पढाई से बचने के लिए हॉकी को चुना था लेकिन इसने करियर बना दिया: भारतीय खिलाड़ी अभिषेक

नयी दिल्ली. ओलंपिक कांस्य पदक विजेता फारवर्ड अभिषेक ने पढ़ाई से बचने के लिए हॉकी खेलना शुरू किया था लेकिन उन्हें इस फैसले पर कभी पछतावा नहीं हुआ क्योंकि इस खेल ने उन्हें पहचान, ‘स्टारडम’ और वह सब कुछ दिया जो वह जिंदगी में पाना चाहते थे. अभिषेक ने हालांकि पत्राचार के माध्यम से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने में कामयाबी हासिल की, लेकिन इस खिलाड़ी को पता था कि हमेशा से पता था कि खेल से उन्हें बेहतर उद्देश्य मिलेगा.

पेरिस ओलंपिक में भारत के कांस्य पदक जीतने के अभियान में अहम योगदान निभाने वाले अभिषेक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा, ”मैंने 11 या 12 साल की उम्र में हॉकी खेलना शुरू किया था. सोनीपत में इसके अलावा मेरे पास कोई और विकल्प नहीं था.” उन्होंने कहा, ” मेरा एक दोस्त हॉकी खेलने के लिए काफी यात्रा करता था. मुझमें कभी पढ़ाई करने का धैर्य नहीं था और जब मैंने देखा कि मेरे दोस्त को हॉकी में व्यस्त होने के कारण स्कूल कम आना होता है, तो मैंने सोचा कि अगर मैं भी हॉकी खेलना शुरू कर दूं तो मैं भी ऐसा ही कर सकता हूं.” हांगझोऊ एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के इस सदस्य ने कहा कि वह पुर्तगाल के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो और उनके काम करने के तरीके के बड़े प्रशंसक है.

उन्होंने कहा, ”मैं रोनाल्डो का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं. उनके मैदान के बाहर की दिनचर्या, उनका अनुशासन, खान-पान की आदतें… मैं उनके वीडियो देखता हूं और उन्हें (आदतों को) अपनी दिनचर्या में शामिल करने की कोशिश करता हूं.” अभिषेक ने कहा कि उनका लक्ष्य हॉकी स्वर्ण पदक जीतना है. उन्होंने कहा,”मेरा लक्ष्य भारतीय हॉकी के स्वर्ण युग को पुनर्जीवित करना है. हमने ओलंपिक में पदक जीतने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन स्वर्ण युग अभी हासिल नहीं हुआ है. यही मेरा लक्ष्य है.” अभिषेक फिर से शुरू हो रही हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) की नीलामी में भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह (78 लाख रुपये) के बाद दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी रहे. उन्हें श्राची रार बंगाल टाइगर्स ने 72 लाख रुपये में खरीदा था. यह उनका पहला एचआईएल अनुभव होगा और उम्मीद है कि वह इस टूर्नामेंट को लेकर उत्साहित हैं.

उन्होंने कहा, ”यह अंतरराष्ट्रीय मैचों से अलग अनुभव होगा. एचआईएल भारतीय हॉकी के लिए भी एक बड़ी बात होने जा रही है क्योंकि हमें लीग में बहुत सारे खिलाड़ियों से मिलने का मौका मिलेगा. आईपीएल ने रास्ता दिखाया है क्योंकि वह भारतीय क्रिकेट के लिए नये खिलाड़ियों को तैयार कर रहा है. एचआईएल भी राष्ट्रीय टीम की मदद करेगा. ”

उन्होंने कहा, ”इससे बहुत फर्क पड़ेगा. हमारी एचआईएल टीम में बेल्जियम और जर्मनी के कुछ बेहतरीन खिलाड़ी हैं. एचआईएल के दौरान उनके साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना और खेल से जुड़ी जानकारी प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण होगा. हम उनसे छोटी-छोटी बातें सीखेंगे.” अभिषेक लीग के दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी है लेकिन उन्होंने कहा कि वह दबाव लेने की जगह इसका लुत्फ उठायेंगे. उन्होंने कहा, ”जिम्मेदारी तो होगी (लेकिन) मैं कोई दबाव नहीं लेना चाहता. मैं अपना खेल खेलूंगा. अगर मैं दबाव लूंगा तो अपना शत प्रतिशत नहीं दे पाऊंगा. मैं बस अपने खेल का लुत्फ उठाने की कोशिश करूंगा.”

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