जम्मू एवं कश्मीर में चुनाव कराने का दावा कर मोदी ने विपक्ष के ‘झूठे विमर्श’ को ध्वस्त किया: भाजपा

जम्मू कश्मीर में कब होंगे विधानसभा चुनाव: कांग्रेस का प्रधानमंत्री से सवाल

नयी दिल्ली/उधमपुर. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और अन्य विपक्षी दलों द्वारा फैलाए जा रहे ‘झूठे विमर्श’ को ध्वस्त कर दिया है. भाजपा की यह प्रतिक्रिया उस वक्त आई है जब प्रधानमंत्री ने उधमपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि वह समय दूर नहीं है जब जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे और राज्य का दर्जा भी वापस मिल जाएगा.

केंद्र शासित प्रदेश के लिए पार्टी के सह प्रभारी आशीष सूद ने कहा, ”मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई देना चाहूंगा क्योंकि प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव कराने का अपना संकल्प दोहराया है.” उन्होंने आरोप लगाया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और अन्य विपक्षी पार्टियों के शीर्ष नेता यह दावा करके मुद्दे पर झूठी धारणा बना रहे हैं कि भाजपा नीत केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने से डरती है.

उन्होंने कहा, ”वे एक गलत धारणा बना रहे हैं कि जम्मू कश्मीर में स्थिति सामान्य नहीं है, सुरक्षा स्थिति सामान्य नहीं है और भारत सरकार चुनाव कराने से डर रही है. फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और अन्य इस तरह का विमर्श गढ़ रहे थे, जिसे अब ध्वस्त कर दिया गया है.” सूद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले भी दोहराया था कि स्थितियां अनुकूल होने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में चुनाव कराए जाएंगे. उन्होंने कहा, ”यह मोदी की गारंटी है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव होंगे. मुफ्ती, अब्दुल्ला और गांधी परिवार को समझना चाहिए कि मोदी की गारंटी कभी विफल नहीं होती.”

दशकों बाद जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, सीमा पार से गोलीबारी के भय के बिना हो रहे हैं चुनाव : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव आतंकवाद, हड़ताल, पथराव और सीमा पार से गोलीबारी के डर के बिना होंगे. प्रधानमंत्री ने उधमपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने जम्मू कश्मीर के लोगों की लंबे समय से चली आ रही पीड़ा को समाप्त करने का अपना वादा पूरा किया है. प्रधानमंत्री ने साथ ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को संविधान के अनुच्छेद 370 को वापस लाने की चुनौती दी. भारतीय जनता पार्टी नीत केन्द्र सरकार ने अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त कर दिया था.

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा,” मैं पिछले पांच दशक से जम्मू कश्मीर आ रहा हूं. मुझे 1992 में लाल चौक (श्रीनगर) पर तिरंगा फहराने के लिए निकाली गई एकता यात्रा याद है. हमारा भव्य स्वागत हुआ था. वर्ष 2014 में वैष्णों देवी मंदिर में पूजा करने के बाद मैंने इसी स्थान पर एक सभा को संबोधित किया था और उन लोगों को मुक्ति दिलाने की गारंटी दी थी जो पीढि.यों से (आतंकवाद से) पीड़ित थे.” मोदी ने कहा,” आज आपकी दुआओं से मोदी ने वह गारंटी पूरी है. दशकों बाद ये चुनाव आतंकवाद, हड़ताल, पथराव और सीमा पार से गोलीबारी के डर के बिना हो रहे हैं. ये अब चुनावी मुद्दे नहीं है. वैष्णो देवी और अमरनाथ तीर्थयात्रा की सुरक्षा को लेकर चिंता रहती थी, लेकिन स्थिति (सुरक्षा) बिल्कुल बदल गई है. जम्मू-कश्मीर में विकास हो रहा है और लोगों का सरकार पर विश्वास मजबूत हो रहा है.”

जम्मू कश्मीर में कब होंगे विधानसभा चुनाव: कांग्रेस का प्रधानमंत्री से सवाल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जम्मू कश्मीर के उधमपुर में आयोजित रैली के बीच कांग्रेस ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर केंद्र शासित प्रदेश में लोकतंत्र को निलंबित करने का आरोप लगाया और पूछा कि वहां विधानसभा चुनाव कब होंगे? कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर लिखा कि आज प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर के उधमपुर गए, जहां शासन की बागडोर अपने हाथ में रखने के लिए भाजपा सरकार ने हर स्तर के लोकतंत्र को ‘सस्पेंड’ कर दिया है और चुनाव कराने से इनकार कर रही है.
रमेश का यह सोशल मीडिया पोस्ट ऐसे समय में आया जब प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को उधमपुर में अपनी रैली में कहा कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव का समय दूर नहीं है और केंद्र शासित प्रदेश के लोग जल्द ही मंत्रियों और विधायकों के साथ अपने मुद्दे साझा कर सकेंगे.
रमेश ने कहा, ”लोकतंत्र को निलंबित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को चार प्रश्नों का जवाब देना चाहिए.” रमेश ने कहा ”जब से भाजपा ने 2018 में ‘बिगड़ती सुरक्षा स्थिति’ का हवाला देते हुए महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लिया, तब से यह पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य केंद्र सरकार के सीधे शासन के अधीन है. जम्मू-कश्मीर के लोग बिना किसी निर्वाचित सरकार के हैं.” उन्होंने कहा, ”विधानसभा चुनाव में देरी के कारण राज्यसभा की चार सीटें भी खाली हैं. केंद्र अक़्सर चुनाव कराने में देरी के लिए भारत के निर्वाचन आयोग को दोषी ठहराता रहा है, लेकिन अब मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने पलटवार करते हुए 2022 के परिसीमन के बाद देरी के लिए केंद्र को दोषी ठहराया है.”

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