कांकेर: अधिकारी ने मोबाइल फोन की तलाश में बांध के बाहरी हिस्से से 41 लाख लीटर पानी खाली कराया, निलंबित

कांकेर. छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में खाद्य विभाग के एक अधिकारी ने बांध के बाहरी हिस्से में मोबाइल फोन गिरने के बाद वहां से करीब 41 लाख लीटर पानी कथित तौर पर खाली करा दिया. घटना के बाद अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी.

कांकेर जिले के अधिकारियों ने बताया कि जिले के पखांजूर क्षेत्र में बांध के बाहरी हिस्से में जमा करीब 41 लाख लीटर पानी बाहर निकालने के मामले में खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास को निलंबित कर दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास रविवार (21 मई) को अपने दोस्तों के साथ क्षेत्र के परलकोट जलाशय घूमने गया था. अधिकारियों ने बताया कि जब वह सेल्फी ले रहा था तब उसका मोबाइल फोन दुर्घटनावश गहरे पानी में गिर गया.

उन्होंने बताया कि अधिकारी ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से डीजल पंप का इस्तेमाल किया और वहां से बड़ी मात्रा में जमा पानी बृहस्पतिवार तक बाहर निकाल दिया. उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को अधिकारी का मोबाइल फोन मिल गया. अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को जब मामला सामने आया तब कांकेर जिले की कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने इस संबंध में रिपोर्ट मांगी और विश्वास को निलंबित कर दिया.

उन्होंने बताया कि कलेक्टर शुक्ला ने जल संसाधन विभाग के एसडीओ आर सी धीवर को बांध के बाहरी हिस्से से पानी निकालने की कथित रूप से मौखिक अनुमति देने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कलेक्टर द्वारा जारी निलंबन आदेश के अनुसार विश्वास ने परलकोट जलाशय के ‘वेस्ट वियर’ से लगभग 41 लाख लीटर पानी डीजल पंप से बहा दिया.

निलंबन आदेश में कहा गया है कि इस घटना के संबंध में पखांजूर के अनुविभागीय अधिकारी से एक रिपोर्ट मांगी गई थी, जिसमें कहा गया था कि मोबाइल फोन की तलाशी के लिए बगैर अनुमति के 4104 क्यूबिक मीटर पानी खाली कराया गया. आदेश में कहा गया है, ”विश्वास ने अपने मोबाइल फोन की तलाश के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया और सक्षम अधिकारी से अनुमति के बिना भीषण गर्मी के मौसम में लाखों लीटर पानी व्यर्थ बहा दिया, जो अस्वीकार्य है. इस कृत्य के लिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.” धीवर को जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि मीडिया में विश्वास के बयानों के अनुसार उसने इसके लिए धीवर से मौखिक अनुमति मांगी थी.

आदेश में कहा गया है कि बिना वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के पानी बहाने की मौखिक अनुमति देना कदाचरण की श्रेणी में आता है. एसडीओ को 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा गया है और विफल रहने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
अधिकारी विश्वास ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ जलाशय गया था और सेल्फी लेने के दौरान उनका फोन सैमसंग गैलेक्सी एस 23 गहरे पानी में गिर गया.

विश्वास ने बताया ”वहां मौजूद स्थानीय लोगों ने कहा कि वह जगह केवल 10 फुट गहरी है और फोन को प्राप्त किया जा सकता है. शुरू में उन्होंने इसे निकालने की कोशिश की लेकिन असफल रहे. उन्होंने मुझसे कहा कि यदि पानी 3-4 फुट तक खाली किया जाए तो वे फोन निकाल सकते हैं. तो मैंने सिंचाई विभाग के एसडीओ से बात की जिन्होंने कहा कि चूंकि पानी किसानों द्वारा इस्तेमाल नहीं किया जाता इसलिए आप इसे खाली करा सकते हैं. इसलिए मैंने अपने खर्चे पर स्थानीय लोगों की मदद से तीन फुट पानी खाली कराया और फिर बृहस्पतिवार को फोन वापस मिल गया.”

उन्होंने बताया, ”मैंने पानी निकाल कर पास के तालाबों में पहुंचा दिया. पानी बर्बाद नहीं हुआ.” भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सत्ताधारी कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि भूपेश बघेल सरकार में अधिकारी राज्य को अपनी पुश्तैनी जागीर समझ बैठे हैं.

सिंह ने ट्वीट कर कहा,”दाऊ (भूपेश बघेल) की तानाशाही में अधिकारी प्रदेश को पुश्तैनी जागीर समझ बैठे हैं. आज भीषण गर्मी में लोग टैंकरों के भरोसे हैं, पीने तक के पानी की व्यवस्था नहीं है. वहीं अधिकारी अपने मोबाइल के लिए लाखों लीटर पानी बहा रहे हैं, इतने पानी में डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी.”

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