चुनावी वादों के लिए कानून पर बहस की जरूरत: नायडू

मछलीपटनम. उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को चुनावी वादों के क्रियान्वयन पर कानून बनाने की जरूरत पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस की जरूरत बताई. नायडू ने कहा, ‘‘वादे (चुनाव प्रचार के दौरान) किये जाते समय राजनीतिक दलों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. आपको गुण-दोषों पर विचार करना चाहिए और वो ही वादे किये जाने चाहिए जिन्हें पूरा किया जा सके. जो वादा किया जाए, जनता की भलाई के लिए होना चाहिए.’’ उप राष्ट्रपति कृष्णा जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष पिन्नामनेनी कोटेश्वर राव की आदमकद कांस्य प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर जनसभा को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘‘एक कानून की मांग है. ऐसा कानून जो चुनावी वादों पर नजर रखे और वादे पूरे नहीं होने पर जरूरी कार्रवाई का प्रावधान करता हो. ऐसे कानून पर सभी स्तरों पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस की जरूरत है.’’ नायडू ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल बड़ी संख्या में चुनावी वादे करते हैं जिनमें ऐसे भी होते हैं जिन्हें पूरा करना व्यावहारिक नहीं होता.

उन्होंने कहा, ‘‘जनता को अपने जन प्रतिनिधियों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए. आपको अपने जन प्रतिनिधियों के आचरण पर लगातार नजर रखनी चाहिए.’’ उप राष्ट्रपति ने दुख जताते हुए कहा कि चरित्र, योग्यता, क्षमता और आचरण की जगह जाति, समुदाय, नकदी और अपराध लेते जा रहे हैं. उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा, ‘‘यह लोकतंत्र के लिए खतरा है. इससे तंत्र कमजोर हो जाता है.’’ उन्होंने संसद से लेकर स्थानीय निकायों तक राजनीतिक विमर्श के गिरते स्तर पर भी अप्रसन्नता जताई. उन्होंने कहा, ‘‘बहस का स्तर गिर रहा है और गरिमा कम हो रही है. सभी को अपनी भाषा, व्यवहार और आचरण की समीक्षा करनी चाहिए.’’

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