सरकार ने अडाणी समूह को श्रीलंका पर थोपने का प्रयास किया: जयराम रमेश

आबकारी नीति के फैसले केजरीवाल की जानकारी में हुए

नयी दिल्ली/करीमनगर. कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने श्रीलंका में अडाणी समूह को विभिन्न परियोजनाओं का अनुबंध दिलाने तथा इस कारोबारी समूह को पड़ोसी देश पर थोपने का प्रयास किया. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने अपने सवालों की श्रृंखला ‘हम अडाणी के हैं कौन’ के तहत पिछले कई दिनों की तरह आज भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कुछ प्रश्न किए.

रमेश ने कहा, ‘‘हम इस मुद्दे पर आपसे जवाब मांग रहे हैं कि कैसे आपने अपने पसंदीदा व्­यापारिक समूह को एक और महत्वपूर्ण पड़ोसी देश श्रीलंका पर थोपने का प्रयास किया.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘भारत, जापान और श्रीलंका की सरकारों ने 28 मई 2019 को भारत और जापान की भागीदारी के साथ कोलंबो दक्षिण बंदरगाह पर ईस्ट कंटेनर र्टिमनल विकसित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. एक साल बाद प्रधानमंत्री मंिहदा राजपक्षे के नेतृत्­व में श्रीलंकाई मंत्रिमंडल ने घोषणा की कि भारत ने ‘अडाणी पोर्ट्स’ को अपने विदेशी र्टिमनल आॅपरेटर के रूप में “चयनित” किया है.’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या किसी अन्य भारतीय कंपनी के पास इस सौदे में निवेश करने का अवसर था या आपने इस सौदे को केवल अपने करीबी दोस्तों के लिए सुरक्षित रखा था? चीन से संदिग्­ध व्यापारिक संबंध रखने वाले मित्रों को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अनुबंध दिलाने का मार्ग प्रशस्­त करना राष्­ट्र हित में कैसे हो सकता है? क्­या ये संबंध आपकी आमतौर पर अतिसक्रिय जांच एजेंसियों द्वारा जांच के योग्य नहीं हैं?’’

उन्होंने यह भी पूछा, ‘‘क्या आप यह मानकर चल रहे हैं कि आपका मुख्य काम भारत के लोगों के लिए काम करने की बजाय अपने मित्र गौतम अडाणी के लिए भारत और दूसरे देशों में अनुबंध हासिल करना है?’’ कांग्रेस अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था ‘ंिहडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह और प्रधानमंत्री पर लगातार हमले कर रही है.

तेलंगाना में सरकार बनी तो बटाईदार किसानों को भी मिलेगा योजनाओं का फायदा

कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि तेलंगाना में उसकी सरकार बनने पर प्रदेश में बटाईदार किसानों को भी सरकारी योजनाओं का फायदा पहुंचाया जाएगा तथा हर जिले में भूमि न्यायाधिकरण की स्थापना की जाएगी. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि राज्य में करीब 15 लाख बटाईदार किसान हैं जिन्हें फसल बीमा जैसी कई सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिल पा रहा है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस का यह मत है कि सभी कार्यक्रमों का क्रियान्वयन बटाईदार किसानों के लिए भी होना चाहिए.’’ रमेश के मुताबिक, किसानों के लाभ के लिए पांच सिद्धांतों पर अमल होगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में काग्रेस की सरकार बनने पर सभी 33 जिलों में भूमि न्यायाधिकरणों की स्थापना की जाएगी. रमेश ने तेलंगाना की जनता से यह वादा भी किया कि सरकार बनने के बाद दो साल के भीतर भूमि सर्वेक्षण कराया जाएगा. तेलंगाना में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होना है.

आबकारी नीति के फैसले केजरीवाल की जानकारी में हुए

कांग्रेस ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी पर दिल्ली और पंजाब में भ्रष्टाचार को प्रश्रय देने का आरोप लगाया तथा यह दावा भी किया कि राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी सरकार की आबकारी नीति से जुड़े फैसले मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल की जानकारी में हुए थे.

पार्टी नेता अलका लांबा ने यह भी कहा कि पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ज्यादा समय तक चुप्प नहीं रह पाएंगे और जिस दिन उन्होंने चुप्पी तोड़ दी उस दिन केजरीवाल भी इस मामले के जद में आ जाएंगे और बात उनकी कुर्सी तक पहुंच जाएगी.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार में भ्रष्टाचार है. पंजाब में उसकी सरकार में भ्रष्टाचार होने के साथ ही कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो रही है. यह बहुत ंिचताजनक बात है.’’

सिसोदिया की गिरफ्तारी का उल्लेख करते हुए अलका ने दावा किया, ‘‘मनीष सिसोदिया, अरंिवद केजरीवाल के राजदार हैं जो ज्यादा वक्त तक चुप नहीं रह पाएंगे. जिस दिन उनकी चुप्पी टूटेगी, बात अरंिवद केजरीवाल की कुर्सी तक पहुंचेगी क्योंकि शराबनीति से जुड़े फैसले मुख्यमंत्री की जानकारी में हो रहे थे.’’ उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा समय में सिर्फ एक विपक्षी दल और सिर्फ एक नेता, ‘तानाशाह’ मोदी सरकार के खिलाफ बिना झुके खड़ा है और वह कांग्रेस एवं राहुल गांधी हैं.

सिसोदिया को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली की आबकारी नीति (जिसे अब वापस ले लिया गया है) में कथित अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद ईडी ने इसी से जुड़े धन शोधन के एक मामले में तिहाड़ जेल में सिसोदिया से पूछताछ की और बृहस्पतिवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.

महिला आरक्षण विधेयक पर स्थिति स्पष्ट करे सरकार, बजट सत्र में ही इसे पेश किया जाए

कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाले विधेयक पर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. मुख्य विपक्षी दल ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि 13 मार्च से आरंभ हो रहे, संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान ही इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया जाए ताकि महिलाओं को उनका अधिकार मिल सके.

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘ कांग्रेस नेतृत्व के प्रयासों के कारण 9 मार्च 2010 को ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पारित हुआ था. लेकिन लोकसभा में इसे समर्थन नहीं मिल सका. विधेयक की मियाद अभी भी खत्म नहीं हुई है, यह लोकसभा में लंबित है. इसे फिर से पेश करने से किसने रोका है?’’ कांग्रेस नेता अलका लांबा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘केंद्र में कांग्रेस की सरकार के समय 2010 में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया गया था, लेकिन लोकसभा में इसे पारित नहीं किया जा सका क्योंकि इस सदन में कांग्रेस का बहुमत नहीं था. विधेयक आज भी मौजूद है.’’

उनका कहना था कि भाजपा ने अपने घोषणापत्र में महिला आरक्षण का वादा किया था, लेकिन पिछले नौ वर्षों से वह इस संबंध में पूरी तरह खामोश है. उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि केंद्र की भाजपा सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करे, विधेयक को लोकसभा में पेश करे, चर्चा करे और महिलाओं का अधिकार उन्हें दे. ’’

कांग्रेस के प्रधानमंत्री को तस्वीर संबंधी कटाक्ष पर सरकार के सूत्रों ने कहा: बेवजह का शोरगुल

सरकार के सूत्रों ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनका एक चित्र भेंट किए जाने को लेकर कांग्रेस द्वारा कटाक्ष किए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को कहा कि यह बेवजह का शोरगुल है तथा यह तस्वीर पिछले 75 वर्षों में दोनों देशों की ओर से खेलने वाले क्रिकेटरों के चित्रों के संग्रह से तैयार की गई है.

प्रधानमंत्री मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज ने दोनों देशों के बीच टेस्ट श्रृंखला के चौथे एवं आखिरी मैच के पहले दिन का मुकाबला अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में देखा था. दोनों नेताओं ने एक गोल्फ कार्ट में सवार होकर स्टेडियम का चक्कर भी लगाया था. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने अल्बनीज को उनका चित्र भेंट किया तो सचिव जय शाह ने प्रधानमंत्री मोदी को उनका चित्र भेंट किया.

कांग्रेस ने जय शाह के हाथों में प्रधानमंत्री द्वारा चित्र लिए जाने की तस्वीर साझा करते हुए बृहस्पतिवार को ट्वीट किया था, ‘‘ नरेंद्र मोदी स्टेडियम में नरेंद्र मोदी जी को नरेंद्र मोदी जी की तस्वीर भेंट करते, नरेंद्र मोदी जी के दोस्त के बेटे.’’ इस आलोचना को लेकर सरकार के सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस और उसके समर्थकों द्वारा दोनों प्रधानमंत्रियों के बारे में किया गया यह सब बेवजह का शोरगुल है.
उन्होंने कहा कि यह चित्र विशेष सम्मान के तौर पर भेंट किए गए तथा तथ्य यह है कि ये तस्वीरें पिछले 75 वर्षों में दोनों देशों की ओर से खेलने वाले सभी क्रिकेटरों के चित्रों के संग्रह से तैयार की गई हैं.

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