केन्द्र और राज्य के बीच एक सेतु की भूमिका निभाएं राज्यपाल: प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन में दो दिवसीय ‘राज्यपालों का सम्मेलन’ शनिवार को संपन्न हुआ. अपने समापन भाषण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आदिवासी कल्याण, महिला सशक्तिकरण, प्राकृतिक खेती और नशीली दवाओं की लत जैसे मुद्दों पर जोर दिया.

उन्होंने राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए गठित राज्यपालों के समूहों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की. राष्ट्रपति ने विश्वास जताया कि राज्यपालों द्वारा दिए गए सुझावों को आगे बढ़ाया जाएगा.

सम्मेलन को उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री ने भी समापन सत्र को संबोधित किया. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने संबोधिन में दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान विचार-विमर्श किए गए विविध विचारों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सभी हितधारकों के बीच दृष्टिकोण के अभिसरण की आवश्यकता को हाइलाइट किया.

अमित शाह ने किया ये पोस्ट

अमित शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘आज राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों के सम्मेलन में हिस्सा लिया. मोदी सरकार राज्यों और केंद्र के बीच समन्वय को और भी अधिक सुलभ बनाने की दिशा में काम कर रही है ताकि सेवाओं और समाधानों के साथ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा जा सके.’ गृहमंत्री ने कहा कि यह मंच न केवल राज्यों के संवैधानिक प्रमुखों के लिए एक स्थान पर एकत्र होने का मौका देता बल्कि विचारों के आदान-प्रदान का मौका भी देता है.

प्रधानमंत्री मोदी ने किया ये आग्रह

प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन में राज्यपालों से आग्रह किया कि वे केन्द्र और राज्य के बीच एक प्रभावी सेतु की भूमिका निभाएं तथा लोगों और सामाजिक संगठनों के साथ इस प्रकार से संवाद करें जिससे वंचितों को भी समावेशित किया जा सके. राष्ट्रपति मुर्मू ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र के सुचारू संचालन के लिए यह महत्वपूर्ण है कि विभिन्न केंद्रीय एजेंसियां ​​सभी राज्यों में बेहतर समन्वय के साथ काम करें. उन्होंने राज्यपालों को इस पर भी विचार करने की सलाह दी कि वे कैसे अपने-अपने राज्यों के संवैधानिक प्रमुख के रूप में इस समन्वय को बढ़ावा दे सकते हैं.

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