मिताली राज ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा

नयी दिल्ली/मुंबई. महिला क्रिकेट की महानतम खिलाड़ियों में से एक मिताली राज ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की. इस दिग्गज भारतीय बल्लेबाज ने 23 साल लंबे अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान महिला क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई.

मिताली ने अपने करियर में 232 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 7805 रन बनाए जो खेल के इस प्रारूप में रिकॉर्ड रन हैं.
कुल 10868 अंतरराष्ट्रीय रनों के साथ मिताली महिला क्रिकेट के सभी प्रारूपों में सर्वाधिक रन बनाने वाली बल्लेबाज भी हैं. इस 39 वर्षीय खिलाड़ी ने 89 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले भी खेले. मिताली को सिर्फ 12 टेस्ट खेलने का मौका मिला लेकिन इस दौरान वह दोहरा शतक जड़ने में सफल रहीं और टेस्ट क्रिकेट में यह उपलब्धि हासिल करने वाली भारत की एकमात्र महिला बल्लेबाज हैं.

मिताली ने 2019 में टी20 अंतरराष्ट्रीय प्रारूप को अलविदा कहा था. मार्च में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप में भारत का अभियान खत्म होने के बाद उनके संन्यास लेने की उम्मीद की जा रही थी. वह इस प्रतिष्ठित आईसीसी टूर्नामेंट में भारत की कप्तान थीं. मिताली ने संन्यास की घोषणा करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘‘मैं भारत की नीली जर्सी पहनने की यात्रा पर निकली थी क्योंकि अपने देश का प्रतिनिधित्व करना सबसे बड़ा सम्मान होता है. मैंने अपनी यात्रा के दौरान कई शीर्ष लम्हे देखे और कुछ मुश्किल दौर का भी सामना किया. इस हर लम्हे ने मुझे कुछ नया सिखाया और पिछले 23 साल मेरे जीवन के सबसे संतोषजनक, चुनौतीपूर्ण और आनंददायक वर्ष रहे.’’

उन्होंने लिखा, ‘‘पूरी यात्रा का आनंद लिया, इसका भी अंत होना ही था. आज वह दिन है जब मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूप से संन्यास लेती हूं.’’ राजस्थान की इस क्रिकेटर ने दो दशक से अधिक समय तक बल्ले से अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत दिग्गज खिलाड़ी का दर्जा हासिल किया. मिताली ने 1999 में जब भारत की ओर से पदार्पण किया तो महिला क्रिकेट को अधिक तवज्जो नहीं दी जाती थी लेकिन अब यह लाखों लड़कियों के लिए करियर के रूप में पसंद बन चुका है जो उनकी तरह बनना और नाम कमाना चाहती हैं.

मिताली ने लिखा, ‘‘जब भी मैंने मैदान पर कदम रखा, मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, मेरा इरादा भारत की जीत में मदद करना था. मैं हमेशा तिरंगे का प्रतिनिधित्व करने के लिए मुझे दिए गए अवसर को संजो कर रखूंगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अब मेरे खेल करियर का अंत करने का सही समय है क्योंकि टीम कुछ बहुत ही प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों के हाथों में है और भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है.’’ मिताली ने कहा, ‘‘इतने वर्षों तक टीम का नेतृत्व करना सम्मान की बात थी. इसने मुझे निश्चित रूप से एक व्यक्ति के रूप में बेहतर बनाया और उम्मीद है कि भारतीय महिला क्रिकेट भी बेहतर हुआ होगा.’’ मिताली ने कहा कि एक और सफर उनका इंतजार कर रहा है क्योंकि वह खेल से जुड़े रहना पसंद करेंगी.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत और दुनिया भर में महिला क्रिकेट से प्यार करती हूं और इसकी प्रगति में योगदान दूंगी. मेरे सभी प्रशंसकों के लिए विशेष उल्लेख, आप सभी के प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद.’’ मिताली ने छह एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और उनके नाम लगातार सात अर्धशतक जड़ने का रिकॉर्ड भी है.

वह भारत की एकमात्र कप्तान (महिला या पुरुष) हैं जिनकी अगुआई में भारत दो बार विश्व कप फाइनल (2005 और 2017) में खेला.
विश्व कप 2017 में टीम के प्रदर्शन से भारत में महिला क्रिकेट को काफी लोकप्रियता मिली. पांच साल बाद न्यूजीलैंड में हालांकि मिताली अपने करियर का परिकथा जैसा अंत नहीं कर सकी जहां भारत शुरुआती चरण से ही बाहर हो गया.

क्रिकेट जगत ने ‘प्रेरणास्रोत’ बनने के लिये मिताली राज की प्रशंसा की

भारतीय क्रिकेट जगत ने मिताली राज के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद लाखों क्रिकेटरों के लिये सही मायने में ‘लीजेंड’ और प्रेरणा स्रोत बनने के लिये प्रशंसा की. अपने 23 साल के लंबे करियर में मिताली ने महिला क्रिकेट के बारे में धारणा को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया. मौजूदा और पूर्व क्रिकेटरों ने उनके संन्यास के बाद ट्वीट कर उनकी प्रशंसा की.

भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने कहा, ‘‘भारत में मिताली राज का नाम महिला क्रिकेट का पर्याय बन गया है. आप पूरी दुनिया में लाखों महिलाओं की प्रेरणा रही हो. भविष्य के लिये मेरी शुभकामनायें. ’’ भारतीय सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने ट्वीट किया, ‘‘मिताली राज शानदार करियर के लिये बधाई. आप देश भर के क्रिकेटरों के लिये शानदार उदाहरण रही हो. आप आगे जो कुछ करोगी, उसके लिये ‘गुडलक’. ’’ पूर्व भारतीय बल्लेबाज और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण ने कहा, ‘‘भारत के लिये खेलने का सपना कुछ ही साकार कर पाते हैं और 23 साल तक देश का प्रतिनिधित्व करना शानदार है. आप भारत में महिला क्रिकेट की स्तंभ रही हो और आपने कई युवा महिलाओं की ंिजदगी बदली है. इस शानदार करियर के लिये बधाई हो. ’’

पूर्व भारतीय आल राउंडर रीमा मल्होत्रा ने ट्वीट किया, ‘‘मिताली राज इस शानदार यात्रा के लिये बधाई. भाग्यशाली हूं कि आपके साथ खेली. आपने कई युवाओं को इस खेल में आने के लिेय प्रेरित किया. आपका नाम हमेशा क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में अमर रहेगा. आप सही मायने में शानदार खेलीं. ’’ पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आर पी ंिसह ने लिखा, ‘‘आप अपने करियर पर काफी गर्व कर सकती हो. सही मायने में महान खिलाड़ी और एक नायिका जिन्होंने लाखों को क्रिकेट खेलने का सपना देखने के लिये प्रेरित किया. नयी पारी के लिये बधाई और शुभकामनायें. ’’ पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने लिखा, ‘‘अपने करियर के अंत में मिताली अपनी कुछ साथी खिलाड़ियों की तुलना में ज्यादा समय तक फॉर्म में रहीं. उन्होंने इतने लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट की सेवा की. आपका शुक्रिया और बधाई. दूसरी पारी के लिये ‘गुडलक’. ’’

महिला क्रिकेट की पहली और सबसे बड़ी सुपरस्टार रही मिताली

महिला क्रिकेट की पहली सुपरस्टार, तकनीकी रूप से सबसे सटीक बल्लेबाज और एक पीढी को प्रेरित करने वाली क्रिकेटर, मिताली राज पर ये सारी उपमायें चरितार्थ होती हैं. सोलह बरस की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करके पहले ही मैच में शतक जड़ने वाली मिताली एक समृद्ध विरासत छोड़कर क्रिकेट से रूखसत हुई हैं. उनके कवर ड्राइव और बैक फुट पर स्ट्रोक्स को क्रिकेट जगह बरसों तक याद रखेगा . उनकी तकनीक इतनी खालिस थी कि उसमें गलती ढूंढना आसान नहीं होता था. मिताली ने 23 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला और इतने लंबे कैरियर के मामले में वह 24 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले सचिन तेंदुलकर को टक्कर देती हैं .

भारत को 1976 में पहली टेस्ट जीत दिलाने वाली कप्तान शांता रंगास्वामी का मानना है कि मिताली भारत की सर्वश्रेष्ठ महिला बल्लेबाज रही हैं. मिताली ने जब खेलना शुरू किया , उससे काफी पहले रंगास्वामी अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी थी लेकिन बतौर कमेंटेटर और चयनकर्ता मिताली के प्रदर्शन पर करीब से उनकी नजर रही.

रंगास्वामी ने कहा ,‘‘ बल्लेबाजों की बात करें तो सबसे सटीक तकनीक के मामले में दो ही नाम आते हैं सुनील गावस्कर और मिताली .’’ उन्होंने कहा ,‘‘ सबसे यादगार बात तो यह है कि 20 साल से अधिक समय से खेलने के बावजूद वह शीर्ष पर रही . मेरी नजर में तो वह भारत की सर्वश्रेष्ठ महिला बल्लेबाज है.’’ मिताली के पिता भारतीय वायुसेना में थे और यही वजह है कि उनकी बल्लेबाजी में गजब का अनुशासन देखने को मिलता है.

बचपन में मिताली को भरतनाट्यम का शौक था लेकिन वह उसे परवान नहीं चढा सकी. वह फुटवर्क क्रिकेट में उनके काफी काम आया .
घरेलू क्रिकेट में उन्होंने आंध्र प्रदेश के लिये कुछ समय खेला लेकिन बाद में एयर इंडिया और रेलवे से जुड़ गई. बीसीसीआई ने भारतीय महिला क्रिकेट को 2006 में जब अपनी छत्रछाया में लिया तो मिताली ने खेल की तकदीर को बदलते हुए देखा. अब महिला क्रिकेट में पेशेवरपन आ गया था.

ट्रेन की बजाय अब खिलाड़ी बिजनेस क्लास में सफर करने लगे थे . मिताली इस उतार चढाव वाले सफर की गवाह रही. एक के बाद एक रिकॉर्ड तोड़ने वाली मिताली ने अपने कैरियर में खराब दौर भी देखा . मुख्य कोच रमेश पवार से 2018 टी20 विश्व कप के बाद उनके मतभेद सार्वजनिक हुए . उन्हें सेमीफाइनल में टीम से बाहर कर दिया गया और उन्होंने आनन फानन में इस प्रारूप को अलविदा कह दिया.

लगातार सात अर्धशतक का रिकॉर्ड बनाने वाली मिताली ने आखिर तक निरंतरता बरकरार रखी . भारतीय खेमे में मतभेद की खबरों के बीच उन्होंने अपना संयम कभी नहीं खोया. अपने सुनहरे सफर का अंत वह विश्व कप के साथ करना चाहती थी लेकिन यह ख्वाहिश अधूरी ही रह गई.

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