भारत का आम बजट दुनिया के लिए आशा की किरण बनेगा: प्रधानमंत्री मोदी

राष्ट्रपति के अभिभाषण में विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे बदलावों की गहन तस्वीर

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल के बीच भारत का बजट आम नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेगा और साथ ही दुनिया के लिए आशा की किरण भी बनेगा. संसद के बजट सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था की दुनिया की जानी-मानी आवाजें देश के लिए सकारात्मक संदेश ला रही हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच तकरार होगी लेकिन साथ ही उन्होंने उम्मीद भी जताई कि इस दौरान विपक्षी सदस्य तैयारी के साथ तकरीर भी करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘आज की वैश्­विक परिस्­थिति में भारत के बजट की तरफ न सिर्फ भारत का, बल्कि पूरे विश्­व का ध्­यान है. विश्­व की डांवाडोल आर्थिक परिस्­थिति में भारत का बजट भारत के सामान्­य जन की आशा-आकांक्षाओं को तो पूरा करने का प्रयास करेगा ही, लेकिन विश्­व, जो आशा की किरण देख रहा है उसे वह और अधिक प्रकाशमान पाएगा.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे पूरा भरोसा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन अपेक्षाओं को पूर्ण करने के लिए भरपूर प्रयास करेंगी.’’ मोदी ने कहा कि आज का अवसर विशेष है क्योंकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह पहला अभिभाषण है.

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति जी का अभिभाषण भारत के संविधान का गौरव है, भारत की संसदीय प्रणाली का गौरव है और विशेष रूप से आज नारी सम्मान का भी अवसर है. दूर-सुदूर जंगलों में जीवन बसर करने वाले हमारे देश की महान आदिवासी परंपरा के सम्मान का भी अवसर आया है.’’ मोदी ने कहा कि संसदीय कार्य में छह-सात दशक से जो परंपराएं विकसित हुई हैं, उन परंपराओं में देखा गया है कि अगर कोई भी नया सांसद पहली बार सदन में बोलने के लिए खड़ा होता है तो पूरा सदन उनको सम्­मानित करता है. उन्होंने कहा कि उनका आत्­मविश्­वास बढ़े, इसके लिए एक प्रकार से अनुकूल वातावरण तैयार किया जाता है जो कि एक उज्­जवल और उत्­तम परंपरा है.

उन्होंने कहा, ‘‘आज राष्­ट्रपति का उद्बोधन भी उनका पहला उद्बोधन है. सभी सांसदों की तरफ से आज का यह पल उमंग, उत्­साह और ऊर्जा से भरा हुआ हो, यह हम सबका दायित्­व है. मुझे विश्­वास है कि हम सभी सांसद इस कसौटी पर खरे उतरेंगे.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार की कार्य संस्कृति के केंद्र ंिबदु में ‘‘भारत सर्वप्रथम, नागरिक सर्वप्रथम’’ रहा है और उसी भावना को लेकर बजट सत्र में आगे बढ़ाया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘‘बजट सत्र में तकरार भी रहेगी लेकिन तकरीर भी तो होनी चाहिए. मुझे विश्वास है हमारे विपक्ष के सभी साथी बड़ी तैयारी के साथ, बहुत बारीकी से अध्ययन करके सदन में अपनी बात रखेंगे. देश के नीति निर्धारण में सदन बहुत ही अच्छे तरीके से चर्चा करके अमृत निकालेगा जो देश के काम आएगा.’’ संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है. संसद के केंद्रीय कक्ष में लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत हुई.

सत्र के पहले दिन, दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण पटल पर रखा गया. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट बुधवार को पेश किया जाएगा. बजट सत्र में कुल 66 दिन में 27 बैठकें होंगी. सत्र का पहला भाग 13 फरवरी तक होगा. 14 फरवरी से 12 मार्च तक सदन की कार्रवाई नहीं होगी और इस दौरान विभागों से संबंधित संसदीय स्थायी समितियां अनुदान मांगों की समीक्षा करेंगी और अपने मंत्रालयों और विभागों से संबंधित रिपोर्ट तैयार करेंगी. बजट सत्र का दूसरा भाग 13 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा.

राष्ट्रपति के अभिभाषण में विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे बदलावों की गहन तस्वीर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे आम नागरिकों को सशक्त बनाया गया है और ‘‘जीवन जीने की सुगमता’’ को मजबूती प्रदान की गई है.

मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के संबोधन में कई विषयों को शामिल किया गया, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे परिवर्तनकारी बदलावों की गहन तस्वीर पेश की गई.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे आम नागरिकों को सशक्त बनाया गया है और ‘जीवन जीने की सुगमता’ को आगे बढ़ाया गया है.’’

आर्थिक समीक्षा भारत के विकास पथ का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करती है : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि संसद में पेश 2022-23 की आर्थिक समीक्षा भारत के विकास पथ का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करती है, जिसमें हमारे राष्ट्र के प्रति वैश्विक आशावाद, बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करने आदि पर जोर देना शामिल है.

संसद सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में पेश की गई आर्थिक समीक्षा 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में घटकर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. हालांकि, इसके मुताबिक भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा.

प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आर्थिक सर्वेक्षण में भारत के विकास पथ व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है, जिसमें हमारे राष्ट्र के प्रति वैश्विक आशावाद, बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना, कृषि, उद्योगों में विकास और भविष्य के क्षेत्रों पर जोर देना शामिल है.’’

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