कोविड-19 : 5-12 आयुवर्ग के लिए ‘कॉर्बेवैक्स’, 6-12 आयुवर्ग के लिए ‘कोवैक्सीन’ के इस्तेमाल की मंजूरी

नयी दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को बताया कि भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 5 से 12 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों के लिए कोविड-19 रोधी टीके ‘कॉर्बेवैक्स’ और 6 से 12 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों के लिए ‘कोवैक्सीन’ टीके के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. डीसीजीआई ने इससे पहले ‘कैडिला’ को 12 साल या अधिक उम्र के बच्चों के लिए 28 दिन के अंतर पर दो खुराक के साथ 3 मिलीग्राम की अतिरिक्त खुराक के वास्ते उसके ‘जायकोव-डी’ टीके के लिए भी आपातकालीन उपयोग की मंजूरी (ईयूए) दे दी थी. वर्तमान में, ‘जायकोव-डी’ की दो मिलीग्राम की तीन खुराक की मंजूरी दी गई है.

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 वैश्विक महामारी पर गठित विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की सिफारिशों के बाद भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने इसके इस्तेमाल की अनुमति दी है. एसईसी ने 5 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के वास्ते ‘बायोलॉजिकल ई’ के कोविड-19 रोधी टीके ‘कोर्बेवैक्स’ और 6 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए ‘कोवैक्सीन’ टीके के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी (ईयूए) देने की पिछले सप्ताह सिफारिश की थी.

‘बायोलॉजिकल ई’ के ‘कॉर्बेवैक्स’ टीके की खुराक अभी 12 से 14 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों को दी जा रही है. वहीं, 24 दिसंबर, 2021 को डीसीजीआई ने 12 से 18 वर्ष के आयुवर्ग के लोगों के लिए ‘कोवैक्सीन’ को आपातकालीन इस्तेमाल की सूची (ईयूएल) में डाल दिया था.
भारत ने 16 मार्च को 12-14 वर्ष की आयु के बच्चों का टीकाकरण शुरू किया.

देशभर में कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी 2021 को शुरू किया गया था, तब केवल स्वास्थ्य र्किमयों को टीके लगाए जा रहे थे. इसके बाद दो फरवरी 2021 से, अग्रिम मोर्चे पर तैनात र्किमयों का टीकाकरण और एक मार्च 2021 से 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और गंभीर बीमारी से पीड़ित 45 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों के लिए टीकाकरण शुरू हुआ. 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए एक अप्रैल 2021 को टीकाकरण शुरू हुआ और 18 साल से अधिक आयु के लोगों को एक मई 2021 से कोविड-19 रोधी टीके देने शुरू किए गए.

देश में तीन जनवरी 2022 से 15 से 18 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण शुरू हुआ था. स्वास्थ्य र्किमयों तथा अग्रिम मोर्चे पर तैनात र्किमयों और गंभीर बीमारी से पीड़ित 60 साल या उससे अधिक आयु के लोगों को ‘एहतियाती खुराक’ 10 जनवरी 2022 से देनी शुरू की गई. देश में 10 अप्रैल 2022 से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को ‘एहतियाती’ खुराक देनी शुरू कर दी गई थी.

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