भारत ने फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र को 25 लाख अमेरिकी डॉलर दान किए
भारत ने इजराइल-हमास संघर्ष में मानवीय आधार पर युद्ध विराम के प्रयासों को सराहा
यरूशलमस/संयुक्त राष्ट्र. भारत ने फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए)को 25 लाख अमेरिकी डॉलर दान किए हैं. गाजा के लिए इस मुश्किल भरे वक्त में योगदान देने के एजेंसी ने मंगलवार को भारत के कदम का स्वागत किया है. यूएनआरडब्ल्यूए 1950 से काम कर रही है और पंजीकृत फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए प्रत्यक्ष राहत एवं बचाव कार्यों का जिम्मा संभालती है. संयुक्त राष्ट्र के लगभग सभी सदस्य देश स्वेच्छा से इसे दान देते हैं.
रामल्ला में भारत के प्रतिनिधि कार्यालय के मुताबिक, भारत ने 2023-24 के लिए यूएनआरडब्ल्यूए के कार्यक्रमों और सेवाओं के समर्थन के लिए अपने वार्षिक योगदान के हिस्से के रूप में सोमवार को 25 लाख अमेरिकी डॉलर दिए हैं. एजेंसी के कार्यों में फलस्तीनी शरणार्थियों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, राहत और सामाजिक सेवाएं मुहैया कराना शामिल है. फलस्तीन के लिए भारतीय प्रतिनिधि रेणु यादव ने यूएनआरडब्ल्यूए के विदेश मामलों के विभाग के भागीदारी निदेशक करीम आमिर को यह दानराशि सौंपी.
यूएनआरडब्ल्यूए की एक प्रवक्ता तमारा अलरफाई ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”यूएनआरडब्ल्यूए को भारत से सोमवार को बड़ा दान प्राप्त हुआ, जिसकी पुष्टि करते हुए हम इस मुश्किल दौर में पूरे क्षेत्र में विशेष रूप से गाजा के समक्ष भारी जरूरतों की चुनौतियों से निपटने में योगदान का तहे दिल से स्वागत करते हैं.”
सात अक्टूबर को इजराइल-हमास संघर्ष की शुरुआत के बाद से यूएनआरडब्ल्यूए हजारों फलस्तीनियों को बुनियादी सेवाएं प्रदान करने के लिए संघर्ष कर रहा है. इस खूनी संघर्ष के कारण गाजा की दो-तिहाई से अधिक आबादी को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
भारत ने इजराइल-हमास संघर्ष में मानवीय आधार पर युद्ध विराम के प्रयासों को सराहा
भारत ने जारी इजराइल-हमास संघर्ष के बीच मानवीय आधार पर युद्ध विराम के प्रयासों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय के उन प्रयासों की भी सराहना की है जिनका उद्देश्य तनाव कम करना और फलस्तीन के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करना है.
गाजा पट्टी में मानवीय दशा को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में पूर्ण सत्र की अनौपचारिक बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने सोमवार को जोर देकर कहा कि भारतीय नेतृत्व का संदेश ”स्पष्ट और सुसंगत” रहा है.
कंबोज ने कहा, ”भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के उन सभी प्रयासों का स्वागत करता है जो संघर्ष को कम करने के लिए हैं और फलस्तीन के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करने को सक्षम बनाते हैं.” उन्होंने कहा, ”हम आतंकवाद के सभी रूपों और इसके प्रसार के विरोधी हैं, स्पष्ट रूप से हिंसा के खिलाफ हैं और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने के पक्ष में हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि संघर्ष को और बढ.ने से रोका जाए, मानवीय सहायता जारी रहे, सभी बंधकों को बिना शर्त रिहा किया जाए और सभी पक्ष शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली की दिशा में काम करें.” कंबोज ने रेखांकित किया कि इस दिशा में, ”हम मानवीय आधार पर युद्ध विराम के प्रयासों का भी स्वागत करते हैं.”