महामारी पर भारत के व्यावहारिक कदम से ऊंची वृद्धि संभव हुई : वैष्णव

दावोस. केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि भारत ने कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुए मानवीय और आर्थिक संकट से निपटने के लिए बेहद व्यावहारिक रुख अपनाया. उन्होंने आगे जोड़ा कि इसके चलते देश में मध्यम मुद्रास्फीति और उच्च वृद्धि दर सुनिश्चित हुई.

विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक-2023 में मंत्री ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था जुझारू रही है और नीतिगत ढांचा बेहद मध्यम मुद्रास्फीति के साथ टिकाऊ वृद्धि के लिए रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘महामारी ने दुनिया को प्रभावित किया और एक आर्थिक तथा मानवीय संकट को जन्म दिया. कई देशों ने बड़े प्रोत्साहन पैकेजों के साथ अपने खजाने को खोलना शुरू कर दिया. इस कारण काफी धन आ गया, जिसके चलते भारी मुद्रास्फीति का दबाव बना.’’

उन्होंने कहा, ‘‘भले ही विशेषज्ञ कुछ भी कहें, लेकिन भारत ने पूंजी के महत्व को समझते हुए बेहद व्यावहारिक नजरिया अपनाया.’’ वैष्णव ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय सहायता, मुफ्त भोजन और मुफ्त टीकों के साथ कमजोर आबादी पर ध्यान दिया और यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डिजिटल मंच के जरिये किया गया.

उन्होंने कहा, ‘‘इन फैसलों ने हमारे देश की नियति को आकार दिया है और हम मजबूत तथा टिकाऊ वृद्धि के रास्ते पर है. हम अपने व्यावहारिक नजरिये के कारण उच्च वृद्धि और मध्यम मुद्रास्फीति हासिल करने में सक्षम हैं.’’ मंत्री ने आगे कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि राजकोषीय नीति और मौद्रिक नीति एक साथ चले, जबकि कई दूसरे देश ऐसा नहीं कर सके. हमने पहला लक्ष्य बनाया मुद्रास्फीति को मध्यम स्तर पर रखना और वह भी 10 साल की लंबी अवधि के लिए. साथ ही यह सुनिश्चित किया कि हम जल्दी से उच्च वृद्धि दर पर लौट आएं.’’

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