संगीत कोई उत्पाद नहीं, इसका प्रचार नहीं किया जा सकता: अमजद अली खान
मुंबई. दिग्गज सरोद वादक अमजद अली खान का कहना है संगीत कोई उत्पाद नहीं है जिसे ‘‘प्रचार’’ की आवश्यकता होती है. उनका मानना है कि यह इंसान के ‘‘मन की शांति और अच्छे स्वास्थ्य’’ के लिए जरूरी है. पद्म विभूषण से सम्मानित खान ने कहा कि संगीत ईश्वर की ओर से मिला एक उपहार है.
खान (77) ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए ऑनलाइन साक्षात्कार में कहा, ‘‘संगीत का प्रचार नहीं किया जा सकता. संगीत कोका-कोला या टूथपेस्ट (उत्पाद) नहीं है जिसका आप प्रचार करें. जब किसी संगीत कार्यक्रम की सभी टिकट बिक जाती हैं, तो हमें यह समझना चाहिए कि संगीत मानव जीवन के लिए जरूरी है, इसलिए वे कार्यक्रम में आते हैं.’’ उन्होंने कहा कि संगीत का मनुष्य और पर्यावरण दोनों पर महत्वपूर्ण चिकित्सकीय प्रभाव पड़ता है.
खान ने कहा, ‘‘चिकित्सा जगत संगीत के जरिए रोगियों का इलाज कर रहा है. आकर्षक संगीत (सुनने के बाद) पौधे तेजी से बढ़ते हैं और मवेशी अधिक दूध देते हैं. संगीत भगवान का एक अनमोल उपहार है. मन की शांति और अच्छे स्वास्थ्य के लिए, हर इंसान को आकर्षक संगीत सुनना चाहिए.’’ खान के छोटे बेटे और सरोद वादक अयान अली बंगश ने कहा कि वर्षों तक शास्त्रीय संगीत खुद को नया रूप देता आया है.
उन्होंने कहा, ‘‘शास्त्रीय संगीत आज अपनी चरम सीमा पर है. यह हमेशा कला का एक रूप था, जिसने हर दशक में खुद को नया कलेवर दिया. 2023 में महाराष्ट्र, बंगाल, दक्षिण में कॉन्सर्ट हॉल बड़े पैमाने पर टिकटों की बिक्री कर रहे हैं और हजारों लोग इनमें (संगीत समारोह में) आ रहे हैं. इसके अलावा यह स्पॉटिफाई, यूट्यूब आदि पर उपलब्ध है.’’ अयान ने कहा कि विभिन्न ऑनलाइन पोर्टल पर कंटेंट आसानी से उपलब्ध होने के कारण आज प्रस्तुतकर्ताओं के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक अच्छी चुनौती है और आप लगातार खुद को बदल रहे हैं. अमन भाई और मैं एक दिलचस्प शैली में काम कर रहे हैं, (जैसे) सरोद का पहले रैप से कोई लेना-देना नहीं था. अब हम जैज संगीतकारों के साथ काम कर रहे हैं.’’