मणिपुर हिंसा: प्रियंका ने मोदी की आलोचना की, शांति के लिए ‘ठोस कदम’ उठाने के लिए कहा

सुरक्षा बलों पर हमले में भाड़े के विदेशी लड़ाकों की संलिप्तता की आशंका : मणिपुर के मुख्यमंत्री

नयी दिल्ली/इंफाल. मणिपुर में चार व्यक्तियों की गोली मारकर हत्या के एक दिन बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने मंगलवार को वहां की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और सरकार से पूर्वोत्तर राज्य में सभी हितधारकों से बात करके स्थिरता एवं शांति के लिए ”ठोस कदम” उठाने का आग्रह किया. मणिपुर के थोउबल जिले के अल्पसंख्यक बहुल लिलोंग चिंगजाओ इलाके में अज्ञात हमलावरों ने चार ग्रामीणों की गोली मारकर हत्या कर दी.

प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”मणिपुर में चार लोगों की हत्या कर दी गई. कई लोग घायल हैं, कई जिलों में कफ्र्यू है. आठ महीने से मणिपुर के लोग हत्या, हिंसा और तबाही झेल रहे हैं. यह सिलसिला कब रुकेगा?” उन्होंने कहा, ”मणिपुर की सभी पार्टियों के नेताओं के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली आकर प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था लेकिन उन्होंने आज तक समय नहीं दिया. न वे मणिपुर गए, न मणिपुर के बारे में बात की, न संसद में जवाब दिया, न कोई ‘एक्शन’ लिया. क्या मणिपुर को यही नेतृत्व चाहिए, या विज्ञापनों की ताकत महान बताने के लिए पर्याप्त है. सरकार को अब बिना देर किए मणिपुर के सभी पक्षों से बातचीत करके, उन्हें विश्वास में लेकर, स्थिरता और शांति लाने के लिए ठोस कदम उठाने शुरू करने चाहिए.”

मणिपुर में हिंसा कांग्रेस की ‘भारत न्याय यात्रा’ से कुछ दिन पहले हुई है, जो 14 जनवरी को राज्य से शुरू होने वाली है और मार्च में मुंबई में समाप्त होगी. मई में उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद मणिपुर में अराजकता और अनियंत्रित हिंसा भड़क उठी, जिसमें राज्य सरकार को गैर-आदिवासी मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया गया था.

इस आदेश के कारण आदिवासी कुकी और गैर-आदिवासी मेइती समुदायों के बीच बड़े पैमाने पर जातीय झड़पें हुईं. तीन मई को राज्य में पहली बार भड़की जातीय हिंसा के बाद से 180 से अधिक लोग मारे गए हैं और कई सौ अन्य घायल हुए हैं, जब बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था.

सुरक्षा बलों पर हमले में भाड़े के विदेशी लड़ाकों की संलिप्तता की आशंका : मणिपुर के मुख्यमंत्री
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मंगलवार को दावा किया कि मोरेह शहर में सुरक्षा बलों पर हुए हमले में म्यांमा से आए भाड़े के विदेशी लड़ाकों के शामिल होने की आशंका है. यहां क्षेत्रीय आयुर्वज्ञिान संस्थान (रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस) में उपचार करा रहे घायल सुरक्षा र्किमयों से मिलने के बाद सिंह ने कहा कि आतंकवादी ”अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग कर रहे हैं” और सरकार उनका माकूल जवाब दे रही है.

सिंह ने कहा, ”तलाश एवं घेराबंदी का अभियान जारी है और अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे जा रहे हैं. हमें म्यांमा की तरफ से आए भाड़े के विदेशी लड़ाकों के इसमें शामिल होने का संदेह है… हम इस तरह की आतंकवादी गतिविधियों के जवाब में आवश्यक कदम उठाएंगे.” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ”केंद्र के साथ संपर्क में है और राज्य एवं केंद्रीय सुरक्षा बल संयुक्त रूप से अभियान चला रहे हैं.”

एक अधिकारी ने कहा कि सोमवार को उग्रवादियों एवं सुरक्षा र्किमयों के बीच हुई गोलीबारी के दौरान घायल हुए चार पुलिसर्किमयों और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक कांस्टेबल को बेहतर उपचार के लिए विमान से मोरेह शहर से राज्य की राजधानी लाया गया है.
मोरेह शहर भारत-म्यांमा सीमा के निकट स्थित है और यहां पिछले साल 30 दिसंबर से सुरक्षा बलों एवं उग्रवादियों के बीच गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं. पुलिस ने बताया कि तेंगनोउपल जिले में मंगलवार को सुबह सुरक्षा बलों और संदिग्ध उग्रवादियों के बीच फिर से गोलीबारी शुरू हो गई.

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