मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद मामले में सुनवाई टली

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद के मुख्य पक्षकार को मुकदमा वापस लेने की धमकी मिली

प्रयागराज/कौशांबी. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग वाले वाद की पोषणीयता को चुनौती देने के संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई बुधवार को टाल दी. मूल वाद में दावा किया गया है कि शाही ईदगाह मस्जिद, कटरा केशव देव मंदिर की 13.37 एकड़ भूमि पर बनाई गई है.

न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने बुधवार को अगली तिथि तक के लिए सुनवाई टाल दी है जो अभी तय नहीं की गई है. मुस्लिम पक्ष ने बुधवार को सुनवाई के दौरान वादी आशुतोष पांडेय द्वारा दीवानी प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) की धारा 151 (अदालत में निहित शक्तियों के अधीन) के तहत किए गए आवेदन पर आपत्ति जताई. वादी आशुतोष पांडेय ने अपने आवेदन में कहा है कि हर साल विवादित संपत्ति परिसर में हिंदू भक्तों द्वारा ह्लबासोड़ा पूजाह्व की जाती है.

इस वर्ष यह पूजा एक अप्रैल 2024 को माता शीतला सप्तमी को और दो अप्रैल 2024 को माता शीतला अष्टमी को पड़ेगी. इन तिथियों पर पूर्व की तरह बासोड़ा पूजा की जानी है, जबकि प्रतिवादी कृष्ण कूप में यह पूजा करने से वादकारियों को रोक रहे हैं. इस पर, मुस्लिम पक्ष ने कहा कि वाद की पोषणीयता को लेकर दाखिल आवेदन पर सुनवाई लंबित रहने के दौरान ऐसे आवेदन पर कोई आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है.

वहीं दूसरी ओर, हिंदू पक्ष की ओर से दलील दी गई कि हिंदुत्व में आस्था रखने वाले लोगों को पूजा अर्चना करने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए. ऐसा आवेदन हमेशा से ही पोषणीय है और इस पर आदेश पारित करना अदालत के विवेकाधिकार पर निर्भर है. एक अन्य वाद में भी आवेदन दाखिल कर हिंदू भक्तों को कृष्ण कूप पर पूजा करने से नहीं रोकने का मुस्लिम समुदाय को निर्देश जारी करने की मांग की गई. इस आवेदन का भी मुस्लिम पक्ष द्वारा यह कहते हुए विरोध किया गया कि यह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है और आवेदन पोषणीय नहीं है.

हिंदू पक्ष की ओर से पेश हुए अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मुस्लिम पक्ष के उस आवेदन का विरोध किया जिसमें इस मामले में अदालत के 17 जनवरी के आदेश पर न्याय मित्र के तौर पर नियुक्त मनीष गोयल को हटाने की मांग की गई है. जैन ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि एक सरकारी अधिवक्ता को न्याय मित्र नहीं नियुक्त किया जा सकता. गोयल उत्तर प्रदेश राज्य के अपर महाधिवक्ता हैं. जिरह के बीच में अदालत ने सुनवाई टाल दी. अगली सुनवाई की तिथि बाद में तय की जाएगी.

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद के मुख्य पक्षकार को मुकदमा वापस लेने की धमकी मिली

श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में मुख्य पक्षकार आशुतोष पांडेय को फोन पर बम से उड़ाने की धमकी मिली है. पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस ने दर्ज प्राथमिकी के हवाले से बताया कि आशुतोष पांडे मामले की पैरवी के लिए मथुरा से प्रयागराज जा रहे थे और रास्ते में रात 12 बजकर 10 मिनट पर उनके मोबाइल नंबर पर एक व्हाट्सऐप कॉल आया.

उसने बताया कि फोन पर उन्हें बम से उड़ाने की धमकी दी गई और देश के प्रधानमंत्री तथा हिंदू देवी देवताओं के लिए अपशब्द भी कहे.
इसके बाद आशुतोष पांडेय ने कौशांबी जिले के सैनी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. पांडेय श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट, मथुरा के अध्यक्ष भी हैं. सिराथू के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) अवधेश कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर मामले में जांच शुरू कर दी गई है.

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