गुस्सा करो, भड़ास निकालो लेकिन आगे बढो : सेमीफाइनल हारने के बाद कोच ने महिला हॉकी टीम से कहा

बर्मिंघम. ‘‘गुस्सा करो, कुंठा निकालो तुम्हें पूरा हक है लेकिन आगे बढो और कांस्य पदक जीतो ’, आस्ट्रेलिया के हाथों राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल में शूटआउट में मिली विवादित हार के बाद मुख्य कोच यानेके शॉपमैन ने भारतीय महिला हॉकी टीम से कुछ ऐसा ही कहा था. उनके इस संदेश ने मानों जादू का काम किया और सविता पूनिया की अगुवाई में भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को शूटआउट में 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता . भारतीय महिला हॉकी टीम ने 16 साल बाद राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीता है.

शॉपमैन ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ हमने आस्ट्रेलिया के खिलाफ सब कुछ झोंक दिया लेकिन शूटआउट जिस तरह से शुरू हुआ, वह सही नहीं था . लेकिन हमें उसे स्वीकार करके आगे बढना था .’’ उन्होंने कहा,‘‘ उसके बाद टीम बैठक में मैने लड़कियों से कहा कि गुस्सा करो, कुंठा निकालो और सारी भड़ास बाहर निकाल दो लेकिन कल नया मैच है और हमें आगे बढना है . हमें पता था कि हम किसी भी टीम को हरा सकते हैं और इन लड़कियों ने वही किया .’’

सेमीफाइनल के स्टॉपवॉच विवाद के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ इसमें अंपायरों की गलती नहीं थी . वे माफी मांग रहे थे . मैं एफआईएच से अनुरोध करूंगी कि सिर्फ नियमों पर नहीं जाये क्योंकि नियमों से ज्यादा मानवीय पक्ष जुड़ा होता है .’’ उन्होंने कहा ,‘‘ शिकायत दर्ज कराने की कोई तुक नहीं थी .’’ भारतीय कप्तान सविता ने कहा ,‘‘ कप्तान और सीनियर खिलाड़ी होने के नाते मैं पूरा श्रेय कोच को देना चाहूंगी . उन्होंने हमें प्रेरित किया और आखिरी दम पर हार नहीं मानने के लिये कहा .’’ भारतीय टीम का खेलगांव लौटने पर पुरूष टीम ने कतारबद्ध होकर तालियां बजाकर स्वागत किया. सविता ने कहा ,‘‘वह हमारे लिये खास था . वह सरप्राइज था . हमें नहीं पता था कि ऐसा होने वाला है . हम चाहते हैं कि वे स्वर्ण जीतें.’’

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