गतिशक्ति विवि से पहले अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों की समस्याएं दूर करे सरकार : विपक्ष

नयी दिल्ली. विपक्षी सदस्यों ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान को गतिशक्ति विश्वविद्यालय में परिर्वितत करने से पहले सरकार को देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों की समस्याएं दूर करनी चाहिए और वहां रिक्त पड़े पदों को भरना चाहिए.

वड़ोदरा (गुजरात) स्थित राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान को गतिशक्ति विश्वविद्यालय में परिर्वितत करने के प्रावधान वाले विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस के एल हनुमंथैया ने उच्च सदन में कहा कि गुजरात में यह दूसरा केंद्रीय विश्वविद्यालय होगा. उन्होंने कहा ‘‘केवल गुजरात में ही दो दो केंद्रीय विश्वविद्यालय क्यों? ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, 2022’ पर चर्चा के दौरान हनुमंथैया ने कहा कि कहा जा रहा है कि यह विश्वविद्यालय परिवहन के क्षेत्र में अनुसंधान को बढावा देगा. ‘‘मैं जानना चाहता हूं कि इस विश्वविद्यालय को कितनी स्वायत्तता मिलेगी ? यहां प्रवेश के मानक क्या होंगे ? क्या परीक्षा नीट की तरह पूरे देश में होगी ? क्या दूसरे राज्यों के छात्रों को इस संस्थान में प्रवेश मिलेगा ? इन सवालों के बारे में विधेयक में स्पष्टता नहीं है.’’

उन्होंने कहा ‘‘शिक्षाविद इस बात पर ंिचता जता चुके हैं कि एक विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय में बदलने से कोई भी उद्देश्य हासिल नहीं होगा, यह केवल नाम बदलने की ही बात होगी. एक परिवहन विश्वविद्यालय को अगर केंद्रीय विश्वविद्यालय में बदला गया तो विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास कैसे होगा जबकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इस बात पर ही पूरा जोर दिया गया है. ’’ हनुमंथैया ने कहा ‘‘इस केंद्रीय विश्वविद्यालय में आरक्षण व्यवस्था किस प्रकार की होगी ?

विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति, जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के कई पद रिक्त हैं. ये पद आखिर कब भरे जाएंगे ?’’ इससे पहले, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विधेयक को चर्चा करने एवं पारित करने के लिए उच्च सदन में पेश किया और कहा कि देश में रेलवे समेत परिवहन का क्षेत्र बहुत जटिल है और इसके कुशल संचालन के लिए गतिशक्ति विश्वविद्यालय का केंद्र सरकार का विचार महत्वपूर्ण साबित होगा.

Related Articles

Back to top button