MUDA: ‘5000 करोड़ का है मुडा घोटाला, निष्पक्ष जांच के लिए इस्तीफा दें सीएम’, सिद्धारमैया पर हमलावर भाजपा

कर्नाटक के राज्यपाल द्वारा कथित MUDA घोटाले में सीएम सिद्धारमैया पर मुकदमा चलाने की अनुमति दिए जाने पर राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस जहां केंद्र सरकार पर राज्य सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगा रही है। वहीं भाजपा सीएम पर हमलावर है और उनसे इस्तीफे की मांग कर रही है।
‘विपक्षी गठबंधन के नेता संविधान का अपमान कर रहे’
भाजपा ने कर्नाटक के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा नेताओं ने कर्नाटक सरकार और सीएम सिद्धारमैया पर गंभीर आरोप लगाए। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा, ‘विपक्षी गठबंधन सरकार और उसके नेता संविधान का अपमान कर रहे हैं। यह पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में देखा जा सकता है। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सीएम सिद्धारमैया पर मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। MUDA भूमि घोटाला कुछ दिन पहले ही उजागर हुआ था। लोगों ने राज्यपाल को एक याचिका देकर सीएम पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। राज्यपाल ने पहले सरकार से जानकारी मांगी थी, लेकिन जब वे उनके तथ्यों और तर्कों से संतुष्ट नहीं हुए, तो उन्होंने सीएम के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी।’
‘5000 करोड़ का है घोटाला’
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, ‘कर्नाटक की कांग्रेस सरकार शायद इस देश के इतिहास की सबसे भ्रष्ट सरकार है और लूट और झूठ को इन्होंने अपना प्राथमिक एजेंडा बना लिया है। सरकार के हर विभाग को लूटा जा रहा है। मुडा घोटाला 5,000 करोड़ रुपये का घोटाला है, जिसमें महंगी जमीनें मुख्यमंत्री की पत्नी, मुख्यमंत्री के मित्रों और सहयोगियों को बांटी गई और मुख्यमंत्री ने अपने हलफनामे में इसका खुलासा भी नहीं किया। सीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए ताकि मामले में निष्पक्ष जांच हो सके।
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि ‘भाजपा और कई कार्यकर्ता सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और ईमानदारी के लिए लड़ रहे हैं, और अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाते रहे हैं। सीएम के खिलाफ आरोप इतने गंभीर हैं कि सीएम सिद्धारमैया के नेतृत्व में कर्नाटक सरकार ने एक व्यक्ति जांच आयोग नियुक्त किया, बाद में, सीएम और कर्नाटक सरकार ने इन आरोपों की जांच के लिए एक और आयोग नियुक्त किया। अब, कांग्रेस का तर्क है कि अभियोजन के लिए मंजूरी देने की राज्यपाल की कार्रवाई राजनीतिक है, जो सही नहीं है।’
‘सीएम को निष्पक्ष जांच के लिए इस्तीफा देना चाहिए’
भाजपा सांसद ने कहा कि आरोपों की प्रकृति बहुत गंभीर है। ऐसे में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए सीएम को पद से इस्तीफा देना चाहिए। हमें उम्मीद है कि सीएम नैतिक जिम्मेदारी लेंगे और निष्पक्ष जांच के लिए इस्तीफा देंगे।’ केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा, ‘राज्यपाल ने कानूनी रूप से अभियोजन की अनुमति दी है। सिद्धारमैया दो मामलों में दोषी हैं। वाल्मीकि विकास निगम में, उन्होंने खुद विधानसभा में स्वीकार किया कि यह भ्रष्टाचार 187 करोड़ रुपये नहीं बल्कि 89 करोड़ रुपये का है। यह पैसा कांग्रेस पार्टी के चुनाव खर्च के लिए तेलंगाना गया। दूसरा मैसूर में MUDA घोटाला है, जहां उनकी पत्नी ने अवैध रूप से 14 साइट पर कब्जा कर लिया। सिद्धारमैया एक संवैधानिक पद पर हैं। उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए और मुकदमे का सामना करना चाहिए।’