी रखने और इस लड़ाई को तेज करने का संकल्प लेते हैं. मोदी सरकार हमारे सामाजिक तानेबाने को छिन्न भिन्न कर रही है.’’ इस साझा बयान पर पवार के अलावा शिवसेना के संजय राउत, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, राष्ट्रीय जनता दल के अहमद अशफाक करीम, तेलंगाना राष्ट्र समिति के के. केशव राव, माकपा सदस्य इलामारम करीम, भाकपा के विनय विश्वम, नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी, द्रमुक के तिरुची शिवा और अन्य नेताओं के हस्ताक्षर हैं.

इससे पहले, कांग्रेस समेत 13 विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक की और सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ को लेकर चर्चा की और ईडी की कार्रवाई की ंिनदा की. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र सरकार ईडी का दुरुपयोग कर रही है और भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व अब ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ नहीं, बल्कि ‘विपक्ष मुक्त भारत’ चाहता है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम से कांग्रेस और उसके नेता और कार्यकर्ता झुकने वाले नहीं हैं. कई गैर कांग्रेसी विपक्षी नेताओं ने भी सोनिया गांधी के प्रति एकजुटता प्रकट की.

राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार रहे यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘‘मैं नेताओं को अपमानित करने के ईडी के रवैये की ंिनदा करता हूं. अगर अधिकारियों को सोनिया गांधी से सवाल करना था तो उन्हें उनके आवास पर जाना चाहिए था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग अनजान बन रहे हैं उनको बता देता हूं कि 1995 के हवाला मामले में सीबीआई ने उन लोगों के घर जाकर पूछताछ की थी जिनके नाम प्राथमिकी में थे.’’ शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘भाजपा का ‘एक्सटेंडेड डिपार्टमेंट’ (ईडी) महंगाई, बेरोजगारी को लेकर लोगों में उपजे गुस्से से पार्टी को फिर बचा रहा है. बिना किसी सबूत के विपक्षी नेताओं को बार-बार बुलाया जाना राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई है.’’

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