शिक्षा मंत्रालय ने NCERT से पाठ्यपुस्तकों की सालाना आधार पर समीक्षा, अद्यतन करने को कहा

नयी दिल्ली. शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से अपनी पाठ्यपुस्तकों की सालाना आधार पर समीक्षा करने और नये अकादमिक सत्र शुरू होने से पहले इन्हें अद्यतन करने को कहा है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. अबतक, एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को अद्यतन करने पर कोई दिशानिर्देश नहीं था. हालांकि, एनसीईआरटी ने 2017 से पाठ्यपुस्तकों की समय-समय पर समीक्षा की है और उनकी सामग्री को अद्यतन किया है. कोविड महामारी के कारण स्कूलों के बंद रहने के मद्देनजर पाठ्यक्रम को छोटा करने की एक कवायद भी की गई थी लेकिन इसपर, एक खास एजेंडा के तहत पाठ्यपुस्तकों से कुछ अंश हटाने के आरोप लगे थे.

सूत्रों ने बताया, ”आज की तेजी से बदलती दुनिया में, यह जरूरी है कि पाठ्यपुस्तकें पूरी तरह से अद्यतन रहें. एनसीईआरटी को सालाना आधार पर एक समीक्षा करने और नये अकादमिक सत्र शुरू होने से पहले (पाठ्यपुस्तकों को) अद्यतन करने को कहा गया है.” उन्होंने कहा, ”एनसीईआरटी की पुस्तकें प्रकाशित होने पर कई साल तक उसी रूप में नहीं रहनी चाहिए. छपाई से पहले हर साल उनकी समीक्षा की जानी चाहिए और यदि कोई बदलाव किया जाता है या कुछ नये तथ्य जोड़े जाने हैं, तो उन्हें पुस्तकों में शामिल किया जाना चाहिए. उदाहरण के लिए, कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे विषय.”

वर्तमान में, एनसीईआरटी पिछले साल घोषित राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) के अनुसार पाठ्यपुस्तकें तैयार करने की प्रक्रिया में जुटी है. सूत्रों ने बताया, ”नये पाठ्यक्रम के अनुसार पाठ्यपुस्तकें सभी कक्षाओं के लिए 2026 तक तैयार हो जाएंगी…नयी एनसीएफ की तर्ज पर सभी कक्षाओं के लिए सारी पाठ्यपुस्तकें जारी करने में कम से कम दो साल का समय लगेगा.” इस साल, एनसीईआरटी ने तीसरी और छठी कक्षाओं के लिए नयी पाठ्पुस्तकें जारी की हैं.

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