ईडी की कार्रवाई ‘मध्यमवर्गीय मराठी मानुष’ पर हमला : संजय राउत

मुंबई. शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को उनकी संपत्ति कुर्क करने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को ‘‘मध्यमवर्गीय मराठी मानुष” पर हमला करार दिया और कहा कि वह इस तरह के कदमों से नहीं डरेंगे तथा उन पर दबाव बनाने के लिए की गई किसी भी कार्रवाई का विरोध करेंगे. नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने बताया कि ईडी की कार्रवाई ऐसे दिन हुई जब मुंबई पुलिस ने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ जबरन वसूली के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया.

पिछले महीने राज्यसभा सदस्य ने आरोप लगाया था कि ईडी के कुछ अधिकारी जबरन वसूली का गिरोह चला रहे हैं. राउत ने कहा कि ईडी की कार्रवाई बदले की भावना से की गई है और उनके खिलाफ एजेंसी के दावे धराशायी हो जाएंगे. वित्तीय अपराध जांच एजेंसी की कार्रवाई के बाद शिवसेना नेता ने ट्वीट किया, ‘‘असत्यमेव जयते’’ (झूठ की जीत हुई). राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि उन्हें शिवसेना की पूर्व सहयोगी भाजपा द्वारा निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी (एमवीए) सरकार को गिराने के प्रयासों का समर्थन नहीं किया.

शिवसेना के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी वजह से आपकी (भाजपा) सरकार नहीं बन सकी. अब मैं सरकार गिराने में आपका समर्थन नहीं कर रहा हूं. यह मुझ पर दबाव बनाने की कोशिश है, लेकिन मैं डरूंगा नहीं.’’ प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन रोधी कानून के तहत शिवसेना सांसद संजय राउत और उनके परिजनों से जुड़े अलीबाग के आठ भूखंड और मुंबई के दादर में एक फ्लैट को कुर्क किया है. यह कुर्की मुंबई में एक ‘चॉल’ के पुर्निवकास से संबंधित 1,034 करोड़ रुपये के कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन की जांच से संबंधित है.

ईडी ने इस मामले में महाराष्ट्र के व्यवसायी प्रवीण राउत को फरवरी में गिरफ्तार किया था और बाद में आरोपपत्र भी दाखिल किया था.
शिवसेना सांसद ने कहा, ‘‘यह (संपत्ति कुर्क करने के लिए ईडी की कार्रवाई) मध्यमवर्गीय मराठी मानुष (मराठी लोग) के खिलाफ प्रतिशोध का कृत्य है. पूरे महाराष्ट्र को इसके बारे में पता होना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी से नहीं डरता. मैं झुकूंगा नहीं. यह मेरी मेहनत की कमाई है.’’ राउत ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार सहित कई राजनीतिक नेताओं के फोन आए, जिन्होंने ईडी की कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की.

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