हिंदू महापंचायत: पत्रकार, समाचार पोर्टल के ट्विटर पोस्ट को लेकर प्राथमिकी दर्ज

नयी दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने विवादास्पद ‘हिंदू महापंचायत’ कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों के साथ मारपीट का दावा करने के बाद समुदायों के बीच कथित तौर पर घृणा फैलाने के लिए एक पत्रकार और एक समाचार पोर्टल के ट्विटर हैंडल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ट्वीट से संकेत मिला था कि पत्रकारों को उनके धर्म के लिए निशाना बनाया गया और इससे माहौल खराब हो सकता था.

अधिकारियों ने कहा कि घटना के संबंध में दर्ज की गई यह चौथी प्राथमिकी है और अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. रविवार को उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी मैदान में पुलिस की अनुमति के बिना आयोजित कार्यक्रम में कथित रूप से अभद्र भाषा के लिए विवादास्पद पुजारी यति नरसिंहानंद और अन्य वक्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. कुछ अन्य पत्रकारों की शिकायत पर दो अन्य प्राथमिकी दर्ज की गईं थी. पत्रकारों ने उनके साथ मारपीट की शिकायत की थी. पुलिस ने कहा कि एक ट्विटर हैंडल पत्रकार मीर फैसल का है, जो एक समाचार पोर्टल के लिए काम करते हैं, और एक अन्य समाचार पोर्टल ‘‘आर्टिकल 14’’का है. पुलिस ने कहा कि इस मामले में जांच जारी है.

रविवार को एक ट्वीट में पत्रकार ने आरोप लगाया था कि महापंचायत में हिंदुओं की भीड़ द्वारा दो मुस्लिम मीडियार्किमयों पर हमला किया गया और उन्हें हिरासत में भी लिया गया. समाचार पोर्टल ‘‘आर्टिकल 14’’ ने ट्वीट किया था, ‘‘पांच पत्रकार, जिनमें से चार मुस्लिम थे, उक्त समाचार पोर्टल के लिए ‘असाइनमेंट’ पर थे, उन्हें मुखर्जी नगर पुलिस थाने ले जाया गया, जब कार्यक्रम में भीड़ ने उन पर हमला किया और वीडियो को डिलीट कर दिया.” हालांकि, पुलिस ने किसी को भी हिरासत में लेने की बात से इनकार किया था.

संपर्क करने पर पोर्टल के संपादक ने कहा कि उन्हें अभी तक प्राथमिकी की प्रति नहीं मिली है और उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) उषा रंगनानी ने कहा, “मुखर्जी नगर पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) (वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) के तहत कुछ ट्विटर हैंडल के खिलाफ विवादास्पद ट्वीट के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है.’’ पुलिस ने कहा कि वे कार्यक्रम के कथित वीडियो की जांच कर रहे हैं, जिसमें कार्यक्रम में उन वक्ताओं द्वारा कथित तौर पर दिये गये “घृणास्पद भाषण” दिए थे.

पुलिस ने कहा कि उन्होंने कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया था लेकिन आयोजकों ने कार्यक्रम का आयोजन किया और लगभग 700-800 लोग कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थे. पुलिस के अनुसार, डासना देवी मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती और सुदर्शन न्यूज के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके सहित कुछ वक्ताओं ने दो समुदायों के बीच वैमनस्य, शत्रुता, घृणा या दुर्भावना को बढ़ावा देने वाले शब्द कथित तौर पर कहे.

महापंचायत का आयोजन यहां बुराड़ी मैदान में ‘सेव इंडिया फाउंडेशन’ के प्रीत सिंह द्वारा किया गया. इसी समूह ने पूर्व में राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पर इसी तरह के विवादास्पद कार्यक्रम आयोजित किए थे, जहां मुस्लिम विरोधी नारे लगाए गए थे.
नरसिंहानंद को दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर कार्यक्रम में अभद्र भाषा बोलने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

रविवार के कार्यक्रम में कई अन्य हिंदू नेता भी शामिल हुए थे. नरसिंहानंद हरिद्वार में अभद्र भाषा से जुड़े मामले में जमानत पर है.
नरसिंहानंद अतीत में भी अभद्र बयानबाजी के मामलों में शामिल रहा है. पिछले साल 17 से 19 दिसंबर के बीच हरिद्वार में आयोजित ‘‘धर्म संसद’’ में मुसलमानों के खिलाफ अत्यधिक भड़काऊ भाषण देने के लिए उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

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