तीन पीढ़ियों के साथ भारतीय महिला टीम की हौसलाअफजाई के लिये पहुंचे भारतवंशी

ब्रिसबेन. हरियाणा के सतिंदर पाल संधू अपने सत्तर वर्ष के पिता और छह महीने की बेटी को लेकर यहां एलेन बॉर्डर फील्ड पर पहुंचे तो सुखजीत सिंह सर्जन अपनी छह साल की बेटी को उसकी पसंदीदा स्मृति मंधाना की बल्लेबाजी दिखाने के लिये काम से छुट्टी लेकर आये .

ये दोनों परिवार अकेले नहीं थे बल्कि भारत और आस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीमों के बीच पहला वनडे देखने के लिये बड़ी संख्या में आस्ट्रेलिया में बसे भारतवंशी परिजनों के साथ भारत की नीली जर्सी पहने और हाथ में तिरंगा लिये यहां मौजूद थे . इनमें वे भी शामिल थे जिन्हें 14 दिसंबर से गाबा पर भारत और आस्ट्रेलिया की पुरूष टीमों के बीच होने वाले तीसरे टेस्ट का टिकट नहीं मिल सका .

करीब पांच हजार की क्षमता वाले स्टेडियम में सीटों के अलावा दर्शक घास पर अपनी अपनी कुर्सियां, टेबल और बच्चों को घुमाने वाली गाड़ी (प्राम) लेकर पहुंचे थे . सप्ताहांत नहीं होने के बावजूद अच्छी खासी तादाद में भारतवंशी जमा थे और मैदान पर डीजे ने लुंगी डांस, छम्मक छल्लो, केसरिया तेरा इश्क और पंजाबी गाने बजाकर माहौल को और भारतीय रंग दे दिया था . मैच के बाद कप्तान हरमनप्रीत और मंधाना से आटोग्राफ लेने के लिये बच्चों की भीड़ सीमारेखा के पास जमा हो गई .

हरियाणा के सिरसा के रहने वाले सतिंदर पाल सिंह संधू 16 साल से यहां बसे हैं और अपने पिता , पत्नी , चार साल के बेटे और छह महीने की बच्ची के साथ पहुंचे . सभी ने अपने अपने नाम की भारतीय टीम की खास जर्सी बना रखी थी और छोटे बच्चे को मैदान में घुमाते हुए मैच का मजा ले रहे थे .

सतिंदर पाल ने कहा ,” हम भारतीय टीम के मैच देखने हमेशा आते हैं . काम से छुट्टी लेकर आये हैं और पापा वैसे कम ही बाहर जाते हैं लेकिन क्रिकेट कभी नहीं छोड़ते . मेरा बेटा तो यशस्वी जायसवाल का फैन है .” भारत की हार के बावजूद उन्होंने कहा ,”हमारी टीम अच्छी है और हार जीत तो खेल का हिस्सा है . हमें शेफाली वर्मा की कमी खल रही है . वह लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही थी लेकिन जब फॉर्म में होती है तो मैच जिताती हैं .” डॉक्टर आशुतोष मिश्रा क्वींसलैंड क्रिकेट के बहु सांस्कृतिक प्रोजेक्ट मैनेजर हैं और इलाहाबाद से 16 साल पहले यहां आकर बसे .

उन्होंने कहा ,” भारतीय ही नहीं बल्कि आस्ट्रेलियाई समुदाय , क्रिकेट आस्ट्रेलिया और प्रदेश संघों में भी भारत आस्ट्रेलिया श्रृंखला को लेकर काफी उत्साह रहता है . इस श्रृंखला में प्रतिस्पर्धी क्रिकेट देखने को मिलता है, दर्शक बहुत आते हैं और राजस्व भी बनता है . भारतीय टीम के प्रशंसकों की यहां कमी नहीं है और दूर दूर से वे आते हैं . गोल्ड कोस्ट और मेलबर्न से भी यहां लोग मैच देखने आये हैं .” उन्होंने बताया कि कई बार भारतीय ढोल ताशे लेकर भी मैच देखने आते हैं और पूरा मजा लेते हैं . सुखजीत सिंह सर्जन बच्चों को

लेकर मैच देखने आये हैं जिनकी छह साल की बच्ची जपजीत कौर क्रिकेट खेलती है और विराट कोहली तथा स्मृति मंधाना की फैन है .
उन्होंने कहा ,” लड़कियां खेलती हैं तो उससे प्रेरणा मिलती है और मेरी बेटी भी क्रिकेटर बनना चाहती हैं .भारतीय पुरूष टीम चौदह दिसंबर से गाबा पर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी मैच खेलेगी और हम वह मैच भी देखने जा रहे हैं . ” क्रिकेट की शौकीन अनिला केरल से हैं और सत्रह साल से आस्ट्रेलिया में हैं जिन्होंने मैच के लिये अपने जन्मदिन पर पार्टी नहीं की .

उन्होंने कहा ,” जन्मदिन के दिन भारतीय महिला टीम का मैच देखने आई हूं दोस्तों के साथ . टीम से जीत का तोहफा चाहती थी जो नहीं मिला लेकिन अगले मैच में फिर आऊंगी .” वह स्टेडियम पर महिला क्रिकेट वनडे की मर्केंडाइज मैनजर हैं और उन्हें दुख है कि भारतीय टीम की जर्सी का इंतजाम नहीं हो सका .

उन्होंने कहा, ”भारत और आस्ट्रेलिया का मैच देखने बड़ी संख्या में लोग आये हैं और हमसे भारत की जर्सी की भी मांग हुई है लेकिन हमारे पास नहीं थी . बड़ी संख्या में भारतीय नीले रंग की जर्सी पहने हुए हैं जो उन्होंने शायद भारत से मंगवाई होगी . अगले मैच में कोशिश करेंगे क्योंकि रविवार है और काफी भीड़ होगी .”

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