कर नीति तय होते ही ऑनलाइन गेमिंग को मिलेगा निवेश: सीतारमण
उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए वृद्धि का इंजन बनना जरूरी: सीतारमण

सियोल/इंचियोन. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि जीएसटी परिषद ऑनलाइन गेम पर करारोपण की नीति लाने पर विचार कर रही है और इसे अंतिम रूप दिए जाने पर इस उद्योग को निवेश जुटाने में मदद मिलेगी. दक्षिण कोरिया के दौरे पर आईं सीतारमण ने यहां भारतीय समुदाय के लोगों के एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा कि ऑनलाइन गेमिंग पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के संदर्भ में जीएसटी परिषद के स्तर पर विचार चल रहा है. उन्होंने कहा कि जीएसटी कराधान के अलावा नियमन से संबंधित मुद्दों पर भी मंत्री-स्तरीय चर्चा जारी है.
कोरियाई गेमिंग कंपनी क्राफ्टॉन की तरफ से गेमिंग क्षेत्र में विदेशी निवेश आर्किषत करने के उपायों के बारे में पूछे गए सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘इस नीति को लेकर निश्चितता आने के साथ ही कराधान अधिक स्पष्ट हो जाएगा और इससे निवेशक आर्किषत होंगे.’’ जीएसटी संबंधी मुद्दों पर निर्णय करने वाले सर्वोच्च निकाय जीएसटी परिषद की अध्यक्षता वित्त मंत्री करती हैं जबकि राज्यों के वित्त मंत्री भी उसका हिस्सा होते हैं. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि जीएसटी परिषद की जून में होने वाली अगली बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर कोई फैसला किया जा सकता है.
पिछले कुछ वर्षों में देश के भीतर ऑनलाइन गेमिंग का तेजी से विस्तार हुआ है. केपीएमजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2021 में 13,600 करोड़ रुपये पर रहने वाला ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र वित्त वर्ष 2024-25 तक बढ़कर 29,000 करोड़ रुपये का हो जाएगा.
ऑनलाइन गेम को कौशल और किस्मत पर आधारित खेल के अलग-अलग रूपों में निर्धारित करने की चर्चा चल रही है. कई राज्यों का कहना है कि कौशल पर आधारित खेल की तुलना किस्मत पर आधारित खेल से नहीं की जानी चाहिए. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पिछले महीने ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के लिए मानक तय किए जिसमें सट्टेबाजी एवं दांव पर लगाने वाली गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया गया.
उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए वृद्धि का इंजन बनना जरूरी: सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिये वृद्धि का इंजन बनना और दुनिया के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों के समाधान में मदद करना जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि जी-20 की अध्यक्षता उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिये महत्वपूर्ण चरण में आई है. वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये नये सिरे से स्वयं को स्थापित करने के लिये तीन साल काफी महत्वपूर्ण हैं.
भारत वर्तमान में विकासशील और विकसित देशों के समूह जी-20 का अध्यक्ष है. भारत ने अध्यक्षता इंडोनेशिया से ग्रहण की और वर्ष के अंत में इसे ब्राजील को सौंप देगा. सियोल में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत पर केवल सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर ही नहीं, बल्कि जिस तरह से इसने महामारी को संभाला है और आर्थिक पुनरुद्धार को आगे बढ़ाया है, उसके कारण भी दुनिया के देशों की नजर है. सीतारमण एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिये सियोल में हैं.
उन्होंने कहा कि विकसित देशों में मंदी की आशंका है, वहीं उन देशों के केंद्रीय बैंक महंगाई से निपटने के लिये ब्याज दर बढ़ा रहे हैं.
सीतारमण ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में वैश्विक स्तर पर खासकर उभरती अर्थव्यवस्थाएं, वृद्धि को कैसे टिकाऊ बनाए रख सकती हैं, जबकि वहां आर्थिक वृद्धि के अच्छे संकेत हैं… क्या हमारे लिये उस विकास को बनाए रखना संभव है, क्या हमारे लिए उस वृद्धि को गति देना संभव है, ताकि उभरते बाजार वास्तव में विकास के इंजन बन सकें और वैश्विक संकट को हल करने में मदद कर सकें.’’
वित्त मंत्री ने कहा कि जी-20 तिकड़ी – इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील – सभी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं और इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि दक्षिण देशों की आवाज सुनी जाए. दक्षिण शब्द (वैश्विक साउथ) अपेक्षाकृत कम विकसित देशों के लिये उपयोग किया जाता है. इसमें एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के देश शामिल हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये खुद को नये सिरे से स्थापित करने और वैश्विक वास्तविकताओं के साथ तालमेल बैठाने के लिये तीन साल महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं.’’एक तरफ मंदी और दूसरी तरफ कोविड से आर्थिक पुनरुद्धार की स्थिति है.’’ वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि कृत्रिम मेधा, आंकड़ा विश्लेषण और ‘इंटरनेट आॅफ ंिथग्स’ का व्यापक रूप से उपयोग हो रहा है.
सीतारमण ने कहा कि भारत पहले ही डिजिटल भुगतान व्यवस्था, बिना आमने-सामने आये कर आकलन प्रणाली, डिजिटल आईडी का उपयोग करने के साथ तेजी से प्रौद्योगिकी का बढ़ा रहा है. उन्होंने दक्षिण कोरिया के प्रवासी भारतीयों को भारत में प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष के क्षेत्र में हो रहे विकास में शामिल होने के लिये भी आमंत्रित किया.
इससे पहले, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के वैश्विक मुख्य वित्त अधिकारी हार्क क्यू पार्क ने एडीबी की सालाना बैठक के दौरान अलग से वित्त मंत्री से मुलाकात की. वित्त मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘दोनों के बीच भारत में नई प्रौद्योगिकी में भविष्य के निवेश चर्चा हुई.’’
जलवायु को लेकर सस्ते वित्तपोषण के साथ भारत का समर्थन करे एडीबी: सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अध्यक्ष मसात्सुगु असाकावा से मुलाकात की. इस भेंट के दौरान उन्होंने कहा कि एडीबी जलवायु को लेकर सस्ती दर पर और वित्तपोषण के साथ भारत का समर्थन करे क्योंकि देश की प्रगति का क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर काफी सकारात्मक असर पड़ सकता है.
सीतारमण ने यहां बहुपक्षीय वित्तपोषण एजेंसी के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान कहा कि भारत एडीबी की सरकारी समेत सभी प्रकार की गतिविधियों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण देश है. उन्होंने बैंक की कर्ज देने की क्षमता बढ़ाने को लेकर अनूठी वित्तपोषण व्यवस्था के लिये एडीबी को समर्थन देने की भी बात कही. सीतारमण ने एडीबी को सलाह दी कि वह आत्ममंथन करे और आकलन करे कि बैंक कैसे प्रभावी तरीके से विकासशील देशों का समर्थन कर सकता है.
वित्त मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एडीबी से भारत को सस्ती दर पर और जलवायु वित्तपोषण के साथ समर्थन देने का आग्रह किया है. इसका कारण यह है कि भारत की आर्थिक प्रगति का क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.’’ बैठक के दौरान असाकावा ने अपने सदस्य देशों को 100 अरब डॉलर का जलवायु वित्त प्रदान करने की एडीबी की प्रतिबद्धता को दोहराया. साथ ही एशिया और प्रशांत क्षेत्र में जलवायु के लिये एडीबी की अनूठी वित्त सुविधा के समर्थन के लिये भारत को धन्यवाद दिया. इससे पहले, एडीबी के अध्यक्ष ने बैंक के नवीनतम जलवायु वित्त कार्यक्रम- एशिया और प्रशांत क्षेत्र में जलवायु के लिये अनूठी वित्त सुविधा (आईएफ-सीएपी)…की घोषणा की.
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