केरल में मरीज ने सरकारी अस्पताल पर गलत ‘रॉड’ लगाने का लगाया आरोप, अस्पताल का इनकार

कोझिकोड. कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में चिकित्सकीय लापरवाही के आरोप लगातार सामने आ रहे हैं. अब एक व्यक्ति ने रविवार को पुलिस से की गई शिकायत में आरोप लगाया है कि किसी अन्य मरीज में लगाने के लिए निर्धारित ‘रॉड’ गलत तरीके से उसके टूटे हाथ में लगा दी गई. अस्पताल ने आरोपों को “निराधार” बताते हुए कहा कि मरीज को इस प्रकार के ‘फ्रैक्चर’ के लिए आमतौर पर उपलब्ध कराया जाने वाला मानक उपचार दिया गया और सर्जरी की गई.

यह नया मामला ऐसे समय सामने आया है जब कुछ दिन पहले ही एक चिकित्सक को चार साल की एक बच्ची की छठी उंगली कथित तौर पर सर्जरी के जरिए हटाने के बजाय उसकी जीभ का ऑपरेशन करने के लिए निलंबित कर दिया गया था. मेडिकल कॉलेज पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में शनिवार को हुई कथित गड़बड़ी को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की गई है.

अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”व्यक्ति ने अपनी सर्जरी के संबंध में कुछ संदेह जताया है. शिकायत में दावे का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच की आवश्यकता है.” उक्त व्यक्ति को बीच अस्पताल (सरकारी सामान्य अस्पताल) से सर्जरी के लिए यहां सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. व्यक्ति को एक सड़क दुर्घटना के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उपचार में त्रुटि का कथित तौर पर पता सर्जरी के बाद एक्स-रे में चला.

आरोपों पर प्रतिक्रिया जताते हुए अस्पताल के हड्डी रोग विभाग के प्रमुख डॉ. जैकब मैथ्यू ने कहा कि उन्होंने मेडिकल रिकॉर्ड की जांच की और पाया कि मरीज के इलाज में कोई गलती नहीं की गई है. चिकित्सक ने सर्जरी सफल होने का दावा करते हुए कहा, “मानक रॉड का इस्तेमाल किया गया. इस मरीज का जिस तरह से उपचार किया गया वह वही है जिसे आमतौर पर समान दिक्कत वाले अन्य मरीजों को उपलब्ध कराया जाता है.”

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