भारत वर्ष 2025 तक टीबी खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा : मोदी

वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की प्राचीन भावना आधुनिक विश्व को एकीकृत दृष्टिकोण व समाधान दे रही है तथा देश, वर्ष 2025 तक टीबी खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है. विश्व क्षय रोग (टीबी) दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के ‘रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर’ में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा संयुक्त राष्ट्र सर्मिथत संगठन ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप’ द्वारा आयोजित ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ को संबोधित किया. उन्होंने कहा ,‘‘भारत अब दुनिया से पांच साल पहले यानी वर्ष 2025 तक टीबी खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है.’’

मोदी ने कहा कि एक देश के तौर पर भारत की विचारधारा का प्रतिंिबब ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना में झलकता है और यह प्राचीन विचार आधुनिक विश्व को एकीकृत दृष्टिकोण तथा समाधान दे रहा है. उन्होंने कहा कि जी-20 के अध्यक्ष के रूप में भारत ने ‘एक परिवार, एक विश्व, एक भविष्य’ की थीम को इस तरह की मान्यताओं के आधार पर ही चुना है.

अपने संबोधन की शुरुआत ‘हर-हर महादेव’ के जयघोष से करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से भारत ने जिस नई सोच तथा दृष्टिकोण के साथ तपेदिक (टीबी) के खिलाफ काम करना शुरू किया, वह वाकई ‘अभूतपूर्व’ है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में ‘वन अर्थ, वन हेल्थ'(एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य) के दृष्टिकोण को लेकर आगे बढ़ा रहा है तथा भारत ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ के साथ वैश्विक भलाई के संकल्पों को साकार कर रहा है.

मोदी ने कहा, ‘‘नौ वर्षों में टीबी के खिलाफ लड़ाई में भारत ने अनेक मोर्चों पर एक साथ काम किया है जैसे जनभागीदारी, पोषण के लिए विशेष अभियान, इलाज के लिए नई रणनीति, तकनीक का भरपूर इस्तेमाल और अच्­छे स्­वास्­थ्­य को बढ़ावा देने वाले ‘खेलो इंडिया’ और योग जैसे अभियान.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अभियान के बाद 10 लाख टीबी मरीजों को देश के सामान्य नागरिकों ने गोद लिया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश में 10-12 साल के बच्चे भी निक्षय मित्र बनकर टीबी के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ा रहे हैं.’’

मोदी ने कहा, ‘‘ऐसे कितने ही बच्चे हैं जिन्होंने अपनी गुल्­लक तोड़कर टीबी मरीजों को गोद लिया है. टीबी मरीजों के लिए इन निक्षय मित्रों का आर्थिक सहयोग एक हजार करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि 2018 से लगभग 2,000 करोड़ रुपये सीधे टीबी रोगियों के बैंक खातों में भेजे गए हैं और लगभग 75 लाख रोगी इससे लाभान्वित हुए हैं.

उन्होंने कहा कि आज टीबी के इलाज के लिए 80 प्रतिशत दवाएं भारत में बनती हैं. भारत की दवा कंपनियों का यह सामथ्र्­य टीबी के खिलाफ वैश्विक अभियान की बहुत बड़ी ताकत है. उन्होंने कहा कि मैं चाहूंगा कि भारत के इन प्रयासों का लाभ ज्यादा से ज्यादा देशों को मिले. कोविड के दौरान किये गये प्रयासों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ट्रेस, टेस्­ट, ट्रैक, ट्रीट एंड टेक्नॉलोजी’ (पता लगाओ, जांच करो और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल) की रणनीति टीबी के खिलाफ हमारी लड़ाई में काफी मदद कर रही है. भारत के इस स्थानीय दृष्टिकोण में बड़ी वैश्विक क्षमता मौजूद है, जिसका हमें साथ मिलकर इस्तेमाल करना है.

इस अवसर पर उन्होंने महात्मा गांधी का स्मरण करते हुए कहा कि 2007 में मेरे मुख्­यमंत्री रहते कुष्ठ रोगी अस्पताल को (मरीज नहीं होने की वजह से)ताला लगा और गांधी जी का सपना पूरा हुआ. उन्होंने कहा कि टीबी के मरीजों में जागरूकता की कमी दिखती है, बहुत से लोग इस बीमारी को लोगों से छुपाते हैं. हमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करने पर ध्यान देना होगा.

प्रधानमंत्री ने क्षय रोग को समाप्त करने की दिशा में उनकी प्रगति के लिए चुंिनदा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और जिलों को भी सम्मानित किया. उन्­होंने राज्­य स्तर पर पुरस्कार प्राप्­तकर्ता कर्नाटक और जम्मू और कश्मीर तथा जिला स्तर पर नीलगिरी, पुलवामा और अनंतनाग के अधिकारियों को पुरस्कृत किया.

इसके पहले प्रधानमंत्री ने टीबी रोकथाम उपचार (टीपीटी) की आधिकारिक शुरुआत के रूप में टीबी मुक्त पंचायत समेत अनेक परियोजनाओं और क्षयरोग के लिए परिवार केंद्रित एक देखभाल मॉडल की शुरुआत की. उन्होंने इस मौके पर भारत की वार्षिक टीबी रिपोर्ट 2023 भी जारी की. मोदी ने ‘राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र’ प्रयोगशाला की वाराणसी शाखा की आधारशिला भी रखी और ‘मेट्रोपॉलिटन पब्लिक हेल्थ र्सिवलांस यूनिट’, वाराणसी का अनावरण किया.

इस कार्यक्रम में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्­यमंत्री योगी आदित्­यनाथ, केंद्रीय मंत्री डॉ मनसुख मांडविया व उप मुख्­यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मोदी का स्वागत किया. इस आयोजन में दुनिया के कई देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए. ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप’ की अधिशासी निदेशक डॉ लुसिका दितिउ ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भारत में 2025 तक क्षय रोग समाप्त हो जाएगा. उन्होंने नारा दिया ‘टीबी हारेगा-इंडिया जीतेगा, टीबी हारेगा-दुनिया जीतेगी.’ इससे पहले, शुक्रवार की सुबह प्रधानमंत्री मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे जहां हवाई अड्डे पर मुख्­यमंत्री योगी आदित्­यनाथ समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई प्रमुख नेताओं ने उनका स्वागत किया.

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