इमरान खान ने कानून का शासन खत्म होने, अर्थव्यवस्था को तबाह करने के लिए सरकार पर साधा निशाना

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पर शक्तिशाली प्रतिष्ठान की निगरानी में कानून के शासन को खत्म करने और अर्थव्यवस्था को तबाह करने का आरोप लगाया.
खान ने कहा कि देश के समक्ष मौजूद वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाए उनकी पार्टी के मामलों को उठाया जा रहा है. खान ने ट्वीट किया, ”कानून के शासन को नजरअंदाज कर यह फासीवादी सरकार जनरल मुशर्रफ के मार्शल लॉ को भी पीछे छोड़ते हुए केवल तहरीक-ए-इंसाफ को कुचलने के एक सूत्री एजेंडा पर चलने के लिए प्रतिबद्ध है.”

उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट से प्रभावित पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था रसातल में जा रही है. खान ने कहा कि खुले बाजार में डॉलर की कीमत 315 रुपये है, जबकि जिनके पास पहचान पत्र नहीं है, उनके लिए यह 320 रुपये से 325 रुपये तक मिल रहा है तथा सरकारी और खुले बाजार दर में प्रति डॉलर 30 रुपये का अंतर है.

उन्होंने कहा, ”अर्थव्यवस्था के इस डॉलरकरण का मतलब देश में कोई स्थानीय या विदेशी निवेश नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप जीडीपी घटेगा और इससे भी बदतर, भीषण महंगाई होगी.” अपने प्रतिद्वंद्वियों पर हमला करते हुए खान ने कहा कि गठबंधन सरकार के नेताओं के पास अरबों डॉलर हैं. उन्होंने कहा, ”सवाल यह है कि पाकिस्तानी प्रतिष्ठान देश को पूरी तरह से आर्थिक मंदी की ओर बढ.ने की अनुमति कैसे दे रहा है?”

यह बयान ऐसे समय में आया है, जब सरकार और खान के बीच पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की महिला समर्थकों के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर जुबानी जंग बढ. गई है. देश में नौ मई को हिंसक विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर गिरफ्तार किए जाने के बाद से खान की पार्टी के कई कार्यकर्ता, नेता जेल में बंद हैं.

खान पर अपनी पार्टी को एकजुट रखने का दबाव है, क्योंकि सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए शुरू की गई कार्रवाई के बाद कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. पूर्व प्रधानमंत्री का बयान उनके समर्थकों को यह बताने का प्रयास है कि खान अभी भी प्रासंगिक हैं और देश को संकट से बाहर निकाल सकते हैं.

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