ओडिशा ट्रेन दुर्घटना पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहा है विपक्ष: पुरी

जम्मू. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने विपक्षी दलों पर ओड़िशा में हाल में हुई ट्रेन दुर्घटना का ‘राजनीतिक लाभ’ लेने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि कीमती जान बचाने के लिए पीड़ितों तक पहुंचने को लेकर सरकार की प्रतिक्रिया त्वरित थी.
पुरी ने ‘बीबीसी’ पर आयकर के छापों का बचाव करते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र मजबूत है और कोई ताकत इसका क्षरण नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि प्रसारणकर्ता के ”पिछले कदम” से यह संकेत मिलता है कि वह ”उन लोगों के हाथों में था जिनका भारत को लेकर एक एजेंडा है.” पुरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए जम्मू में थे, जिसने हाल ही में सत्ता में नौ साल पूरे किए.

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री पुरी ने यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ”जम्मू पहुंचने पर (सोमवार को) मेरा पहला कार्यक्रम पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक थी. हमने ट्रेन दुर्घटना (2 जून को) में जान गंवाने वाले लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखा और घायल हुए लोगों के लिए प्रार्थना की.” ट्रेन दुर्घटना को लेकर केंद्र सरकार पर विपक्ष के हमले के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में, उन्होंने कहा कि सभी सुरक्षा उपायों के बावजूद, कुछ गलत हो सकता है जो मानव अस्तित्व का हिस्सा है.

उल्लेखनीय है कि ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना में 275 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 1200 से अधिक घायल हो गए थे. पुरी ने कहा कि सरकार ने पीड़ितों और उनके परिवारों की मदद करने की पूरी कोशिश की. उन्होंने कहा, ”आपकी प्रतिक्रिया क्या थी, यह मायने रखता है. बचाव दल कुछ ही मिनट में मौके पर पहुंच गया और मोदी भी वहां पहुंच गए. रेल मंत्री वहां 36 घंटे तक डेरा डाले रहे, स्वास्थ्य मंत्री और एक अन्य राज्य मंत्री भी वहां मौजूद थे.”

उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त रेल लाइन को 51 घंटे के भीतर चालू कर दिया गया था, लेकिन विपक्ष यह सब नहीं देखेगा क्योंकि ”वे एक राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहते हैं.” मंत्री ने कहा, ”उन्हें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए क्योंकि इस तरह की दुर्घटना पहली बार नहीं हुई है. 26 नवंबर, 2008 के आतंकवादी हमले का सीधा प्रसारण टेलीविजन पर होने के बावजूद एनएसजी कमांडो को दिल्ली से मुंबई पहुंचने में 10 घंटे लगे.” दिल्ली मुख्यालय पर आयकर के छापे के बाद बीबीसी की अपनी वास्तविक देयता से कम कर चुकाने की स्वीकारोक्ति पर, पुरी ने कहा कि देश में कुछ ”बुद्धिजीवी और गुमराह” लोग तथ्यों को जाने बिना निंदा करना शुरू कर देते हैं.

पुरी ने कहा, ”ऐसे लोग हैं जो जासूसी और प्रेस की स्वतंत्रता के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं. हमारे कानून पूरी तरह से पारदर्शी हैं और यदि आपको कर का भुगतान करना है, तो ‘स्लैब’ पूरी तरह से स्पष्ट हैं. जब करों से बचने वालों को नोटिस दिया जाता है, तो वे हो-हल्ला करना शुरू कर देते हैं.” मंत्री ने कहा कि वह लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि भारत न केवल दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि देश में एक मजबूत लोकतंत्र भी है और कोई चाहे तो भी देश में लोकतंत्र का क्षरण नहीं कर सकता.

उन्होंने कहा कि वह बीबीसी पर कोई विस्तृत टिप्पणी नहीं करना चाहते, लेकिन उसकी पिछली कार्रवाइयों से यह स्पष्ट होता है कि वह ”ऐसे लोगों के हाथों में था जिनका भारत के बारे में एक एजेंडा है.” भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की नौ साल की उपलब्धियों के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को फिर से हासिल करने और इसे दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम चल रहा है.

दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के खिलाफ हालिया कार्रवाई पर मंत्री ने कहा कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से उनसे बहुत सहानुभूति है क्योंकि उनकी पत्नी और दो बेटियां भी नारीवादी हैं. उन्होंने कहा, ”वे प्रदर्शन कर रहे थे, यह कोई समस्या नहीं थी और किसी ने उन्हें नहीं रोका. जिस दिन नये संसद भवन का उद्घाटन किया जा रहा था, उन्होंने कुछ राजनीतिक तत्वों के साथ (संसद की ओर) बढ.ने का फैसला किया. वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मुद्दे को हल करने की कोशिश की.” पुरी ने कहा कि वहां धारा 144 लगाई गई थी और जब कोई कानून तोड़ता है तो कार्रवाई जरूरी होती है.

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