भारत अपनी सबसे अनिश्चित और कठिन आर्थिक स्थिति से गुजर रहा: कांग्रेस
मप्र के बांधवगढ़ में हाथियों की मौत की विस्तृत जांच हो: जयराम रमेश
नयी दिल्ली. कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि देश में वेतन में स्थिरता, असमानता और महंगाई के कारण ‘मंदी’ की स्थिति है तथा भारत कई वर्षों में अपने सबसे अनिश्चित और कठिन आर्थिक हालात से गुजर रहा है. कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, ”पिछले तीन दशकों से भारत की विकास गाथा उपभोग में वृद्धि की कहानी थी. करोड़ों परिवारों के गरीबी से निकलकर मध्यम वर्ग में प्रवेश करने की कहानी, जो नए उत्पाद खरीदने और संपत्ति बनाने में सक्षम थे. यह एक संपन्न अर्थव्यवस्था का संकेत था, जो तेज.ी से बढ़ रही थी और जो अपने लाभ को व्यापक रूप से वितरित कर रही थी.”
उन्होंने दावा किया कि पिछले 10 वर्षों में देश में उपभोग की कहानी अब उल्टा घूम गई है और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरी है. रमेश ने कहा, ”भारत का कारोबारी समुदाय भी अब इसी सुर में सुर मिला रहा है, एक प्रमुख सीईओ ने यहां तक कह दिया है कि भारत में मध्यम वर्ग “सिकुड़ रहा है.” उन्होंने कहा कि वेतन में स्थिरता, महंगाई और असमानता के कारण यह ‘मंदी’ की स्थिति है.
कांग्रेस नेता ने कहा, ”हाल ही में जारी उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण 2022-2023 जैसे सरकार के आधिकारिक आंकड़ों सहित डेटा के कई स्रोतों से इस बात के स्पष्ट प्रमाण मिलते हैं कि 10 साल पहले की तुलना में श्रमिकों की क्रय शक्ति घट गई है. चिंता की बात यह है कि इन स्थिर मजदूरी दर का संबंध भारत के श्रमिकों की उत्पादकता में गिरावट से हो सकता है, जो हाल के वर्षों में सिकुड़ रही है.”
रमेश ने उच्च महंगाई दर का उल्लेख करते हुए कहा, ‘भारतीय रिज.र्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर डॉ. विरल आचार्य ने कहा है, पिछले दशक में अदाणी समूह सहित 5 बड़े समूहों का उदय हुआ है, जो 40 क्षेत्रों (सीमेंट सहित रसायन, पेट्रोल, निर्माण, आदि) में एकाधिकार स्थापित कर रहे हैं. 2015 में जब एक आम आदमी 100 रुपए की खरीदारी करता था तब उद्योगपति को इसका 18 प्रतिशत हिस्सा जाता था, अब 100 रुपए में से उसी मालिक को 36 रुपए का मुनाफा होता है.” उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में महंगाई बढ़ने के लिए सरकार द्वारा मित्रवादी पूंजीवाद को बढ़ावा देने की नीतियां और इन समूहों को संरक्षण देना ज.म्मिेदार है.
रमेश ने कहा, ”ग्रामीण क्षेत्रों में दोपहिया वाहनों की बिक्री, जो आर्थिक विकास का एक प्रमुख संकेतक है – अभी भी 2018 की तुलना में कम है. सभी भौगोलिक क्षेत्रों में असमानता चरम पर है. आंकड़ों से पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘अरबपति राज’ ब्रिटिश राज की तुलना में अधिक असमान है.” उन्होंने कहा, ”भारत वर्तमान में अपनी सबसे अनिश्चित और कठिन आर्थिक स्थिति में है. वेतन स्थिरता, मुद्रास्फीति और असमानता केवल राजनीतिक मुद्दे नहीं हैं, बल्कि वे भारत की दीर्घकालिक विकास संभावनाओं के लिए बेहद हानिकारक हैं. वे भारत की उपभोग वृद्धि को कमज.ोर कर रहे हैं और निजी क्षेत्र को निवेश के लिए मिलने वाले सबसे महत्वपूर्ण प्रोत्साहन से वंचित कर रहे हैं.”
मप्र के बांधवगढ़ में हाथियों की मौत की विस्तृत जांच हो: जयराम रमेश
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने बुधवार को मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य (बीटीआर) में सात हाथियों की मौत को लेकर बुधवार को कहा कि इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए और आगे इसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए. मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य (बीटीआर) में तीन और हाथियों की मौत हो गई तथा तीन अन्य हाथियों की हालत गंभीर है. अभयारण्य में अब तक सात हाथियों की मौत हो चुकी है.
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य से खबर है कि सात हाथियों की मौत हो गई है, जबकि दो या तीन की हालत गंभीर है. यह पूरी तरह हतप्रभ करने वाली बात है.” उन्होंने पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव को टैग करते हुए कहा, ”इससे अभयारण्य में हाथियों की आबादी का करीब 10 फीसदी हिस्सा एक ही बार में खत्म हो जाएगा. इसकी तुरंत पूरी जांच होनी चाहिए और जरूरी उपाय किए जाने चाहिए.” मध्यप्रदेश के वन मंत्री रामनिवास रावत ने हाथियों की मौत के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने के आदेश दिए हैं और अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है.