कच्चे माल का निर्यात स्वीकार्य नहीं, मूल्यवर्धन देश में ही हो : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री बनने के बाद करीब 30 बार ओडिशा आ चुका हूं: मोदी

भुवनेश्वर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वह कच्चे माल का निर्यात और तैयार उत्पादों का देश में आयात स्वीकार नहीं कर सकते. साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मूल्यवर्धन देश में ही होना चाहिए. भुवनेश्वर में ‘उत्कर्ष ओडिशा, मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव’ का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि वह पूर्वी भारत को देश के विकास का इंजन मानते हैं और राज्य इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

उन्होंने कहा, ” केवल कच्चे माल के निर्यात से देश का विकास संभव नहीं है. इसलिए हम पूरे परिवेश को बदल रहे हैं और नए दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे हैं.” प्रधानमंत्री ने कहा, ” खनिजों को यहां निकाला जाता है और उन्हें किसी अन्य देश में निर्यात किया जाता है, जहां उनका मूल्यवर्धन किया जाता है और नए उत्पाद बनाए जाते हैं. इन तैयार उत्पादों को फिर भारत वापस भेज दिया जाता है. मोदी को यह स्वीकार्य नहीं है.” बदलती दुनिया में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों को पहचानने का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत छितराई और आयात आधारित आपूर्ति श्रृंखलाओं पर निर्भर नहीं रह सकता.

उन्होंने कहा, ” इसके बजाय, वैश्विक उतार-चढ.ाव के प्रभाव को कम करने के लिए भारत के भीतर एक मजबूत आपूर्ति तथा मूल्य श्रृंखला का निर्माण किया जाना चाहिए. यह जिम्मेदारी सरकार और उद्योग दोनों की है.” प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए 5,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की उपलब्धि अब दूर नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दो प्रमुख स्तंभों नवोन्मेषी सेवा क्षेत्र और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद पर टिकी हुई है.

मोदी ने कहा, ” हरित नौकरियों की संभावना भी काफी बढ. रही है. समय की मांग और आवश्यकताओं के अनुकूल बनने की जरूरत है. भारत हरित प्रौद्योगिकी और हरित भविष्य पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसमें सौर, पवन, जल और हरित हाइड्रोजन शामिल हैं जो विकसित भारत की ऊर्जा सुरक्षा को शक्ति प्रदान करेंगे.” प्रधानमंत्री ने कहा कि करोड़ों लोगों की आकांक्षाएं भारत को विकास के पथ पर आगे बढ.ा रही हैं.

उन्होंने कहा, ” आज भारत करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं से प्रेरित होकर विकास के पथ पर आगे बढ. रहा है. यह एआई (कृत्रिम मेधा) का युग है और हर कोई इसके बारे में बात कर रहा है. हालांकि, सिर्फ एआई नहीं, बल्कि भारत की आकांक्षाएं हमारे देश की शक्ति हैं. आकांक्षाएं तब बढ.ती हैं जब लोगों की जरूरतें पूरी होती हैं. पिछले दशक में देश ने करोड़ों लोगों को सशक्त बनाने का लाभ देखा है. ओडिशा भी उसी आकांक्षा का प्रतिनिधित्व करता है.” मोदी ने कहा कि 21वीं सदी ‘कनेक्टेड इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी’ की सदी है.

उन्होंने कहा, ” भारत अभूतपूर्व गति से और व्यापक स्तर पर विशेष बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है. यह भारत को निवेश के लिए एक बेहतरीन गंतव्य बनाएगा.” प्रधानमंत्री ने कहा कि आसियान देशों ने ओडिशा के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने में रुचि दिखाई है. उन्होंने कहा, ” मैं पूर्वी भारत को देश के विकास का इंजन मानता हूं और इसमें ओडिशा की महत्वपूर्ण भूमिका है. इतिहास बताता है कि जब भारत ने वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया, तो पूर्वी भारत का भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहा.” मोदी ने कहा कि राज्य में पेट्रोरसायन क्षेत्र के विस्तार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और पारादीप तथा गोपालपुर में सर्मिपत औद्योगिक पार्क व निवेश क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ” मुझे पूरा विश्वास है कि ओडिशा बहुत जल्द विकास की उन ऊंचाइयों को छुएगा, जिसकी किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी. ” मोदी ने कहा कि अनुसंधान एवं नवोन्मेषण समय की मांग हैं. उन्होंने कहा, ” सरकार अनुसंधान के लिए एक जीवंत परिवेश बनाने के लिए काम कर रही है और इसके लिए एक विशेष कोष भी बनाया गया है. उद्योगों को आगे आकर सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए. ” प्रधानमंत्री ने कहा कि ओडिशा में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और हजारों वर्षों की विरासत तथा इतिहास के साथ यह राज्य भारत को समझने के लिए एक उत्कृष्ट गंतव्य है.

उन्होंने कहा कि यह राज्य आस्था, आध्यात्म, वन, पर्वत और समुद्र का अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करता है. वहीं मुंबई और अहमदाबाद में ‘कोल्डप्ले’ संगीत समारोह की सफलता पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में संगीत समारोहों से जुड़ी आर्थिक वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं.

उन्होंने कहा, ” एक ऐसा देश जिसकी संगीत, नृत्य और कहानी बयां करने की इतनी समृद्ध विरासत है और जहां युवाओं का एक बड़ा समूह संगीत कार्यक्रमों में काफी रुचि रखता है. वहां संगीत कार्यक्रमों से जुड़ी आर्थिक वृद्धि की कई संभावनाएं हैं. ” उन्होंने कहा, ”आपने देखा होगा कि पिछले 10 वर्षों में ऐसे कार्यक्रमों की मांग और रुझान में वृद्धि हुई है. बीते दिनों आपने मुंबई और अहमदाबाद में ‘कोल्डप्ले’ के संगीत कार्यक्रमों की खूबसूरत तस्वीरें देखी होंगी. यह साबित करता है कि भारत में संगीत कार्यक्रमों के लिए बहुत संभावनाएं हैं.” मोदी ने कहा, ”दुनियाभर के बड़े कलाकार भारत की ओर आर्किषत होते हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि राज्य तथा निजी क्षेत्र संगीत कार्यक्रमों से जुड़ी आर्थिक वृद्धि के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे और कौशल विकास पर ध्यान देंगे.” प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले महीने भारत पहली बार विश्व ध्वनि दृश्य और मनोरंजन शिखर सम्मेलन (डब्ल्यूएवीईएस) की मेजबानी करेगा और दुनिया को देश की रचनात्मक शक्ति का प्रदर्शन करेगा.

भारत में पर्यटन से जुड़े सम्मेलनों की महत्वपूर्ण संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में भारत मंडपम और यशोभूमि जैसे स्थल इसके लिए प्रमुख केंद्र बन रहे हैं. उद्घाटन समारोह में वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला और जिंदल स्टील एंड पावर के चेयरमैन नवीन जिंदल मौजूद थे. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी कार्यक्रम में शामिल हुए. प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन ओडिशा’ प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया, जिसमें जीवंत औद्योगिक परिवेश विकसित करने में राज्य की उपलब्धियों को दिखाया गया है.

प्रधानमंत्री बनने के बाद करीब 30 बार ओडिशा आ चुका हूं: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर करीब 30 बार ओडिशा का दौरा किया और राज्य के ज्यादातर जिलों में गए हैं. मोदी ने ‘उत्कर्ष ओडिशा- मेक इन ओडिशा’ सम्मेलन, 2025 को संबोधित करते हुए यह बात कही. इस सम्मेलन में देश-विदेश से करीब 7,500 कारोबारी प्रतिनिधि शामिल हुए.

उन्होंने कहा, ”ओडिशा से मेरा बहुत लगाव है. प्रधानमंत्री के तौर पर मैं करीब 30 बार ओडिशा का दौरा कर चुका हूं. स्वतंत्र भारत में मैं सबसे ज्यादा बार ओडिशा का दौरा करने वाला प्रधानमंत्री हूं.” मोदी ने कहा कि ओडिशा निवेश के लिए सबसे उपयुक्त जगह है और विकसित भारत के निर्माण में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी में यह राज्य का उनका दूसरा दौरा है. उन्होंने कहा कि लोगों का प्यार और स्नेह उन्हें ओडिशा खींच लाया है.

उन्होंने कहा कि लोगों ने एक समृद्ध राज्य बनाने का संकल्प लिया है और केंद्र सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हरसंभव मदद कर रही है. प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि सभी भागीदारों के निवेश से उनके व्यवसाय और राज्य की प्रगति, दोनों को बढ.ावा मिलेगा. मोदी ने यह भी कहा कि पूर्वी भारत में विशाल औद्योगिक केंद्र, बंदरगाह, व्यापार केंद्र हैं और इसमें ओडिशा की भागीदारी उल्लेखनीय है.

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