भाजपा से निलंबित होने के बाद नूपुर शर्मा ने लिया विवादास्पद बयान वापस

नयी दिल्ली. पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के कारण भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निलंबित की गई नूपुर शर्मा ने रविवार को वह बयान बिना शर्त वापस ले लिया, जो पिछले दिनों टेलीविजन में एक बहस के दौरान दिया था. साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी मंशा किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने की नहीं थी. भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता रह चुकीं शर्मा ने दावा किया कि पैगंबर मोहम्मद के बारे में उनकी टिप्पणी ‘‘भगवान शिव का अपमान’’ किए जाने की प्रतिक्रिया में रूप में थी, क्योंकि वह इसे बर्दाश्त नहीं कर सकीं.

ट्विटर पर साझा किए एक पोस्ट में शर्मा ने लिखा, ‘‘मैं पिछले कई दिनों से टीवी डिबेट पर जा रही थी, जहां रोजाना मेरे आराध्य शिवजी का अपमान किया जा रहा था. मेरे सामने यह कहा जा रहा था कि वह शिवलिंग नहीं फव्वारा है.’’ उन्होंने कहा कि बहस के दौरान बार-बार कहा जा रहा था कि ‘‘दिल्ली के हर फुटपाथ पर बहुत शिवलिंग पाए जाते हैं. जाओ जा कर पूजा कर लो.’’ शर्मा स्पष्ट तौर पर वाराणसी के ज्ञानव्यापी मस्जिद में कथित तौर पर शिवलिंग की मौजूदगी को लेकर की जा रही टिप्पणियों का जिक्र कर रही थीं.

उन्होंने अपने बयान में आगे कहा, ‘‘मेरे सामने बार-बार इस प्रकार से हमारे महादेव शिव जी के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने रोष में आकर कुछ चीजें कह दीं (बहस के दौरान). अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं. मेरी मंशा किसी को कष्ट पहुंचाने की कभी नहीं थी.’’ शर्मा की आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ मुस्लिम समूह प्रदर्शन कर रहे थे और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे.

पूर्व भाजपा प्रवक्ता के खिलाफ मुंबई, हैदराबाद और पुणे में धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में मामले दर्ज किए गए हैं.
पार्टी ने शर्मा के साथ ही ट्विटर पर पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए कथित विवादित बयान के लिए पार्टी की दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया.

जिंदल ने कहा कि हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने व उनपर हमले करने वालों से सवाल पूछते हुए उन्होंने एक सवाल उठाया था और उनका किसी समुदाय से जुड़े लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. शर्मा और जिंदल दोनों ही ने ट्विटर पर लोगों से आग्रह किया है कि वे उनका पता सार्वजनिक ना करें, क्योंकि उन्हें व उनके परिवार के सदस्यों को धमकियां मिल रही हैं. उनका यह संदेश इस संदर्भ में था कि पार्टी ने कार्रवाई संबंधी जो पत्र उन्हें भेजा है, उनमें उनके पते का उल्लेख है और लोग उस पत्र की प्रति को ट्विटर पर साझा कर रहे हैं.

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