सरकार की जिद के चलते संसद में कामकाज नहीं हो पा रहा: कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने कई जरूरी खाद्य वस्तुओं को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाए जाने को लेकर संसद के दोनों सदनों में चल रहे गतिरोध के बीच बुधवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा से भाग रही है और उसकी जिद के कारण संसदीय कामकाज नहीं हो पा रहा है. विपक्षी सदस्य दोनों सदनों में इस विषय और कुछ अन्य विषयों पर चर्चा की मांग को लेकर पिछले तीन दिनों से हंगामा कर रहे हैं जिस कारण कार्यवाही बाधित हुई है.

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नियम 267 के तहत चर्चा करना जरुरी है, क्योंकि सारा देश देख रहा है कि इस वक्त सभी पार्टियों के लोग संसद में किस तरह से हमारी समस्याओं को उठाएंगे. लोगों की हमसे अपेक्षाएं हैं.’’ उन्होंने कहा कि जीएसटी के विषय पर तत्काल चर्चा होनी चाहिए.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘आज सुबह राज्यसभा में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने मूल्य वृद्धि और खाद्य पदार्थों पर लगाई गई जीएसटी पर तत्काल बहस की मांग की.सरकार ने इससे इनकार कर दिया. सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोदी सरकार की जिद जारी है. संसद में कामकाज नहीं हो पा रहा है.’’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट किया, ‘‘भयंकर महंगाई के बीच गृहस्थी को चाहिए थी संजीवनी. भाजपा सरकार ने आटा, अनाज, मूड़ी (लाई), गुड़, दही पर ‘गृहस्थी सत्यानाश टैक्स (जीएसटी)’ लगाकर महंगाई का बोझ और बढ़ा दिया. नरेंद्र मोदी जी खर्चा बढ़ा रहे हैं और संसद में चर्चा से कतरा रहे हैं. क्या महंगाई पर चर्चा करना “असंसदीय” है?’’ जीएसटी परिषद के फैसले लागू होने के बाद सोमवार से कई खाद्य वस्तुएं महंगी हो गईं. इनमें पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर और दही शामिल हैं, जिन पर पांच प्रतिशत जीएसटी देना होगा.

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