पवार पुनर्विचार करने तक राकांपा प्रमुख हैं; उत्तराधिकारी पर अभी कोई निर्णय नहीं: प्रफुल्ल पटेल

मुंबई/नागपुर/पुणे/नयी दिल्ली. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने बुधवार को कहा कि जब तक शरद पवार पद से हटने के अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करते वह पार्टी प्रमुख बने रहेंगे और तब तक उनके उत्तराधिकारी को चुने जाने पर कोई चर्चा नहीं होगी.
राकांपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पटेल ने यहां संवाददाताओं से यह भी कहा कि वह शीर्ष पद की दौड़ में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि पवार ने अपने उत्तराधिकारी का फैसला करने के लिए मंगलवार को जिस समिति का गठन किया था, उसकी बुधवार को बैठक नहीं हुई.

पटेल ने कहा, ‘‘यदि स्थिति उत्पन्न होती है, तो समिति पवार के उत्तराधिकारी पर निर्णय लेगी और निर्णय सर्वसम्मत होगा. जब पार्टी ने उन्हें इस पर पुर्निवचार करने के लिए कहा, उन्होंने अपने निर्णय पर विचार करने के लिए समय मांगा और जब तक अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक उनके उत्तराधिकारी पर विचार करने का कोई सवाल ही नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोई रिक्ति नहीं है.’ साथ ही पटेल ने कहा, ‘‘पवार अध्यक्ष रहें या न रहें, वे पार्टी की पहचान और आत्मा हैं.’’ पटेल से उन खबरों के बारे में पूछा गया जिनमें कहा गया कि राकांपा नेता सुप्रिया सुले राष्ट्रीय अध्यक्ष और अजित पवार महाराष्ट्र इकाई प्रमुख हो सकते हैं. कुछ खबरों में यह भी कहा गया कि पटेल पवार की जगह ले सकते हैं.

पटेल ने कहा कि पार्टी पवार को अपने फैसले पर पुर्निवचार करने के लिए राजी करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी कार्यकर्ताओं को धैर्य रखना चाहिए और सामूहिक रूप से (पवार के फैसले के विरोध में) अपने पदों से इस्तीफा देना बंद कर देना चाहिए.’’ पटेल ने संवाददाताओं से कहा कि चूंकि वह समिति के संयोजक है, इसलिए जब इसकी बैठक होगी, इस बारे में सूचित करेंगे. उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि प्रदेश राकांपा प्रमुख जयंत पाटिल पार्टी से नाराज हैं. पटेल ने कहा कि पाटिल अपने चीनी सहकारी कारखाने की बैठक में भाग लेने के लिए पुणे में थे.

राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की ‘वज्रमूठ’ रैलियों को भीषण गर्मी की स्थिति के कारण स्थगित कर दिया गया है और यह रविवार को तय किया गया था जब मुंबई में एक रैली आयोजित की गई थी. पटेल ने कहा, ‘‘इसका पवार के राकांपा प्रमुख पद से हटने से कोई लेना देना नहीं है.’’

राउत को अन्य दलों के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए : पटोले
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने बुधवार को सहयोगी पार्टी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें ‘अन्य दलों के मामलों में हस्तक्षेप’ नहीं करना चाहिए. पटोले के इस बयान पर राउत ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की.

कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में भागीदार हैं. महाराष्ट्र में नवंबर 2019 से जून 2022 तक इस गठबंधन के नेतृत्व वाली सरकार ने शासन किया. राउत ने मंगलवार को कहा था कि कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हैं, लेकिन पार्टी के फैसले राहुल गांधी द्वारा लिये जाते हैं. राउत की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर पटोले ने नागपुर में अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता को अन्य दलों के मामलों में हस्तक्षेप करना बंद कर देना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘संजय राउत कांग्रेस के प्रवक्ता नहीं हैं. वह कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे की क्षमता पर सवालिया निशान कैसे लगा सकते हैं? गांधी परिवार पर झूठे आरोप लगाना गलत है.’’ पटोले ने कहा, ‘‘मैं सुझाव दूंगा कि उन्हें (राउत) हमारी पार्टी के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.’’ पटोले के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने कहा, ‘‘किसी ने भी उनकी (पटोले की) पार्टी के बारे में बात नहीं की. राकांपा प्रमुख शरद पवार ने अपनी किताब में उनकी (कांग्रेस) पार्टी के बारे में टिप्पणी की…अगर हम आपके (पटोले) बारे में बात करना शुरू करेंगे, तो यह पता चल जाएगा कि कौन चापलूस है और कौन चापलूसी में लिप्त है. मैं उनके बारे में बात नहीं करना चाहता.’’

पवार साहब को पार्टी अध्यक्ष बने रहना चाहिए: जयंत पाटिल

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने बुधवार को कहा कि वह उन कई लोगों में शामिल हैं, जो ‘‘पवार साहब’’ के नेतृत्व से प्रेरित होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे. पवार ने एक दिन पहले ही घोषणा की थी कि वह राकांपा प्रमुख का पद छोड़ेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पवार की बेटी सुप्रिया सुले के अधीन काम करेंगे क्योंकि शीर्ष पद के लिए उनके नाम की चर्चा चल रही है, पाटिल ने कहा कि पार्टी जो भी फैसला लेती है, उसे सभी को स्वीकार करना होगा.

यह पूछे जाने पर कि क्या वह राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के दावेदारों में से एक हैं, पाटिल ने कहा कि वह खुद को राष्ट्रीय स्तर पर काम करने के योग्य नहीं मानते. उन्होंने कहा, ‘‘मैं राज्य में काम करना जारी रखना चाहूंगा. हमारी मांग है कि पवार साहब राष्ट्रीय प्रमुख बने रहें. इसलिए अन्य नामों पर चर्चा करना उचित नहीं है.’’ वहीं मुंबई में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को यहां आगे की राह पर चर्चा की. छगन भुजबल ने कहा कि पवार की बेटी और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ‘‘राष्ट्रीय भूमिका’’ के लिए आदर्श हैं.

चर्चा से पहले भुजबल ने कहा, ‘‘वह एक सांसद के रूप में अच्छा काम कर रही हैं. इसलिए नए (राकांपा) अध्यक्ष का फैसला करने में कोई समस्या नहीं होगी. अजित पवार को राज्य (महाराष्ट्र) की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए. काम का बंटवारा पहले से ही है.’’ हालांकि बैठक के बाद भुजबल ने साफ किया कि सुले को लेकर दिया गया उनका बयान उनकी निजी राय है.

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