केरल अंतरधार्मिक विवाह मामला: लड़की के रिश्तेदारों ने लगाया जबरन कैद करने का आरोप

कोझिकोड. केरल में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन आॅफ इंडिया (डीवाईएफआई) के एक मुस्लिम नेता से शादी करने वाली ईसाई समुदाय की एक लड़की के पिता ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि उसकी बेटी को उसकी मर्जी के खिलाफ ले जाया गया है और राज्य के बाहर की किसी एजेंसी से इस मामले की जांच कराई जानी चाहिए.

सऊदी अरब में नर्स ज्योत्सना मैरी जोसेफ के पिता ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जिस दिन से उनकी बेटी ने घर छोड़ा है, उसने किसी से बात नहीं की है इसलिए उनका मानना है कि ज्योत्सना के पति ने उसकी मर्जी के खिलाफ उसे कैद कर रखा है. युवती के पिता ने कहा कि केरल पुलिस उनकी बेटी को उनके पास लाने में नाकाम रही है इसलिए उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं है.

उन्होंने कहा कि उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया है और वहां जो निर्णय होगा उससे वह भविष्य की कार्रवाई पर विचार करेंगे. वधू पक्ष के रिश्तेदारों द्वारा ‘‘लव जिहाद’’ का आरोप लगाने के बाद इस अंतरधार्मिक विवाह के कारण राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है और वामदल के एक वरिष्ठ नेता ने इस आरोप का समर्थन किया और बाद में अपना बयान वापस ले लिया.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि अंतरधार्मिक विवाह कोई अस्वाभाविक घटना नहीं है और ‘‘लव जिहाद’’ के नाम से चलाया जा रहा अभियान आरएसएस और संघ परिवार के दिमाग की उपज है. युवती ने अपने परिवार की इच्छा के विरुद्ध जाकर डीवाईएफआई के एक स्थानीय मुस्लिम नेता शेजिन से शादी कर ली जिसके बाद वधू के रिश्तेदारों ने ‘‘लव जिहाद’’ का आरोप लगाया.

माकपा के जिला सचिवालय सदस्य जॉर्ज एम थॉमस ने मंगलवार को इस आरोप का समर्थन किया था जिसके बाद विवाद और बढ़ गया तथा सोशल मीडिया पर सत्तारूढ़ पार्टी के विरुद्ध एक वर्ग के लोगों ने अभियान चलाना शुरू कर दिया. बाद में पार्टी के जिला नेतृत्व ने हस्तक्षेप कर थॉमस की ओर से स्पष्टीकरण दिलवाया. नवविवाहित जोड़े ने ज्योत्सना के परिजनों के आरोपों का खंडन किया था.

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