पूर्व मंत्री कदम ने पवार पर शिवसेना को नुकसान पहुंचाने का लगाया आरोप, NCP ने किया खारिज

मुंबई. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री रामदास कदम ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार शिवसेना को नुकसान पहुंचा रहे हैं. कदम ने दावा किया कि उन्होंने इस संबंध में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को सबूत भी सौंपे थे.
कदम ने एक टीवी चैनल से बातचीत में आरोप लगाया कि पवार द्वारा शिवसेना को ‘व्यवस्थित रूप से कमजोर’ किया गया. उन्होंने दावा किया कि कुछ विधायकों ने इस पर ंिचता जताई थी, लेकिन उद्धव राकांपा प्रमुख से अलग होने को तैयार नहीं थे.

कदम ने कहा, ‘‘हमें शुक्रगुजार होना चाहिए कि यह (एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह) उद्धव सरकार के कार्यकाल के शुरुआती ढाई वर्षों में हुआ. वरना, शिवसेना पांच साल का कार्यकाल पूरा होने तक खत्म हो जाती. अगले विधानसभा चुनाव में उसके पांच से दस विधायक भी नहीं जीत पाते.’’ हालांकि, राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कदम की टिप्पणी को खारिज करते हुए दावा किया कि शिवसेना में विभाजन के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हाथ है और बागी नेता पवार को निशाना बनाकर इस तथ्य से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं.

कदम ने सोमवार को उद्धव को एक पत्र भेज ‘शिवसेना नेता’ के पद से इस्तीफा दे दिया था. शिवसेना अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार शाम को घोषणा की कि कदम को ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधियों में शामिल होने के कारण बर्खास्त कर दिया गया है. बाद में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के बागी खेमे ने कदम को पार्टी नेता के रूप में ‘बहाल’ किया.
उद्धव के नेतृत्व वाले महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं. पिछले महीने शिंदे और शिवसेना के 39 अन्य विधायकों द्वारा पार्टी के खिलाफ बगावत करने से एमवीए सरकार गिर गई थी.

कदम ने मंगलवार को कहा, ‘‘मैंने उद्धवजी को पर्याप्त सबूत दिए कि कैसे राकांपा प्रमुख शरद पवार शिवसेना को कमजोर कर रहे थे.’’ उन्होंने दावा किया कि पवार ने कुनाबी समुदाय (कोंकण में) के सदस्यों को अच्छे पद दिए और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत भी किया.
कदम ने आगे दावा किया, ‘‘मुख्यमंत्री हमारे थे, धन सरकारी खजाने से आया, लेकिन पार्टी (शिवसेना) को पवार ने चरणबद्ध तरीके से कमजोर कर दिया. कई विधायकों ने आपके (उद्धव ठाकरे के) सामने ऐसी ही ंिचता व्यक्त की, लेकिन आप पवार से गठबंधन तोड़ने के लिए तैयार नहीं थे.’’

कदम ने सवाल किया कि अगर (शिवसेना संस्थापक) बालासाहेब ठाकरे आज जीवित होते तो क्या उन्होंने उद्धव को राकांपा और कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बनने दिया होता? उन्होंने उद्धव से बागी विधायकों को लेकर अपने रुख पर दोबारा विचार करने का आग्रह भी किया.

कदम ने कहा, ‘‘उद्धव जी, आपको भविष्य में फिर एकजुट होने और एकनाथ शिंदे को पार्टी में वापस लाने के उपायों पर विचार करना चाहिए. हमारे किले को दुरुस्त रखने का प्रयास करें, यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.’’ पूर्व मंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने 2019 में महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिलाने के उद्धव के कदम का विरोध किया था. कदम ने कहा, ‘‘मैंने उनसे (उद्धव से) कहा कि यह पाप करने जैसा है. उनकी (बालासाहेब ठाकरे की) आत्मा को इस गठबंधन से शांति नहीं मिलेगी.’’

पिछले महीने जब शिंदे ने पार्टी के खिलाफ बगावत की थी तो रामदास कदम के बेटे और रत्नागिरी जिले के दापोली से विधायक योगेश कदम भी बागी खेमे में शामिल हो गए थे. इस बीच, राकांपा प्रवक्ता तापसे ने कहा कि पवार की पहल के कारण एमवीए का गठन किया गया और बगावत के बाद भी राकांपा उद्धव और शिवसेना के उनके नेताओं के समूह का समर्थन कर रही है.

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