पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल पर भारत का टिप्पणी से इनकार

नयी दिल्ली. भारत ने पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल पर कोई भी टिप्पणी करने से बृहस्पतिवार को यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह पड़ोसी देश का ‘आंतरिक मामला’ है. भारत ने, हालांकि यह भी कहा कि वह पाकिस्तान के घटनाक्रम पर नजर जमाए हुए है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘‘यह उनका (पाकिस्तान का) ‘आंतरिक मामला है. मुझे उस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है. हम इस पर नजरें जमाए हुए हैं, लेकिन हम (किसी भी देश के) आंतरिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करते.’’ एक मीडिया ब्रीफिंग में उनसे पाकिस्तान के राजनीतिक घटनाक्रमों पर प्रतिक्रिया देने को कहा गया था.

नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को उपाध्यक्ष द्वारा खारिज कर दिये जाने के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हो गयी थी. उसके उपरांत पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने देश में आम चुनाव का मार्ग प्रशस्त करने के लिए असेंबली भंग कर दी थी. पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने उपाध्यक्ष के असेंबली भंग करने के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है.

भारत संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को सहयोग देना जारी रखने को तैयार

भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को उसकी आर्थिक स्थिति पटरी पर लाने में ‘पड़ोस प्रथम’ नीति के तहत सहयोग देना जारी रखने को तैयार है और वहां के घटनाक्रमों पर करीबी नजर रख रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बृहस्पतिवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता में एक सवाल के जवाब में यह बात कही.

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा (भारत-श्रीलंका) सहयोग साझी बातों एवं हितों पर आधारित है और यह हाल के महीनों में मजबूत हुआ है . ’’ श्रीलंका में आर्थिक संकट एवं उसके कारण आपूर्ति समस्याओं के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ एक पड़ोसी और करीबी मित्र के रूप में भारत श्रीलंका में उभरती आर्थिक स्थिति और अन्य घटनक्रमों पर करीबी नजर रखे हुए हैं . ’’ उन्होंने कहा कि श्रीलंका के लोगों के पेश आ रही कुछ आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के लिये भारत ने पिछले तीन महीने में पड़ोसी देश को 2.5 अरब डालर की सहायता प्रदान की है.

प्रवक्ता ने बताया कि इस ऋण सुविधा में खाद्यान्न एवं ईंधन शामिल है और मध्य मार्च तक श्रीलंका को 2,70,000 मिट्रिक टन ईंधन की आपूर्ति की गई. उन्होंने बताया कि इसके अलावा श्रीलंका को हाल में उपलब्ध करायी गई एक अरब डालर की ऋण सुविधा के तहत 40 हजार टन चावल की आपूर्ति की गई है.

गौरतलब है कि श्रीलंका इस समय सबसे बदतर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. देश में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन और रसोई गैस जैसे आवश्यक सामान की किल्लत हो गई है. प्रतिदिन 12 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि भारत और श्रीलंका के संबंध साझी सभ्यता पर आधारित मूल्यों एवं लोगों की आकांक्षाओं पर आधारित हैं .

उन्होंने कहा, ‘‘ हम हाल के घटनक्रम को इसी परिप्रेक्ष में देख रहे हैं और भारत की पड़ोस प्रथम नीति के अनुरूप श्रीलंका को कोविड बाद आर्थिक सुधार में उसे सहयोग जारी रखने को तैयार हैं . ’’ इससे एक दिन पहले, श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट में कहा था, ‘‘ ईंधन के लिये भारत की ऋण सुविधा पर काम शुरू . 36 हजार मिट्रिक टन पेट्रोल और 40 हजार मिट्रिक टन डीजल की आपूर्ति की गई . भारतीय सहायता के तहत अब तक कुल 2,70,000 मिट्रिक टन ईंधन की आपूर्ति की गई . ’’

भारत का रूस के साथ स्थापित आर्थिक संबंध है, इसे स्थिर बनाये रखने पर दे रहे ध्यान

भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसका रूस के साथ स्थापित आर्थिक संबंध हैं और हमारे सम्पर्को को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची की यह टिप्पणी उस सवाल के जवाब में आई जिसमें उनसे यूक्रेन संकट के बीच रूस के साथ कारोबारी संबंधों को लेकर पश्चिमी देशों द्वारा भारत की आलोचना के बारे में पूछा गया था. बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि रूस के साथ सम्पर्को को लेकर भारत का रुख काफी खुला है.

उन्होंने इस विषय पर रूस से यूरोपीय देशों द्वारा कच्चे तेल आदि की खरीद जारी रखने का भी उल्लेख किया. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमारा रूस के साथ स्थापित आर्थिक संबंध हैं और वर्तमान परिस्थितियों में हमारा ध्यान इन स्थापित आर्थिक संबंधों को स्थिर बनाए रखने पर है. ’’ उन्होंने कहा कि हमारे सम्पर्को को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए. रूस के साथ भुगतान के विषय पर एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि इस बात पर चर्चा चल रही है कि वर्तमान परिस्थितियों में भारत और रूस के बीच किस तरह का भुगतान तंत्र कारगर हो सकता है .

रूस के साथ कारोबार को लेकर अमेरिका से किसी तरह के दबाव के बारे में एक सवाल के जवाब में बागची ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ऐसा कोई दबाव है. उन्होंने कहा कि हमारे अमेरकिा के साथ मजबूत एवं विविधतापूर्ण संबंध हैं. प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन में संघर्ष के बीच कारोबार चल रहा है, तेल से जुड़ा कारोबार भी जारी है. यूरोप में भी कच्चे तेल की खरीद जारी है.

उन्होंने कहा कि इस बारे में हर पक्ष का अपना नजरिया होता है. बागची ने कहा कि हम काफी देशों से तेल आयात करते हैं क्योंकि तेल को लेकर हम आयातक देश हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि रूस से हमारा आयात (तेल का) काफी कम है, दूसरे देशों से ज्यादा है.

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