फिरौती के पत्र में गलत स्पेलिंग की वजह से पुलिस को फर्जी अपहरण का पता लगाने में मदद मिली
हरदोई/मुंबई. फिरौती के पत्र में गलत स्पेलिंग के कारण पुलिस को अपहरण के एक फर्जी मामले का खुलासा करने में मदद मिली, जिसमें एक व्यक्ति ने अपने बड़े भाई को ठगकर उससे 50 हजार रुपये की मांग की थी. उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में गन्ना क्रय केंद्र पर तौल का काम करने वाले युवक ने खुद के अपहरण की कहानी रची और रुपए के लिए भाई के मोबाइल पर संदेश में लिखा कि पुलिस को जानकारी देने पर ‘डेथ’ हो जायेगी. पुलिस ने ‘अपहृत’ युवक को रूपापुर के पास तलाश कर लिया.
पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने जब युवक से ‘डेथ’ की स्पेलिंग लिखवाई तो उसने वही गलत स्पेलिंग लिखी जो उसने पहले संदेश में लिखी थी. इस प्रकार मामले का खुलासा हो गया और युवक को गिरफ्तार कर लिया गया. जादौन ने बताया कि पांच जनवरी को पिहानी थाना क्षेत्र के बंदरहा गांव निवासी ठेकेदार संजय कुमार ने पुलिस को सूचना दी कि उसे किसी अज्ञात नंबर से सूचना मिली है कि उसके भाई संदीप (27) का अपहरण कर लिया गया है और उसकी रिहाई के लिए 50 हजार रुपये की फिरौती मांगी गई है.
फिरौती के पत्र में कहा गया था कि अगर उसने रकम नहीं दी तो उसके भाई की ‘डेथ’ हो जाएगी. संजय के पास 13 सेकेंड का एक वीडियो भी मिला है, जिसमें उसका भाई रस्सी से बंधा हुआ दिखाई दे रहा है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ‘डेथ’ शब्द की गलत स्पेलिंग से संकेत मिला कि घटना में शामिल लोग पढ़े-लिखे नहीं थे. उन्होंने कहा कि संजय की किसी से दुश्मनी नहीं थी और फिरौती की रकम भी बड़ी नहीं थी, इसलिए संदेह पैदा हुआ.
मोबाइल लोकेशन के आधार पर तलाशी के दौरान पुलिस ने संदीप को रूपापुर में पाया और संदेह के आधार पर उससे पूछताछ की गई. इसी दौरान उससे उसके अपहरण के बारे में एक आवेदन लिखने को कहा गया, जिसमें उसने फिर से ‘डेथ’ शब्द का उल्लेख किया.
जादौन के अनुसार, ‘डेथ’ शब्द की स्पेलिंग फिरौती के पत्र में गलत थी और संदीप ने आवेदन में भी वही गलती की. एसपी ने कहा कि बाद में उसने अपने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ने की बात कबूल की और पुलिस को बताया कि उसे टीवी पर सीआईडी धारावाहिक देख कर अपने भाई से पैसे ऐंठने का आइडिया आया. पुलिस ने कहा कि संदीप पाली इलाके में मिर्जापुर गन्ना खरीद केंद्र में काम करता है.
आभूषण बैग पर लगी जीपीएस चिप की मदद से पुलिस ने दो लुटेरों को किया गिरफ्तार
दक्षिण मुंबई में एक अस्पताल के पास गोलीबारी और डकैती की घटना के सिलसिले में पुलिस ने आभूषणों से भरे बैग पर लगी जीपीएस ट्रैकिंग चिप और सीसीटीवी फुटेज की मदद से दो लोगों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि यह घटना सोमवार रात को हुई जब एक व्यक्ति और उसका भतीजा 42.27 लाख रुपये के सोने के आभूषणों से भरा बैग लेकर मोटरसाइकिल पर जा रहे थे.
उन्होंने बताया कि जब वे सेंट जॉर्ज अस्पताल के पास पी डिमेलो रोड पर थे, तब चार अज्ञात लोगों ने उन्हें रोककर उनकी पिटाई की.
अधिकारी ने बताया कि एक आरोपी ने कथित तौर पर दोनों पर गोलियां चलाईं और सोने के आभूषणों से भरा बैग छीनकर अपने साथियों के साथ भाग गया. उन्होंने बताया कि व्यक्ति के भतीजे के पैर में गोली लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो गया है.
अधिकारी ने बताया कि हथियार की मदद से लूटपाट किए जाने की सूचना मिलने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और व्यक्ति की शिकायत के आधार पर अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज करके उन्हें पकड़ने के लिए कई टीमें गठित कीं.
गहनों के बैग पर लगी जीपीएस चिप तथा इलाके के सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण के आधार पर पुलिस ने मंगलवार को तड़के लोकमान्य तिलक मार्ग के पास एक लुटेरे को पकड़ लिया. अधिकारी ने बताया कि दक्षिण मुंबई के डोंगरी इलाके से एक अन्य व्यक्ति को पकड़ा गया तथा पुलिस ने आरोपी से 16.50 लाख रुपये मूल्य के गहने बरामद किए. पुलिस ने बताया कि दो अन्य अपराधियों की तलाश जारी है.