ममता बनर्जी ने गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, विपक्षी नेताओं को लिखा पत्र
केंद्र ईंधन की बढ़ती कीमत से ध्यान भटकाने को बंगाल में कानून-व्यवस्था चरमराने का दावा कर रहा: ममता
कोलकाता/दार्जिलिंग. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के नेताओं को पत्र लिखकर उनसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने की अपील की. तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख के तौर पर लिखे पत्र में बनर्जी ने भाजपा से मुकाबला करने की रणनीतियों पर चर्चा करने और एकजुट एवं सैद्धांतिक विपक्ष बनाने का संकल्प लेने के लिए एक बैठक करने की अपील की, ताकि ‘‘ऐसी सरकार बनाने की तैयारी की जा सके, जिसका देश हकदार है.’’ उन्होंने कहा कि सभी ‘‘प्रगतिशील ताकतों’’ को एक साथ आने और ‘‘भाजपा के दमनकारी शासन’’ से लड़ने की जरूरत है.
बनर्जी ने 27 मार्च को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं आपको सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा इस देश के संस्थागत लोकतंत्र पर किए जा रहे सीधे हमलों पर गहरी ंिचता व्यक्त करने के लिए यह पत्र लिख रही हूं.’’ इस पत्र को मंगलवार को सोशल मीडिया पर साझा किया गया.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी से बैठक करने की अपील करती हूं, ताकि सभी की सुविधा तथा उपयुक्तता के अनुसार आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया जा सकेङ्घ आइए, हम एकजुट एवं सैद्धांतिक विपक्ष बनाने का संकल्प लें, ताकि ऐसी सरकार बनाने की तैयारी की जा सके, जिसका देश हकदार है.’’
भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की कथित प्रतिशोधात्मक राजनीति की आलोचना करते हुए, बनर्जी ने दोहराया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) जैसी एजेंसियों का ‘‘राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने और उन्हें घेरने’’ के लिए उपयोग कर देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने पर हमला किया जा रहा है. इस बीच भाजपा ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं धराशायी हो गई हैं, जबकि कांग्रेस ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल के पास भाजपा से लड़ाई में विश्वसनीयता की कमी है.
बनर्जी ने आरोप लगाया कि दिल्ली विशेष पुलिस (संशोधन) विधेयक, 2021 और सीवीसी (संशोधन) विधेयक, 2021 संसद में शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा बहिर्गमन के बीच पारित किए गए थे. उन्होंने कहा, ‘‘ये कानून केंद्र को ईडी और सीबीआई के निदेशकों के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने में सक्षम बनाते हैं, जो उच्चतम न्यायालय के पिछले फैसले का घोर उल्लंघन है.’’ उन्होंने पार्टियों से विपक्ष को दबाने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग करने के भाजपा के इरादे का विरोध करने का आग्रह किया.
शासन में पारर्दिशता और जवाबदेही की मांग करते हुए, उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं को भाजपा की प्रतिशोधात्मक राजनीति को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए. बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा न्यायपालिका को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा बार-बार न्यायपालिका के एक खास वर्ग को प्रभावित करने की कोशिश कर देश के संघीय ढांचे पर हमला करने की कोशिश कर रही है.’’ इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा धराशायी हो गई है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब्दुल मन्नान ने दावा किया कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई में तृणमूल कांग्रेस के पास विश्वसनीयता की कमी है. उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा के खिलाफ लड़ाई में टीएमसी के पास विश्वसनीयता की कमी है, चूंकि वह (तृणमूल कांग्रेस) कई भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों का सामना कर रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले तक, हम पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा नियमित रूप से हमला किया जाता था. तो, अचानक से क्या बदल गया है कि वे हमसे संपर्क कर रहे हैं? उन्हें इसका जवाब देना चाहिए.’’ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि भाजपा विरोधी ताकतों के एक साथ आने का सवाल महत्वपूर्ण है लेकिन प्रस्ताव बनाने की तृणमूल कांग्रेस की मंशा भी पता होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘वामपंथ हमेशा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उससे प्रेरित संस्थाओं के खिलाफ रहा है. लेकिन टीएमसी ने गोवा विधानसभा चुनाव और त्रिपुरा निकाय चुनावों के दौरान भाजपा विरोधी वोटों को विभाजित किया जिससे भाजपा को मदद मिली.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या तृणमूल कांग्रेस दोहरा रुख अपना रही है, चक्रवर्ती ने, “यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि टीएमसी यह प्रस्ताव क्यों दे रही है.’’
केंद्र ईंधन की बढ़ती कीमत से ध्यान भटकाने को बंगाल में कानून-व्यवस्था चरमराने का दावा कर रहा: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर मंगलवार को आरोप लगाया कि वह राज्य में कानून-व्यवस्था चरमराने का झूठा दावा करके ईंधन के दाम बढ़ने जैसे मामलों पर लोगों के आक्रोश से बचने की कोशिश कर रही है. बनर्जी ने दार्जिंिलग शहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पहाड़ी क्षेत्रों के राजनीतिक दलों से अपने मतभेदों को भुलाकर उत्तर बंगाल के विकास के लिए काम करने की अपील की.
उन्होंने बीरभूम में रामपुरहाट के बोगतुई गांव में नौ लोगों की कथित हत्या को लेकर मचे राजनीतिक हंगामे का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘लोग ईंधन की तेजी से बढ़ती कीमत से परेशान हैं और भाजपा मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने और पश्चिम बंगाल को बदनाम करने के लिए छिटपुट घटनाओं पर जोर दे रही है.’’ बनर्जी ने कहा, ‘‘भाजपा शांति को बाधित करने के लिए पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो जाने के झूठे दावे कर रही है. भगवा दल को हमारे राज्य या इसके लोगों से प्यार नहीं है. उन्हें राज्य के विकास की ंिचता नहीं है. वे चुनाव से पहले आते हैं, बड़े-बड़े वादे करते हैं और उन्हें कभी पूरा नहीं करते.’’ उन्होंने दावा किया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने चार राज्यों में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की जीत के बाद ईंधन के दाम में वृद्धि की.
बनर्जी ने कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि उन्हें लोगों की कितनी ंिचता है.’’ मुख्यमंत्री ने पहाड़ी क्षेत्र के राजनीतिक दलों से आपस में नहीं लड़ने को कहा. उन्होंने कहा, ‘‘कंचनजंगा मुस्कुरा रहा है, पर्यटन फिर से पटरी पर है और कोई ंिहसा नहीं है. आइए, यहां से अपनी यात्रा को आगे लेकर जाएं.’’ बनर्जी ने कहा कि उनके दल ने छात्रों को क्रेडिट कार्ड देने से लेकर भूमिहीन लोगों को ‘पट्टा’ जारी करने तक अपने सभी चुनावी वादों को पूरा किया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने क्षेत्र में चाय के बागानों में काम करने वाले श्रमिकों को वित्तीय मदद दी है.
उन्होंने कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे 17,000 भारतीय छात्रों में से 400 पश्चिम बंगाल से हैं और केंद्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लौटने वाले छात्र अपने पाठ्यक्रम को पूरा कर पाएं. बनर्जी ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल सरकार सुनिश्चित करेगी कि हमारे राज्य के छात्रों को इस प्रकार की सुविधाएं मिलें.’’ बनर्जी रविवार से उत्तर बंगाल के पांच दिवसीय दौरे पर हैं.